छत्तीसगढ़

असली होली तो शराब माफियाओं की होगी, घर-घर खपाएंगे शराब

Admin2
25 March 2021 5:32 AM GMT
असली होली तो शराब माफियाओं की होगी, घर-घर खपाएंगे शराब
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तस्कर दूसरे राज्यों से लाकर राजधानी में शराब कर रहे डंप

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में अवैध शराब तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे है। होली के त्यौहार में कई दिनों तक लोग अपने घर से बाहर नहीं निकलते और सरकारी छुट्टियां भी रहेगी, जिसकी वजह से शहर भर में सन्नाटा छाया रहेगा, दूसरे राज्यों शराब लाकर यहां पैकेजिंग और बार कोडिंग लगाकर घटिया शराब को ब्रांडेड बनाकर बेचने का खतरनाक खेल खेला जा रहा है। जिसकी पहचान अच्छे अच्छे पियक्ककड़ नहीं कर सकते। इसी का पायदा शराब माफिया उटाते है और शराब के तलबगारों को ऊंचे दाम पर शराब परोस कर भरपूर कमाई करते है। होली पर शराब तस्करों की फुल दीवाली रहेगी। क्योंकि इसकी तैयारी पहले से कर रखे है, बाहरी राज्यों शराब लाकर छत्तीसगढ़ में खपाने का सिलसिला जारी है। दूसरे राज्य से शराब लाने में तस्करों का गिरोह सक्रिय है जो तीज-त्योहार पर बाहरी राज्यों की शराब की सप्लाई करते है। सस्ते दाम में शराब लेकर मनमाफिक दाम पर शराबियों को ड्राई-डे में शराब परोसते है। राजधानी में शराब लाते वक्त तस्कर शराब को सुरक्षित तरीके से फ्रिजबॉक्स में रखकर लाते है। अब तो पुलिस से बचने के लिए तस्कर दुपहिया वाहनों का भी इस्तेमाल करने लगे है।

जुगाड़ से बाइक में कर रहे तस्करी : जुगाड़ के मामलों में रायपुर के लोग तो माहिर है फिर चाहे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का जुगाड़ हो या फिर ड्राई स्टेट में शराब तस्करी का जुगाड़ हो। शराब तस्करी के जुगाड़ का असली मास्टरमाइंड तो शहर के बाहर ही रहकर अपने गुर्गों से ऐसा काम करवा रहा है।

पुलिस की नजऱों से बचने के लिए तस्कर बाइक का इस्तेमाल करते है। बिना किसी को पता लगे एक बाइक में कितनी शराब की बोतलें ले जाई जा सकती हैं? और आर्डर आने पर तुरंत पते पर सप्लाई करने निकल पड़ते है। शराब माफियाओं का कारोबार पूरी तरह हाईटेक हो चुका है, पुलिस को चकमा देने नए-नए तरीके का इस्तेमाल करने से भी बाज नहीं आते। और पुलिस इंतजार करते रहती है दबिश देने का।

शराब की खेप रायपुर तक पहुंचती

रायपुर शहर में काफी शराब की भट्टियां है जिस पर कई लोग काम करते है। अवैध शराब माफिया के लोगों ने रायपुर शहर आकर अपना अड्डा बना लिया है। बाहर से पार्ट-2 की शराब की तस्करी की जाती है। शराब अधिकांश लोग पीते है जिसकी वजह से लोग आज किसी भी तरह की शराब को पी रहे है। शराब के ब्रांड इम्पीरियल ब्लू, रॉयल स्टेग, मेकडावल, रम, रॉयल चेलेन्जर, ब्लेंडर व फाइटर के लिए रैपर, ढक्कन व बार कोड बाहर से सप्लाई होती है। खाली पौव्वे भी बाहर से लाए जा रहे है। खाली बोतल व पव्वे बनाने वाले फैक्ट्री भी अवैध रूप से इस काम को कर रही है।

नशाखोरी का युवाओं पर बुरा असर

राजधानी की सबसे बड़ी समस्या में से एक युवाओं में फैलती नशाखोरी भी है। नशा एक ऐसी समस्या है, जिससे नशा करने वाले के साथ-साथ उनके परिजनों को भी काफी तकलीफ होती है। लोगों को नशे के इस दलदल में एक कदम रखने की देरी होती है, जहाँ आपने एक कदम रखा फिर आप मजे के चलते इसके आदि हो जायेगें, और दलदल में धसते चले जायेगें। नशे के आदि इन्सान, चाहे तब भी इसे नहीं छोड़ पाता, क्योंकि उसे तलब पड़ जाती है, और फिर तलब ही उसे नशा की ओर बढ़ाती है। नशे क़े कई प्रकार है गांजा, चरस, अफीम, ड्रग्स, सिगरेट, हुक्का, शराब, दारू, मारिजुआना ये सब नशा है। जो युवाओं के भविष्य के साथ खेलती है।

बाहर से आ रही अवैध शराब

शराब की तस्करी के पहले नकली होलोग्राम, स्प्रीट को रंगीन करने वाला केमिकल, टेस्ट बदलने वाला एसेंस तीन पैकेट पाउडर और हजारों की संख्या में ब्रांडेड खाली शीशी और ढक्कन नकली जिससे तस्करी करने में आसानी होती है। रायपुर में शराब यूपी और एमपी बॉर्डर से छत्तीसगढ़ तक लाया जाता है। नकली शराब बनाने का भी सारा काम यही अच्छा-खासा फल-फूल रहा है। गाड़ी बिना परमिट के ही शहर में आती है और शहर भर के बड़े-बड़े व्हेयर हॉउस में जाकर अनलोड होती है। पुलिस भी ऐसे लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। पुलिस का मानना है कि नकली शराब बनाने का यह धंधा किसी एक व्यक्ति का नहीं हो सकता। इसलिए पुलिस छानबीन में जुटी है।

नशे का कारोबार जोरों पर

नशे का कारोबार राजधानी में लगातार फैलते जा रहा है। नशे के सौदागर अब स्कूली बच्चों को भी नहीं बख्श रहे है। राजधानी में संचालित सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के आस-पास इन सौदागरों ने अपने ठीहे बना रखे है जहां से बच्चों को नशे के सामान उपलब्ध कराए जा रहे है। नशे के कारोबारियों ने स्कूलों के आस-पास चाय टपरी और ठेले वालो को अपने धंधे में सहभागी बना लिया है जिसके माध्यम से वे स्कूली बच्चों को आसानी से नशे के आदि बना रहे है। शहर में हो रहे अपराधों को कम करने के लिए पुलिस भी अथक प्रयास कर रही है बावजूद अपराध पर लगाम लगाना मुश्किल नजऱ आ रहा है। और वही दूसरी तरफ नशे का कारोबार भी चल रहा है जिसके चलते नवयुवक-युवतियां नशे में मदमस्त है और नशे की पार्टियों में भी संलिप्त रहने लगे है।

मॉडर्न बनने के लिए नशा : नशा को कुछ लोग मॉडर्न मानते है, उनका मानना होता है, नशा करने से लोग उन्हें एडवांस समझेंगे, और उनकी वाहवाही होगी। नशा को अमीरों की शान भी माना जाता है, उन्हें लगता है, नशा करने से हमारा रुतबा सबको दिखेगा। जो व्यक्ति शिक्षित है, वो भी नशा से दूर नहीं है।

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