शराबबंदी कानून को सफल बनाने मद्य निषेध विभाग ने लिया ड्रोन का सहारा
पटना। बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए हर तरीके से कोशिश की जा रही है. मद्य निषेध विभाग (Prohibition Department) अब उन जिलों में ड्रोन से नजर रखेगा जो शराब बनाए जाने के मामले में संदिग्ध हैं. इसके लिए अधिकारियों ने बीते शनिवार को पटना के दीघा घाट पर तीन अलग-अलग ड्रोन के कंपनियों को बुलाया और कई तरह के कैमरे की क्वालिटी को देखा.
दीघा घाट से सटे सारण के दियारा क्षेत्र सहित कई इलाकों में भी कैमरे को भेजा गया गया. कंपनी ने इस डेमो में कई तरह के कैमरे दिखाए. कुछ कैमरे का रेंज 15 से 20 किलोमीटर का था. इतने दूरी के रेंज में अगर कोई भी शराब बनाते दिखा तो वह पुलिस की नजर में आ जाएगा. इसके बाद प्रशासन उसपर कार्रवाई करेगा.
मद्य निषेध विभाग के आरक्षी निरीक्षक संजय कुमार ने बताया कि सरकार के पूर्ण शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर ड्रोन से निगरानी का निर्णय लिया गया है जो जरूरी है. इसकी शुरुआत करने के लिए कैमरा और उसकी क्षमता को हमलोगों ने देखा है. कौन कैमरा ज्यादा प्रभावशाली होगा इसका चयन कमेटी करेगी. पुलिस शराब की भट्ठियों को ध्वस्त करती है लेकिन धंधेबाज फरार हो जाते हैं और फिर से शराब का धंधा चालू कर देते हैं, लेकिन ड्रोन कैमरे की मदद से न सिर्फ शराब भट्ठियों की जानकारी मिलेगी बल्कि भट्ठियों के पास जितने लोग होंगे उनकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाएगी. इससे उनकी पहचान कर गिरफ्तारी करने में आसानी होगी. किस जिले में कितने कैमरे लगेंगे इसका निर्णय ड्रोन की उपयोगिता से किया जाएगा, जिसकी जल्द ही शुरुआत की जाएगी.