रायपुर। प्रदेश की विद्युत प्रणाली से संबंधित सभी कार्याें का निष्पादन छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनीज के द्वारा किया जाता है। पाॅवर कंपनीज छत्तीसगढ़ राज्य शासन के अधीन प्रदेश के उपभोक्ताओं के हित संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। स्टेट पाॅवर जनरेशन, ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की कार्य-निष्पत्ति को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। ऐसी कंपनियों के निजीकरण जैसा कोई भी प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। उक्त जानकारी छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनीज के चैयरमेन अंकित आनंद ने दी। कंपनी के निजीकरण संबंधी कतिपय खबरों को उन्होंने भ्रामक करार देते हुए बताया कि बलौदा बाजार सहित प्रदेश के किसी भी क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था संबंधी कार्यों को फ्रेंचाइजी (निजी हाथों) पर देने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
आगे आनंद ने बताया कि राज्य शासन की रीति-नीति के अनुरूप प्रदेश के विभिन्न श्रेणी के करीब 56 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को संतोषप्रद सेवाएं पाॅवर कंपनीज द्वारा दी जा रही हैं। इनकी सेवा-सुविधा को विस्तारित करने प्रदेश में पहली बार हाॅफ रेट पर बिजली योजना और 'मोर बिजली मोबाइल एप' आरंभ की गई है । ये इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि कंपनी के निजीकरण जैसी बात सत्यता से परे है। प्रदेश भर की विद्युत वितरण प्रणाली के संचारण-संधारण, बिलिंग, राजस्व वसूली के कार्य पाॅवर कंपनीज द्वारा संपादित किये जाते रहे हैं। प्रदेश के बलौदा बाजार क्षेत्र में मीटर रीडिंग, बिलिंग और राजस्व वसूली का जिम्मा निजी एजेंसी को देने की तैयारी के संबंध में कतिपय मीडिया में प्रकाशित खबरों को निराधार बताते हुए श्री आनंद ने बलपूर्वक कहा कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का हित-संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकताओं सहित कंपनी प्रबंधन के लिए सर्वोपरि है।