छत्तीसगढ़

वीआईपी रोड की सरकारी जमीन पर भू-माफियों का कब्जा...!

Nilmani Pal
17 April 2023 5:23 AM GMT
वीआईपी रोड की सरकारी जमीन पर भू-माफियों का कब्जा...!
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जमीन बेचने के नाम पर 4 करोड़ की ठगी, भू-माफिया और जमीन दलाल गुरुप्रीत, मोहन, सुनील और अनिल कुमार के खिलाफ अपराध दर्ज

राजधानी के वीआईपी रोड की सरकारी और निजी भू-माफिया और ठगों की जद में

रसूखदारों की खुलेआम जारी है दबंगई, ठगी के साथ चल रहा कब्जा का खेल

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी बनने के बाद सबसे पहले भू-माफियाओं ने वीआईपी रोड की जमीनों पर कब्जा करने का खेल शुरू किया जो आज तक बरकरार है। कोई भी जमीन हो उनको उनसे मतलब नहीं बस भू-माफियाओं को लोकेशन पसंद आना चाहिए उसे हर हाल में कब्जा करके ही छोड़ते है। वीआईपी रोड तो नाम है पर उसका असल नाम छुटभैया नेताओं, दबंगों और रसूखदारों का कुरूक्षेत्र है जिसमें जितनी ताकत हो उतनी जमीन हथिया सकता है। हाल ही में ताजा मामला वीआीपी रोड का महंगी जमीन बेचने के नाम पर कोरड़ों की ठगी का है। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने बड़े जमीन दलाला और रसूखदारों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। आरोपियों की गिरफ्तारी उनके रसूख के अनुसार होगी ऐसा पीडि़तों का कहना है। पुलिस के मुताबिक वीआीपी रोड से लगी ढाई हेक्टेयर जमीन को गुरमीत सिंह, मोहन कुमार, सुनील कुमार ने अपना बताया और उसके बाद अनिल कुमार के साथ मिलकर जमीन का सौदा कर विनित कुमार से कर दिया। विनित को नक्से में पूरी जमीन एक ही चक में दिखाया गया था, इस कारण उसने पूरी जमीन को वर्ष 2021 में 4 करोड़ रुपए में खरीद लिया। जमीन खरीदने के बाद रजिस्ट्री कराने के समय आरोपी टालमटोल करने लगे। इसके बाद विनित ने जमीन के नक्से की जांच कराई तो वह भी फर्जी निकला इसके बाद आरोपियों ने पैसा वापस करने से बी निकार कर दिया. इसकी शिकायत पर माना पुलिस ने गुरपरीत, मोहन, सुनील और अनिल कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी कूटरचना का अपराध दर्ज कराया। बताया जा रहा है कि आरोपी बड़े जमीन दलाला है ौर बड़ो कोरोबारी के साथ राजनीतिक रसूख भी रखता है।

जमीन बेचने के नाम पर ठग लिए 51 लाख

इसके पहले इसी तरह का मामला जमीन बेचने के नाम पर पंडरी के एक कारोबारी से 51 लाख रुपए की ठगी का मामला आया है। शिकायत पर देवेंद्रनगर पुलिस ने आरोपित नीरज चंद्राकर के खिलाफ बुधवार को चार सौ बीसी का अपराध कायम कर लिया है। देवेन्द्र नगर पुलिस के मुताबिक महालक्ष्मी मार्केट पंडरी स्थित मेसर्स बालाजी डीलकम प्रालि के डायरेक्टर विजय कुमार धाड़ीवाल (59) ने 20 जुलाई 2012 को टाटीबंध बस्ती निवासी नीरज चंद्राकर ने ग्राम कांपा में 47.87 एकड़ जमीन बेचने का सौदा 86 लाख प्रति एकड़ की दर से तय किया था। इसके एवज में 51 लाख रुपए का चेक आरोपित नीरज चंद्रकार को दिया। नीरज ने इस जमीन को अपने पूर्वज प्यारे लाल व शिवप्रसाद के नाम से होना बताया था। उसने यह करार भी किया था कि राजस्व अभिलेखों में अपने नाम पर दर्ज करवाकर शेष रकम प्राप्त करके रजिस्ट्री करवा देगा। अगर वह इसमें असफल रहा तो बयाना की रकम के एवज में ग्राम जंजगिरी, अहिवारा(धमधा) दुर्ग स्थित अपनी 0.523 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री कराएगा।

इस बीच नीरज चंद्रकार ने विजय को बताया था कि उसने जमीन अपने नाम दर्ज कराने की कार्रवाई कर दी है। पटवारी द्वारा प्रतिवेदन भी तहसीलदार रायपुर के न्यायालय में पेश कर दिया गया है और वहां से प्रकरण कलेक्टोरेट चला गया है। पिछले दो महीने से जब नीरज से संपर्क नहीं हुआ तब आशंका होने पर विजय ने कलेक्टोरेट कार्यालय से उस जमीन के बारे में जानकारी ली। पता चला कि ऐसा कोई प्रकरण लंबित नहीं है। नीरज चंद्रकार से संपर्क करने की कई बार कोशिश की गई लेकिन वह छिपता रहा और घर से हमेशा गायब रहने लगा। परेशान होकर विजय धाड़ीवाल ने पिछले महीने थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस ने जांच के बाद मामले में नीरज चंद्राकर के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध कायम कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।

वीआईपी रोड में जमीन का सौदा

करने के बाद नहीं की रजिस्ट्री

वीआईपी रोड की जमीन हमेसा सुर्खियों में रही यहां किसी भी जमीन को अपना बताकर बेचने का केल बहुत पुराना है। किसी दूसरे की जमीन को अपनी बताकर सौदा करने वाले प्रॉपर्टी डीलर पर पुलिस ने चारसौबीसी का केस दर्ज किया है। आरोपी ने पचपेड़ी नाका के एक कारोबारी से 10 हजार वर्गफीट जमीन 45 लाख में सौदा किया। कारोबारी ने 10 लाख एडवांस दिया। पैसे लेने के बाद आरोपी रजिस्ट्री के लिए गुमराह करते रहा। कई बार कहने के बाद जब रजिस्ट्री नहीं की तो कारोबारी ने अपने पैसे लौटाने को कहा। आरोपी ने पैसे भी नहीं लौटाए। कारोबारी ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस में केस दर्ज होने के बाद आरोपी घर से फरार हो गया है। उसकी तलाश की जा रही है। आरोपी के खिलाफ कुछ और लोगों ने शिकायत की है। उसकी जांच की जा रही है। पुलिस अफसरों ने बताया कि पचपेड़ी नाका निवासी मनीष सिंह की सात माह पहले प्रॉपर्टी डीलर प्रीतम सिंह खनूजा से मुलाकात हुई थी। प्रीतम ने कहा कि उसकी वीआईपी रोड में टेमरी में जमीन है। वह प्लाटिंग काट रहा है। कारोबारी ने कहा कि वे जमीन देखना चाहते है। प्रीतम में उन्हें टेमरी ले गया। जगह पसंद आने पर कारोबारी ने 10 हजार वर्गफीट की जमीन का 45 लाख में सौदा किया है। कारोबारी ने 5 लाख कैश और 5 लाख का चेक बतौर एडवांस दिया। पैसे लेने के बाद आरोपी ने दो माह बाद रजिस्ट्री के लिए बुलाया। रजिस्ट्री के दौरान पूरा पैसा देना तय हुआ। कारोबारी पैसा लेकर रजिस्ट्री दफ्तर पहुंच गए। प्रीतम ने वहां रजिस्ट्री कराने से मना कर दिया। फिर उसने गुमराह करना शुरू कर दिया। कारोबारी को शक हुआ तब उन्होंने जमीन के दस्तावेज निकलवाए। कागजात देखने से पता चलस वह जमीन प्रीतम के रिश्तेदार की थी। आरोपी ने उस जमीन को अपनी बताकर बेचने का सौदा किया है। सच सामने आने के बाद आरोपी से पैसा मांगा गया तो उसने मना कर दिया। पुलिस ने जांच के बाद ठगी का केस दर्ज कर लिया है।

8 वर्ष पहले एक और केस, 76 लाख की धोखाधड़ी का

राजधानी सहित दूसरे प्रदेशों के लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले शातिर दपंति तारक रंजन मांझी और उसकी पत्नी के खिलाफ एक और नया मामला सामने आया है। रायपुर में रहने वाले एक युवक की जमीन को 76 लाख रुपए में खरीदने का झांसा देकर अपने नाम करा लिया। इसके बाद रकम दोगुनी करने की बात कहने के अलावा 10 लाख रुपए का बाउंस चेक देकर धोखाधड़ी की। पुलिस ने दोनों पति-पत्नी आरोपी के साथ चार अन्य लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है। तारक दंपति अभी जेल में बंद है। उनके खिलाफ राजधानी के अलग-अलग थानों में अब तक 17 केस धोखाधड़ी के केस सामने चुके हैं। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस के मुताबिक खम्हारडीह रोड स्थित ऐश्वर्य किंगडम में रहने वाले गिरीश राजपूत (30) ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनका श्यामनगर स्थित जेएसटी होम्स कंपनी के संचालक तारक रंजन मांझी और उसकी पत्नी शिखा मांझी सहित उसके लिए काम करने वाले मनीष शुक्ला, रेखराम साहू उर्फ राम सिंह साहू, त्रिवेणी साहू रजनी शुक्ला ने उनके साथ धोखाधड़ी की। उन्होंने बताया कि बागबहरा के खल्लारी में छह एकड़ जमीन को बेचने के लिए उन्होंने विज्ञापन दिया था। विज्ञापन देने के बाद जेएसटी के आरोपियों ने उनसे संपर्क करते हुए जमीन बेचने के नाम पर निवेश करने की बात कहते हुए दोगुना पैसा करने का झांसा दिया। इस झांसे में आकर तारक रंजन ने गिरीश की जमीन का सौदा 76 लाख में किया। उसके बाद उनकी जमीन को अपने नाम कराकर एडवांस के तौर पर गिरीश को 10 लाख का बैंक ऑफ पटियाला का चेक दिया।

जब प्रार्थी ने चेक बैंक में लगाया तो उसमें पैसा ही नहीं था। इसके साथ आरोपी तारक रंजन ने उसकी जमीन का बकाया पैसा भी नहीं दिया। पुलिस ने आरोप दर्ज कर लिया है।

राजेंद्रनगर इलाके में बिल्डर और जमीन दलाल पर केस दर्ज

जमीन बेचने के नाम पर राजेंद्रनगर इलाके में लाखों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस ने दो अलग-अलग ठगी के मामले में आरोपी बिल्डर और जमीन दलाल के खिलाफ चार सौ बीसी का अपराध कायम किया है।

राजेंद्रनगर के तत्कालीन टीआई सीडी लहरे ने बताया कि विवेकानंदनगर सी-49 निवासी कविता जैन (43) पति प्रदीप का परिचय मेसर्स प्रेम कंस्ट्रक्शन के संचालक आशीष जैन के साथ था। उसने कविता को सस्ते में प्लॉट दिलाने की बात कहकर 26 मई 2006 को जीई रोड, लाल गंगा शापिंग मॉल स्थित अपने दफ्तर में बुलाया और अमलीडीह में एक प्लॉट बेचने का सौदा किया। अमलीडीह स्थित भूमि पटवारी हल्का नंबर 114 खसरा नंबर 250/5 ,251/1 रकबा 1077 हेक्टेयर को बिक्री करने इकरारनामा तैयार कराकर बिल्डर ने उक्त जमीन पर खुशी वाटिका नाम से कई मकानों का निर्माण कराया फिर फर्जी तरीके से बैंक से लोन ले लिया। बाद में जिस मकान के जरिए उसने लोन लिया था उस मकान को बेच भी दिया। इसका पता हाल ही में कविता जैन को हुई तब उन्होंने बिल्डर आशीष जैन के खिलाफ थाने में शिकायत की। पुलिस ने मामले में धारा 420,467,468,471,120 बी का अपराध कायम कर लिया है। ठगी के अन्य मामले में एस-20, प्रियदर्शिनीनगर निवासी अनिल चौबे (58) पिता दशरथ ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 7 फरवरी 2013 को गांधी चौक, राजातालाब निवासी प्रहलाद साहू ने नवापारा तहसील अभनपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 466 का टुकड़ा रकबा 161 को बेचने के नाम पर उससे 9 लाख 70 हजार रुपए ले लिया पर उस जमीन को दूसरे को बेच दिया। पैसा मांगने पर वह टालमटोल करता आ रहा है। शिकायत पर पुलिस ने जमीन दलाल प्रहलाद साहू के खिलाफ चार सौ बीसी का अपराध कायम किया है।

जमीन दलाल और महिला की जमानत याचिका खारिज, गिरफ्तार करने पुलिस कर रही छापेमारी

राजधानी रायपुर में किसान से 50 लाख रुपयों की धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले जमीन दलाल बेटे व मां की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। आरोपी किरणदेवी अग्रवाल व दीपक अग्रवाल अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, पुलिस टीमें संभावित ठिकानों पर छापामारी करते हुए उनकी तलाश कर रही है। मामला गुढियारी थाना इलाके का है जहां पीडि़त किसान स्वपन कुमार शाहा ने नया तालाब गुढियारी निवासी किरण देवी अग्रवाल और उसके पुत्र जमीन दलाल दीपक अग्रवाल पिता रामभगत अग्रवाल के खिलाफ चार सौ बीसी का अपराध दर्ज करवाया था। स्वपन ने पुलिस को बताया की जमीन खरीदी बिक्री का काम करने वाले पूर्व परिचित मुश्ताक अहमद व अशोक साहू ने चार सौ बीस किरण देवी अग्रवाल व उसके पुत्र दीपक अग्रवाल से उनका परिचय करवाया था, मां–बेटे ने कोटा स्थित दूसरे की भूमि को अपना बताकर 1.40 करोड़ रुपए में सौदा तय कर जमीन के फर्जी एवं कुत्राचित दस्तावेज दिखाकर भरोसे में लेकर किसान से 50 लाख रुपए ऐंठ लिए थे। इसके बाद आरोपी मां बेटे ने ना ही जमीन की रजिस्ट्री की, और ना ही किसान का पैसा वापस किया,उल्टा रौब झाड़ते हुए झूठे केस में फसाने की धमकी दी। जब किसान मौके पर पहुंचा तो उसके होश उड़ गए। कब्जाधारी अरुण दत्ता ने बताया की न्यायालय द्वारा 2013 में ही बैनामा रजिस्ट्री को अवैध एवं शून्य घोषित किया जा चुका है। उसके बाद भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किसान को बेवकूफ बना अंधेरे में रखकर किरण देवी अग्रवाल व उसके पुत्र दीपक अग्रवाल ने 50 लाख रुपयों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। फिलहाल दोनों ही आरोपी फरार है,पुलिस टीमें उनकी तलाश में जुटी हुई है।

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