छत्तीसगढ़

कमरे की छत का प्लास्टर उखड़कर जमीन पर गिरा, बाल-बाल बची छात्र की जान

Nilmani Pal
29 July 2023 8:05 AM GMT
कमरे की छत का प्लास्टर उखड़कर जमीन पर गिरा, बाल-बाल बची छात्र की जान
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रायपुर: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर की इमारतों की हालत जर्जर हो चुकी है। गुरुवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थित आजाद हॉस्टल में एक बड़ा हादसा होने से टल गया। यहां एक कमरे की छत का प्लास्टर उखड़कर अचानक से जमीन पर आ गिरा। हालांकि इस घटना में किसी को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन रूम की छत को देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुर्घटना बहुत बड़ी थी।
जानकारी के मुताबिक, आजाद हॉस्टल के फर्स्ट फ्लोर के जिस कमरे में ये घटना हुई, उसमें एक छात्र को रहता है। घटना के वक्त वो कमरे में मोबाइल चार्ज पर लगाकर अपने दोस्त के कमरे में गया हुआ था। जब वो वापस लौटा, तो उसने देखा कि कमरे में चारों तरफ कंक्रीट बिखरा पड़ा है। ऊपर की छत की सीलिंग बुरी तरह से उखड़ गई है। उसने इसकी जानकारी हॉस्टल प्रशासन को दी। रात में ही उसे आनन-फानन में दूसरे कमरे में शिफ्ट करवाया गया।
घटना के अगले दिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तत्काल एक्शन लेते हुए रिपेयरिंग का काम शुरू करवा दिया है, लेकिन उस कमरे का जायजा लेने पर ये साफ दिख रहा है कि सीलिंग का सरिया पूरी तरह से सड़ चुका है। ये बाहरी लीपापोती और रंगरोगन सिर्फ सच्चाई को छिपाने और काम चलाने के लिए की जा रही है। इसके अलावा हॉस्टल के कई अन्य कमरों में भी कमोबेश ऐसे ही हालात देखने को मिल रहे हैं। वहां भी सीलिंग के प्लास्टर उखड़ते दिख रहे हैं।
इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1964 में अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल के नाम पर की गई थी। तब से लेकर अब तक यूनिवर्सिटी कैम्पस में नए-नए विभागों के लिए कई बिल्डिंगों का निर्माण हुआ, लेकिन इस यूनिवर्सिटी की कुछ बिल्डिंगों को बने 50 साल से भी ऊपर का वक्त हो चुका है। हालांकि बीच-बीच में इनके रेनोवेशन के लिए विश्वविद्यालय ने पैसे खर्च किए, लेकिन फिर भी ये अंदर से पूरी तरह जर्जर हो चुकी है।
ठीक इसी तरह आजाद हॉस्टल की बिल्डिंग का भी निर्माण 1974 में किया गया था। इसे भी बने करीब 50 साल हो चुके हैं। यहां की हालत बाहरी दीवारों पर पेंट होने से तो बेहतर दिख रही है, लेकिन बिल्डिंग के इन्फ्रास्ट्रक्चर में अब जान नहीं बची है। सीलन आ रहे दीवारों पर भी जगह-जगह टाइल्स चिपका दिए गए हैं।
इस मामले में हॉस्टल वॉर्डन एम एल सतनामी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही जांच की गई। किसी भी छात्र को कोई नुकसान नहीं हुआ है। हॉस्टल में अगले दिन ही रिपेयरिंग का काम शुरू करवा दिया गया है। फिलहाल उस रूम में आवाजाही बंद है।
रविशंकर विश्विद्यालय के कुलसचिव शैलेंद्र पटेल ने कहा कि यूनिवर्सिटी की कई बिल्डिंग काफी पुरानी हो गई है। तेज बारिश में कुछ बिल्डिंग में ऐसी शिकायतें आती हैं। बजट के अनुसार विश्वविद्यालय जर्जर इमारतों की रिपेयरिंग कराता रहता है। फिलहाल हॉस्टल और लाइब्रेरी भवन के लिए नई बिल्डिंग का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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