22 दिन तक हॉस्पिटल में भर्ती रहा बुजुर्ग, मौत होने पर परिजनों ने किया हंगामा
दुर्ग। भिलाई स्थित हाइटेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में परिजनों ने देर रात जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि उनके मरीज 22 दिन तक अस्पताल में इलाज के रखा गया। परिजनों से भी नहीं मिलने दिया गयाा। हर समय मरीज की स्थिति सामान्य बताई गई और फिर 1 दिसंबर को कह दिया गया कि उनकी मौत हो गई। मरीज के परिजनों ने बताया कि मरोदा निवासी द्वारिका दास मानिकपुरी (60 साल) को गर्दन के पीछे गांठ की समस्या थी। उन्हें हाइटेक में न्यूरो सर्जन को दिखाया गया।
उन्होंने कहा की गांठ में पानी भरा है। छोटा से ऑपरेशन करना पड़ेगा, जो आयुस्मान कार्ड से हो जाएगा। परिजन राजी हो गए और उन्होंने बीते 8 नवंबर को स्मृति नगर स्थित हाइटेक अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया। वहां कुछ दिन इलाज के बाद ऑपरेशन के लिए 19 नवंबर की डेट दी गई। ऑपरेशन न्यूज सर्जन डॉ. नचिकेत दीक्षित और दीपक बंसल ने किया। सर्जरी के बाद द्वारिकादास की आवाज ही चली गई। परिजनों का आरोप है कि उन्हें सर्जरी से पहले यह नहीं बताया गया था कि सर्जरी कराने से उनकी आवाज चली जाएगी। सर्जरी के बाद बताया गया कि इसमें ये रिस्क रहता है। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को कुछ दिन और रखना पड़ेगा वो ठीक हो जाएगा। इसके बाद 1 दिसंबर को बोला गया कि मरीज की मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि द्वारिका दास को 22 दिन तक अस्पताल में रखकर केवल बिल बढ़ाने का काम किया गया। इस दौरान परिजन मरीज की स्थिति पूछते तो ठीक होने का आश्वासन दिया गया। मौत से कुछ घंटे पहले 1 दिसंबर को कहा गया कि मरीज की हालत काफी खराब है उसे एम्स ले जाएं। इसके कुछ दे बाद मरीज की मौत की जानकारी दी गई।