- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में हो रही गड़बडिय़ां, सरकार को पता ही नहीं
- शक की सुई विभाग के सबसे बड़े अधिकारी पर...
- जनता की टैक्स की गाढ़ी कमाई का पैसा अधिकारी गटक रहे...
- 25 सालों से जमे अधिकारी लूट रहे खजाना: एक ही क्षेत्र में पिछले 25-30 सालों से अधिकारी पांव जमाकर बैठें हैं जिनसे उच्च अधिकरी भी खौफ खाते हैं। ये अधिकारी ठेकेदारों से सांठगांठ कर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का खजाना लूट कर ग्रामीणों को सुविधाओं से वंचित कर रहे हैं।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को हड़प योजना समझ कर अधिकारी-ठेकेदार दोनों हाथ से सरकारी रकम बटोर रहे हैं। तीन-तीन सरकार बदलने के बावजूद विगत कई सालों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की आड़ में करोड़ों डकार कर बड़े-बड़े भवन, बंगले और होटल भी खोल लिए हैं। पीएमजीएसवाई में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर सरकार कुंभकरणी नींद में है। विभाग के सचिव कहते हैं कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है, वहीं मुख्य कार्यपालन अधिकारी का कहना है कि मुझे अखबार के माध्यम से जानकारी मिली है, इस पर संज्ञान लिया जाएगा। जब भ्रष्टाचार की जानकारी विभागीय सचिव और सबसे बड़े अधिकारी तक को नहीं है तो सरकार को इसकी जानकारी कहां से होगी। हैरानी इस बात की है कि सरकार योजनाओं के लिए बजट स्वीकृत करती है और उसके क्रियान्वयन का काम विभाग करता है, लेकिन तय बजट उसी कार्य में व्यय हुआ या नहीं तथा संबंधित कार्य मापदंडों और गुणवत्ता पूर्ण किया गया या नहीं इसकी मानीटरिंग करना या जानकारी लेना क्या सरकार का काम नहीं है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को सुलभ आवागमन और पहुंच की सुविधा उपलब्ध कराना है लेकिन भ्रष्टाचार के चलते राज्य में यह महती योजना भ्रष्ट अधिकारियों, ठेकेदारों के लिए कमाई का साधन बनके रह गई है।
विभाग के मंत्री को संज्ञान में लेना चाहिए
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में जिस तरह से भ्रष्टाचार हो रहा है उसे विभागीय मंत्री को संज्ञान में ले कर पूरे प्रदेश में इस योजना के तहत बनाई गई सड़कों का भौतिक सत्यापन हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज तथा सामाजिक-राजनीतिक संगठनों की समिति बनाकर संपूर्ण जांच करवानी चाहिए और भ्रष्ट अधिकारियों-ठेकेदारों को जेल भेजना चाहिए, साथ ही जनता के लूटे हुए धन को तत्काल जब्त करने की कार्रवाई करना चाहिए।
खुले आम भ्रष्टचार कोई रोकने वाला नहीं
पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की खुलासे जनता से रिश्ता द्वारा लगातार खुलासा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बने सड़क उरतुली से गरियाबंद तक जिसकी अनुमानित लागत 861.80 लाख जिसके निर्माण कर्ता ठेकेदार मेसर्स गुलाब चंद्र जैन पचपेड़ी नाका रायपुर है। ऐसे पूरे छत्तीसगढ़ में ग्रामीण इलाकों में बनाए जा रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों के निर्माण में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। अधिकारी और ठेकेदार मिलीभगत कर कम लागत में निम्न दर्जे की निर्माण कर शासन के करोड़ो रुपए डकार रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को इनकी कारगुजारियों का पता है लेकिन कमीशनखोरी के चक्कर में कोई कार्रवाई अथवा जांच नहीं हो रही है। सड़कों के निर्माण में मापदंडों और गुणवत्ता का कहीं भी ख्याल नहीं रखा गया है। मटेरियलों के इस्तेमाल में भी तय मापदंड नहीं अपनाए गए हैं। पूरे प्रदेश में विशेष कर आदिवासी और दूरस्थ इलाके के गांवो में भी इस योजना के तहत बनी और बनाई जा रही सड़कों में व्यापक गड़बडिय़ों की शिकायतें मिल रही हैं। संबंधित विभाग के उ'चाधिकारी न तो निर्माण कार्यो की समय-समय पर मॉनिटरिंग करते हैं न ही वस्तु स्थिति से विभागीय मंत्री को अवगत कराते हैं। विभागीय मंत्री को तत्काल इस पर संज्ञान लेकर गड़बडिय़ों की जांच करवाकर दोषी अधिकारी-ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। दूरस्थ इलाकों में तो सड़को की दयनीय स्थिति है कोई देखने वाला नहीं है इस गावों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में व्यापक भ्रष्टाचार होने की बात न सिर्फ ग्रामीण बल्कि सड़कों को देखकर भी पता चलती है। अधिकारियों के सांठगांठ से ठेकेदार घटिया निर्माण कर लागत राशि का बंदरबाट कर रहे हैं। यह भी जानकारी मिली है कि वर्षों से जमे अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर न केवल घटिया सड़क का निर्माण करवाया बल्कि ठेकेदारों का भुगतान भी कर दिया है।
राजधानी में बैठे उच्च अधिकारियों को कुछ जानकारी ही नहीं है
जनता से रिश्ता को भी इसकी शिकायत मिली थी। जनता से रिश्ता ने कई जिलों में ग्राउंड ज़ीरो रिपोर्टिंग कर इसकी तहकीकात की एवं इस सम्बन्ध में ग्रामीणों से भी चर्चा की। कमोबेश छत्तीसगढ़ के लगभग अधिकांश सड़को का यही हालत है। सड़क की हालत देखने में ऐसा लग रहा है निर्माण सामग्री का ठीक ढंग से उपयोग नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में ठेकेदारों ने अधिकारियों से मिल कर जमकर भ्रष्टाचार किया है। दूरस्थ इलाकों के अधिकारी अपनी मनमानी करने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ रहे हैं। यहाँ तक कि राजधानी में बैठे उच्च अधिकारी इन सब बातों से अनभिज्ञ हैं। उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बन रही सड़कों के निर्माण में हो रही गड़बडिय़ों के बारे में जानकारी ही नहीं है। वहीं ग्राउण्ड रिपोर्ट में गरियाबंद जिले के देवभोग इलाके में बनी सड़कों में भ्रष्टाचार के लिए वहां सालों से पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी की भूमिका की जांच होनी चाहिए लेकिन उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने से ुउनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
मुझे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही सड़कों में गड़बडिय़ों और भ्रष्टाचार की कोई जानकारी नहीं है।
-आर. प्रसन्ना, सचिव
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भ्रष्टाचार हो रहा है मुझे इसकी जानकारी अखबार से हो रही है। इस मामले में जानकारी ली जाएगी।
-आलोक कटियार, मुख्य कार्यपालन अभियंता
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