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बलरामपुर। जिले मे गलत इलाज की वजह से एक महिला हॉस्टल वार्डन की मौत हो गयी है, और इलाज करने वाला कोई डॉक्टर नही बल्कि एक मेडिकल संचालक है। महिला हॉस्टल वार्डन की मौत होने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग कार्यवाही के लिए नींद से जागा है, जबकि छत्तीसगढ़ मे बहुत सारे मेडिकल संचालक खुद डॉक्टर बन कर लोगों का इलाज कर रहे हैं और लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
इन मेडिकल संचालको के पास डॉक्टर की डिग्री तो छोड़ो फार्मेसी की डिग्री भी नही होती है, यहाँ तक कि इनके मेडिकल का लाइसेंस तक दूसरे के नाम का होता है। दो-चार दिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती होगी, उसके बाद वही मेडिकल संचालक फिर लोगों का इलाज करते पाया जायेगा।
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