छत्तीसगढ़

शिशल शिल्प बन रहा जनजातीय महिलाओं की आजीविका का साधन

Nilmani Pal
18 Oct 2021 5:07 PM GMT
शिशल शिल्प बन रहा जनजातीय महिलाओं की आजीविका का साधन
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रायपुर। ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार की संवेदनशील पहल पर शिशल शिल्प जनजाति महिलाओं की आजीविका का साधन बन रहा है। उल्लेखनीय है कि ग्रामोद्योग विभाग के हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा ग्रामीण अंचलों में लोगों को विभिन्न शिल्प कलाओं पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को सीधे रोजगार से जोड़ा जा रहा है और उन्हें घर पर ही रोजगार उपलब्ध करा रहा है। इसी कड़ी में हस्तशिल्प विकास बोर्ड जगदलपुर, जिला बस्तर द्वारा ग्राम पंचायत गरावंड के पुजारीगुड़ा ग्राम में शिशल शिल्प का 3 माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

हस्तशिल्प विकास बोर्ड जगदलपुर, जिला बस्तर के महाप्रबंधक श्री एल एस वट्टी ने बताया कि ग्राम पंचायत गरावंड अंतर्गत पुजारीगुड़ा ग्राम में विभागीय योजना अंतर्गत तीन माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिशल शिल्प से जुड़ी 20 जनजाति महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 12 अक्टूबर से 10 जनवरी 2022 तक आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों को 1500 रुपए प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण के उपरांत शिल्प कला उनकी आजीविका का साधन बन जायेगा और उन्हे घर पर ही रोजगार उपलब्ध हो जायेगा। शिल्पकारों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान तैयार किए गए शिल्पकला को हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा बाजार भी मुहैया कराया जाएगा।

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