महिला समूह की सक्रिय सदस्य सुलोचना रावटे, शांति नेताम, मालती नरेटी, मंगतीन नेताम, बृजबत्ती, गिरजा बाई और विमला ने बताया कि गौठान में वर्मी खाद उत्पादन के अलावा पहली बार ट्रायल के रूप में गेंदा फूल की खेती की जा रही है। खेती के लिए टेनिस बॉल नाम के गेंदा फूल की हाइब्रिड वैरायटी के बीज को मंगवाया गया है। इसके लिए पहले नर्सरी तैयार की गई तथा रोपाई के बाद फूलों की हार्वेस्टिंग की गई। उन्होंने बताया कि फूलों की खेती में खास बात यह है कि इससे कम पानी, कम लागत और कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। गेंदा फूल की मांग भी वर्षभर बनी रहती है। उन्होंने अपने नए रोजगार एवं हो रही आमदनी के लिए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया गया कि टेनिस बॉल गेंदा फूल पौधे की हाइट 3 से 4 फुट की होती है। तीन माह में फूल आना शुरू हो जाता है और पैदावार भी अधिक होती है। गेंदा फूल की खेती में अधिक मुनाफा है, इसकी डिमांड भी अच्छी है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत बनाए गए गौठानों के माध्यम से स्व-सहायता समूहों के महिलाओं को आजीविका गतिविधियों एवं स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है। महिला समूह भी वर्मी-कम्पोस्ट खाद उत्पादन के साथ गेंदा फूल की खेती में काफी रूचि ले रही हैं।