जमीन गई और इमारती पेड़ कटवा दिए, किसान की समस्या सुनकर सीएम भूपेश बघेल ने मुआवज़ा देने के निर्देश दिए
कांकेर/कोदागांव। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा की आज यहां नेता अधिकारी एक साथ आए हैं। ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन की हक़ीक़त पता चल सकें। नेताओं के साथ अधिकारियों को लाने का उद्देश्य है कि नीति बनाने वाले ये देखें कि नीतियां सही मायने में लागू हो रही हैं या नहीं। सबसे पहले सरकार बनते ही हमने किसान का ऋण माफ किया। 25 सौ रुपये धान का दिया। मुख्यमंत्री ने सभी से पूछा कि आपको लाभ मिला कि नहीं...सभी ने हाथ उठाकर कहा मिला है लाभ।
- पूरण सोनकर, निवासी- कोकपुर ग्राम, ने बताया कि उनकी 7 एकड़ खेती है। उनका 30 हज़ार रुपए का लोन माफ़ हुआ है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना का भी लाभ मिला है। जो पैसा मिला उससे इलाज कराया है।
- महावर सिंह नुरूटी, निवासी-भानबेड़ा ग्राम, ने बताया कि उनका 5 एकड़ खेत है। उनका 25 हज़ार रुपए का लोन माफ़ हुआ है।
- स्थानीय ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि- पारा के 32 किसानों के खेत में आज तक भूमि सुधार के काम नहीं हुए हैं, जंगल पर निर्भर होकर जीवन यापन में तकलीफ़ है। तो मुख्यमंत्री ने तुरंत ही धान के बदले कोदो, कुटगी, रागी का खेती करने एवं कलेक्टर को मनरेगा के तहत खेत समतलीकरण के लिए निर्देश दिए।
- घसियाराम ने कहा- 2004 में सिंचाई योजना में ज़मीन गई, इमारती पेड़ कटवा दिए हैं और मुआवज़ा नहीं मिला है। जिस योजना में ज़मीन गई वो योजनाएं बंद हो गई है।
- मुख्यमंत्री ने किसान की समस्या सुनकर ज़मीन के बदले ज़मीन लेने की पेशकश की पर किसान ने मुआवज़ा की माँग की है।
मुख्यमंत्री ने मुआवज़ा प्रकरण बनाने और जाँच कर किसान को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।