भूमाफिया और छुटभैया नेताओं के हौसले बुलंद
पीडि़त आरक्षक के भाई पर रिपोर्ट दर्ज नहीं कराने का दबाव
छुटभैया नेताओं को कानून व्यवस्था का दुरुपयोग करने की छूट
आए दिन किसी के कमान -दुकान में कब्जा कर दबंगई दिखा रहे है
किसी के भी जमीन पर बलात कब्जा करने वाले गिरोह चला रहे छुटभैया नेता
रायपुर (जसेरि)। राजधानी में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है, जहां पुलिस वाले भी सुरक्षित नहीं है। हालत यह है कि छुटभैय्ये नेताओं और माफिया गैंग के हौसले बुलंद है। इनके आतंक और रसूख का दबदबा इतना ज्यादा है कि आए दिन लोगों को इनकी प्रताडऩा का शिकार होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं गुंडे बदमाश और भूमाफिया मकान खाली कराने का गोरखधंधा चला रहे है। चाहे वह किसी का भी मकान-दुकान हो उन्हें किसी से कोई गुरेज नहीं है।
ताजा मामला यह है कि आमानाका क्षेत्र में पुलिस आरक्षक के भाई से बलात दबाव बनाकर मकान खाली कराया और दबाव बना रहे है कि इसकी रिपोर्ट नहीं लिखाई जाए। ऊपर नेताओं के दबाव के चलते अब तक इस मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। पुलिस की स्थिति विचित्र बनी हुई है। करें तो कैसे करे अपने परिवार को ही सुरक्षित नहीं कर पा रहे है।
शहर में भू-माफियों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि प्रधान आरक्षक के भाई को छुटभैया नेताओं की शह पर खाली कराया, इस दौरान वहां पुलिस के जवान भी मौजूद थे जो मूकदर्शक बूत बने खड़े थे। वे अपने ही सहकर्मी के परिजन को बेघर होते तमाशा देख रहे थेे। आमानाका थाना क्षेत्र अंतर्गत टाटीबंध इलाके में घर खाली कराने का मामला सामने आया है। जिसमें एक भूमाफिया ने फर्जी तरीके से मकान खरीदी कर असली मालिक को घर से निकाल दिया। आसपास के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घर के असली मकान मालिक विनोद पांडेय ने भू-माफिया सुधीर सिंह से मकान खरीदा था, जिसकी शिकायत करने मोहल्लेवासियों ने आमानाका थाना आ पहुंचे है। इस मामले में पुलिसकर्मी प्रमोद पांडेय के बड़े भाई की बेटी पर सुधीर ने गलत नीयत से धक्कामुक्की भी किया। आमानाका थाना पुलिस जांच कर रही है। इस मामले में दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है। आखिर इस सबके पीछे कौन है और किसके शह पर इस तरह लोगों को बेघर करने का गोरखधंधा छुटभैया नेता गुंडे बदमाश के शह पर अंजाम दे रहे है। यह भी जानकारी मिली है कि इस मामले में पीडि़त पर मामला दर्ज नहीं कराने का दबाव डाला जा रहा है, वहीं पुलिस मामले में भूमाफिया के शिकायत पर ही कार्रवाई करने के मूड में है। इस मामले में दोनों ही पक्ष मकान पर अपना-अपना दावा बता रहे हैं जो जांच का विषय है। पुलिस को दोनों पक्षों के दावे की जांच कर ही आगे की कार्रवाई करनी चाहिए।