छत्तीसगढ़

सीताफल की मिठास का अंतरराष्ट्रीय बाजार भी दीवाना

Rounak Dey
17 Oct 2022 8:29 AM GMT
सीताफल की मिठास का अंतरराष्ट्रीय बाजार भी दीवाना
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रायपुर. छत्तीसगढ़ एक कृृषि प्रधान राज्य है, जहां आज अंतरराष्ट्रीय बाजार भी छत्तीसगढ़ में कृषि की ओर आकर्षित हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विकेता सम्मेलन में आने वाले विदेशी उद्यमी दुर्ग आकर हमारे सीताफल को हाथोहाथ लेते हैं. हमारे धमधा ब्लॉक का जैविक तरीके से तैयार फार्म हाउस एशिया का सबसे बड़ा सीताफल उत्पादक फार्म हाउस का तमका लिए हुए है. 500 एकड़ के इस फॉर्म में 20 प्रकार के फलों को आर्गेनिक तरीके से उगाया जाता है. इसमें 180 एकड़ में केवल सीताफल की खेती होती है.

सबसे ज्यादा वैरायटी हमारे पास

मध्य भारत में सीताफल की सबसे ज्यादा खेती कांकेर जिले में होती है. इसके बाद दुर्ग जिले का नंबर आता है, लेकिन वैरायटी की बात करें तो सबसे ज्यादा 18 वैरायटी हमारे पास है. यहां 180 एकड़ क्षेत्रफल में खेती की जा रही है. इसमें सबसे ज्यादा बाला नगर प्रजाति का सीताफल पैदा किया जा है.

एक बार की मेहनत से तीन पीढ़ियों को मिलता है फल

सीताफल के पेड़ की आयु 90 साल होती है. इस प्रकार यह 3 पीढ़ियों के लिए निवेश की तरह है. यहां फार्म से हर दिन 10 टन सीताफल निकलता है. सीताफल पकने पर इसका पल्प निकाल लेते हैं, जो आइसक्रीम आदि बनाने में काम आता है. छत्तीसगढ़ के कस्टेड एप्पल पल्प की भारी डिमांड होती है.

किलोभर वजन, कई दिनों तक नहीं सड़ते

सीताफल की कई तरह की किस्में यहां के खेतों में रोपी गई है. सबसे बड़े आकार के सीताफल महाराष्ट्र के सोलापुर, मराठवाड़ा में ही पाए जाते हैं. अब एक सीताफल एक किलो और मिठास के मामलों में हम भी बेहतर हो गए है. इनकी खासियत यह है कि ये सामान्य सीताफल से ज्यादा दिन तक पकने के बाद सड़ते नहीं है.

प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पादन कांकेर जिले में

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की महिला किसान खेतीबाड़ी के साथ सीताफल से अपनी आमदनी बढ़ाते आत्मनिर्भर बन रही हैं. कांकेर में सीताफल उत्पादन पूर्णत: जैविक और प्राकृतिक है। छत्तीसगढ़ में लगभग 12 हजार मैट्रिक टन से अधिक सीताफल का उत्पादन होता है, इसमें अकेले कांकेर जिले में 6000 मैट्रिक टन का उत्पादन शुद्ध प्राकृतिक रूप से पैदावार लगभग चार लाख पेड़ों से हो रहा है.

आंकड़ों के अनुसार देश में छत्तीसगढ़ चौथे नंबर पर

एपीडा के अनुसार, देश में सबसे अधिक क्षेत्र में सीताफल की खेती होती है और उत्पादन भी सबसे अधिक यहीं पर होता है. महाराष्ट्र के बाद गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आते हैं. इनके साथ ही असम, बिहार, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना और तमिलनाडू में भी सीताफल की खेती होती है.

Rounak Dey

Rounak Dey

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