रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य में अंर्तराज्यीय शूटरों की आमद चिंताजनक है। यह राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण है। अपराधियों पर पुलिस का धौंस समाप्त हो गयी है। बेहद ही दुर्भाग्यजनक है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बने अभी पांच महिना नहीं हुये है प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हो गये है अपराधी बेलगाम हो चुके है सरेआम लोगो की हत्याएं की जा रही है गोलियां चल रही है। प्रदेश में एक बार फिर वहीं आतंक का दौर वापस आ गया है जो 2018 के पहले था गोलियां मार कर लोगो को लूटा जाता था अपराधी पकड़े नहीं जाते थे एक बार फिर से गोलिया चलायी गयी है अपराधी बैखोफ हो कर घूम रहे है यह भारतीय जनता पार्टी की जंगलराज है जो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फिर से वापस आ गया है।
वही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सारा बस्तर फर्जी मुठभेड़ के खिलाफ लामबंद है, लोग बस्तर बंद कर अपना आक्रोश जता रहे है। लेकिन अत्याचारी भाजपा सरकार को काई फर्क नहीं पड़ रहा है। सरकार को जांच से क्या परहेज है? सरकार इस मामले की जांच से घबरा क्यों रही है? पांच माह में ही साय सरकार अत्याचारी और क्रूर बन गयी है। एक आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी मारे जा रहे। आदिवासी को न्याय के लिये आंदोलन करना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पीडिया में हुये मुठभेड़ में और इसके पहले कांकेर के कोयलीबेड़ा में हुये मुठभेड़ में कुछ निर्दोष लोगो की हत्यायें हुई थी। कांग्रेस ने इस मामले की हाईकोर्ट के न्यायाधीश की देख-रेख में जांच की मांग किया था। आज इसी मांग को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर बंद का आह्वान किया था। कांग्रेस इस बंद का समर्थन किया है। पीडिया और कोयलीबेड़ा दोनों मुठभेड़ की जांच होनी चाहिये। सरकार निर्दोष लोगों की हत्याओं पर विराम लगाये जो लोग दोषी है उन पर कार्यवाही करें।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस ने कभी किसी मुठभेड़ पर अपनी ओर से सवाल खड़ा नहीं किया है। गांव वालों ने सवाल खड़ा किया हमने जांच कमेटी बनाई। जांच कमेटी तथ्यों को सहीं पाई। सरकार इसकी हाईकोर्ट के जज से जांच करवा लें। सरकार को यह सोच बदलना होगा कि हर आदिवासी नक्सली होता है। आदिवासी पीड़ित है उसकी सुरक्षा होनी चाहिये, हमने गृहमंत्री को पत्र लिखकर कहा है विश्वास विकास सुरक्षा की पूर्ववर्ती सरकार की नीति को जारी रखा जाये। उसी नीति से बस्तर में नक्सलवाद 80 प्रतिशत तक कम हुआ था। पीडिया में मारे गये 6 लोगों का आपराधिक रिकार्ड गृहमंत्री जारी करे रहे, शेष लोग क्यों मारे गये सरकार यह बतायें?