छत्तीसगढ़

पंडरी में बंद के दौरान विवाद का असर चेंबर चुनाव पर

Admin2
28 Feb 2021 5:48 AM GMT
पंडरी में बंद के दौरान विवाद का असर चेंबर चुनाव पर
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जय व्यापार पैनल से बिदकने लगे व्यापारी संगठन

चुनाव में दिखने लगा मशल्स, बाहुबल और माफिया धनबल का जोर

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स का चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है. वैसे वैसे प्रत्याशियों की धड़कने तेज होती जा रही है. चेंबर चुनाव के पहले कैट द्वारा भारत बंद का आहान किया गया था. जिसके तहत रायपुर का जिम्मा अमर पारवानी के कंधे पर था. छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बंद का समर्थन नहीं किया था. कैट के समथको ने बंद कराने जगह-जगह उत्पात करते देखें गए. छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अमर पारवानी स्वयं अपने समर्थकॉ के साथ बंद कराने पंडरी कपड़ा मार्केट गए थे. जहां उनके समर्थकगण गाली-गलौज और अपशब्दों का प्रयोग कर दुकान बंद कराने दवाब बना रहे थे। इस संबंध में विजय मुकीम अध्यक्ष होजयरी रेडीमेड डीलर एसोसिएशन और चंदर विधानी अध्यक्ष पंडरी कपडा मार्केट और कई व्यापारियों ने इसकी निंदा की। शनिवार को योगेश अग्रवाल पंडरी कपड़ ा मार्केट पहुंचे, उन्होंने कल जो पंडरी में घटना हुई थी. उसकी निंदा की. एवं व्यापारियों से कहा- कि चुनाव तो आते-जाते रहता है, आपसी मन-मुटाव ठीक नहीं। हम व्यापारियों को आपस में एकता कायम रखना है.सारे व्यापारी एक परिवार के सदस्य के रूप में है. योगेश अग्रवाल को पंडरी कपड़ ा मार्केट के अध्यक्ष चन्दर विधानी ने आश्वासन दिया। कि पूरा पडंरी व्यापारी एकता पैनल के साथ खड़ा है. उनके साथ विजय मुकिम, राजेश वासवानी, हरख मालू , रमेश मिर्घाणी, वासू जोतवानी, राजेश गुरनानी एवं भारी संख्या में समर्थक मौजूद थे।

14 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिया

चेंबर चुनाव के लिए 27 फरवरी नाम वापसी का आखरी दिन था। 14 प्रत्याशियों ने तय समय तक अपना नाम वापस ले लिया। इसके साथ ही चुनाव में प्रत्याशिें की स्थिति साफ हो गई है। नामंकन प्रकिया पूरा होने के साथ ही प्रत्याशी अब प्रचार में ताकत झोक रहे हैं।

कैट के नेता बंद को लेकर फैला रहे है भ्रम

26 फरवरी को जीएसटी के सरलीकरण को लेकर बंद के दौरान पंडरी कपड़ा बाजार में हुए विवाद को अब चेंबर चुनाव में भुनाने की कोशिश कर रहे है। सारा दोष जय व्यापार पेनल पर मढ़ दिया गया। जो विवाद को अमर पारवानी को जिम्मेदार ठहरा रहे है। व्यापारियों ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ औ जब छत्तीसगढ़ चेंबर के फरमान के बिना कई व्यापारियों ने बंद का साथ दिया । जबकि कैट के बंद के साथ चेंबर के कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल थे। चेंबर के पदाधिकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि कैट हर मामले में लोगों को भ्रम फैला रहा है। बंद में कैट का कोई रोल नहीं था. व्यापारियों ने सुबह कारोबार बंद रखकर दोपहर में कारोबार चालू रखा । 12 बजे बाद ही कारोबार की शुरूआत होती है। सुबह 6 से 11 बजे तक तो दुकान ही नहीं खुलता है। बंद पूरी तरह बेअसर रहा।

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