छत्तीसगढ़

घर गिरने की आ गई थी नौबत, अब बन गया है पक्का मकान

Nilmani Pal
16 Jan 2023 2:41 AM GMT
घर गिरने की आ गई थी नौबत, अब बन गया है पक्का मकान
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रायगढ़। खुद का घर हर किसी का सपना होता है। घर केवल चारदीवारी से घिरी एक जगह ही नही होती बल्कि इसमें रहने वालों के लिए सुकून और राहत के साथ ही सुरक्षा, सम्मान, आत्मविश्वास और अपनेपन का भाव भी यह समेटे होती है। अपनी जमीन अपने छत का सपना हर कोई पूरा करने की कोशिश करता है। निम्न आय वर्ग की इस कोशिश में पीएम आवास योजना भी सहायक सिद्ध हो रही है। आज हितग्राहियों के अपने पक्के मकान बन जाने से लोग कई तरीके की चिंताओं से मुक्त हो चुके है, विभिन्न समस्याओं से उन्हे छुटकारा मिला है। रायगढ़ जिले में स्वीकृत मकानों में 87 फीसदी से अधिक मकानों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। अब तक 76 हजार 047 मकानों में से 66 हजार 792 मकान बन चुके हैं। प्रगतिरत मकानों के तेजी से निर्माण के लिए बीते अक्टूबर से लगभग 34 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है।

अपने पुराने मिट्टी के मकान को दिखाते हुए ग्राम कोडपाली निवासी मुनकी चौहान बताती है, मिट्टी के घर में बहुत दिक्कत होती थी। बारिश के दिनों में गली का पानी के साथ खपरैल से पानी टपकने से घर में पानी भर जाता था। पानी इतना होता था कि खाट तक पानी आ जाता था, चैन की नींद नसीब नही होती थी। साथ ही वो घर गिरने वाला था, उसकी चिंता अलग सताती थी। घर में पांच सदस्य है, आय का एक मात्र स्त्रोत खेती किसानी है। बचत इतनी नही थी की खुद का घर बना ले। लेकिन आज वे अपने पक्के मकान की ओर इशारा करते हुए कहती है कुछ साल पहले यह मकान बना है। आज खुशी होती है, दूसरो के जैसा उनका भी खुद का पक्का मकान है। उन्होंने कभी नही सोचा था कि पक्का मकान हो पाएगा, लेकिन पीएम आवास योजना के लाभ से आज यह मकान बन चुका है। मिट्टी के घर लिहाज से काफी राहत है। उसकी मरम्मत के साथ लिपाई-पोताई साफ -सफाई में आसानी होती है। आज पति-पत्नी, बहु-बेटे और बेटी के साथ सुखमय जीवन यापन कर रहे है।

माता-पिता और चार भाईयो का भरा पूरा परिवार और रहने को केवल 2 कमरे का घर। दो लड़को की शादी होने से अब परिवार भी बढऩे लगा जिससे सभी को रहने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसी स्थिति में घर बनाने की सोच रहे थे लेकिन कमजोर माली हालत से यह संभव नहीं दिख रहा था। यह कहना है विकासखंड पुसौर ग्राम कोडपाली निवासी अजमेरी बेगम का, वह बताती है चूड़ी बेचने और रोजी मजदूरी के आय से मात्र जीवनयापन हो पाता था, लिहाजा बचत के पैसे कम पड़ रहे थे, ऐसे में पीएम आवास योजना की जानकारी मिलने पर उन्होंने उसके लिए आवेदन किया। आज पीएम आवास योजना और खुद के बचत से पर्याप्त कमरों का घर बना चुके है और मकान बनाने के बाद दो लड़के की शादी भी किए है। वर्तमान में सारी सुविधाओं के साथ सभी सुखमय से जीवन व्यतीत रहे है।


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