छत्तीसगढ़

हॉस्पिटल वाला गाड़ी अब हमर दुआर...होवत हे अब्बड़ ईलाज...

Nilmani Pal
17 Nov 2021 4:58 AM GMT
हॉस्पिटल वाला गाड़ी अब हमर दुआर...होवत हे अब्बड़ ईलाज...
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कोरबा। राज्य शासन द्वारा स्लम क्षेत्रों में रहने वाले श्रमिकों, गरीबों के लिए प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। वार्डांे में योजना के तहत लगने वाले शिविरों में प्रतिदिन सैकड़ों की तादात में लोगों के ईलाज के लिए हॉस्पिटल वाली गाड़ी (मोबाइल मेडिकल यूनिट) निर्धारित स्लम बस्तियों में पहुंच रही है जहां लोग अपनी बीमारियों का निःशुल्क इलाज करा रहे हैं। कोरबा नगर निगम क्षेत्र की स्लम बस्तियों में इस मोबाइल मेडिकल यूनिट से अभी तक दो हजार 186 स्वास्थ्य शिविर लगाए जा चुके हैं। इन शिविरों में लगभग डेढ़ लाख लोगों का निःशुल्क ईलाज किया जा चुका है। स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण से लेकर गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण, अन्य बीमारियों से जूझ रहे गरीब लोगों का निःशुल्क ईलाज और निःशुल्क पैथोलॉजी जांच लगातार की जा रही है। मोबाइल मेडिकल यूनिटों में ईलाज कराने वाले बीमार श्रमिक, गरीब वर्ग के लोग एक ओर जहां योजना की प्रशंसा करते नहीं थक रहे, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति हृदय से आभार व्यक्त कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्लम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनकी बस्ती, घर एवं दुआर पहुंचकर गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श, उनकी जांच एवं दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। लोगों को मुफ्त में उनके घर के नजदीक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए जनकल्याणकारी योजना मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना क्रियान्वित की गई है। योजना के तहत डाक्टर, नर्स तथा अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ दवाईयों सहित मोबाईल मेडिकल यूनिट स्लम क्षेत्रों में पहुंच रही है तथा वहां के निवासियों की निःशुल्क जांच व विभिन्न बीमारियों का इलाज कर रही है। नगर निगम कोरबा क्षेत्रांतर्गत विगत 06 नवम्बर से मोबाईल मेडिकल यूनिट निर्धारित कार्यक्रम के तहत वार्डो एवं बस्तियों में पहुंच रही है, वहीं अब तक निगम क्षेत्र में 188 शिविरों के माध्यम से साढे़ सात हजार से अधिक व्यक्तियों की मुफ्त जांच एवं उनकी विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जा चुका है। मोबाईल मेडिकल यूनिट के साथ श्रम विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी शिविर में उपस्थित रहते हैं, जो स्लम क्षेत्र में निवासरत लोगों का योजना के तहत पंजीयन कर रहे हैं। जांच एवं इलाज हेतु स्लम क्षेत्र में निवासरत श्रमिक जिनका संगठित एवं असंगठित कर्मकार के रूप में पंजीयन है, वे अपना श्रमिक कार्ड साथ में ला रहे हैं। जिनका पंजीयन नहीं है, ऐसे श्रमिक अपने साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक एवं एक फोटोग्राफ्स साथ में लाते हैं तथा उनका पात्रता अनुसार पंजीयन किया जाता है।

घर बैठे मिल रहा फ्री में इलाज- वार्ड क्र. 63 निवासी सुश्री महेश्वरी यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की यह बहुत अच्छी योजना है, हम गरीब वर्ग के लोगों को घर बैठे विभिन्न बीमारियों का इलाज प्राप्त हो रहा है। महेश्वरी 17 वर्षीय किशोरी है और उसे शारीरिक कमजोरी तथा फंगल इंफेक्शन था। घर के कामों और पढ़ाई-लिखाई में व्यस्तता के कारण महेश्वरी ईलाज कराने डॉक्टर के पास नहीं जा पा रही थी। मोहल्ले में ही हॉस्पिटल वाली गाड़ी आने पर महेश्वरी ने वहां अपना चेकअप कराया और दवाईयां ली। महेश्वरी ने बताया कि बिना पैसे दिए हमारे बीमारियों की जांच हो रही है और निःशुल्क दवाईयां भी हमे मिल रही हैं। पहले हम अपनी तथा अपने परिवार के लोगों की छोटी-मोटी बीमारियों के लिए हजारों रूपये खर्चा कर देते थे, अब हमें बिना पैसे दिए इलाज प्राप्त हो रहा है। महेश्वरी इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त करतीं हैं।

गरीब लोगों को मिली ईलाज की बड़ी सहुलियत - वार्ड क्र. 63 के ही निवासी 71 वर्षीय जोहन लाल का कहना है कि इस योजना से हम गरीब आदमियों को ईलाज की अच्छी सुविधा हमारे घर-मोहल्ले में ही मिल रही है। जब से जोहन लाल बताते हैं कि उन्हें हाई ब्लडप्रेशर की बीमारी है और वे लंबे समय से इसका ईलाज करा रहे हैं। उन्होंने बताया इस योजना के तहत जब से मेरे वार्ड में शिविर लग रहे हैं तब से मैं दो-तीन बार यहां अपना इलाज करा चुका हॅूं। यहां बहुत अच्छी तरह से जांच की जाती है तथा यहां पर जो दवाई दी जाती है, वह बहुत अच्छा कार्य करती है।

हमारे घर-द्वार में ही हमारा इलाज- कोरबा नगर निगम के वार्ड नंबर 20 में रहने वाली 66 वर्षीय सत्यभामा भी ईलाज कराने मोबाइल मेडिकल यूनिट पहुंची थीं। डायबटिज से जूझ रही सत्यभामा का कहना है कि हमारे घर-द्वार पहुंचकर ही मेडिकल टीम हमारे रोगों का इलाज कर रही है। दर्जनों तरह की निःशुल्क जांच की जा रही है। बीमारियों के इलाज हेतु पहले गरीबों को अपना पेट काटकर हजारों रूपये खर्च करने पड़ जाते थे, अब निःशुल्क इलाज हो रहा है, शासन की यह बहुत अच्छी योजना है।

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