बिलासपुर। कोरबा में विभिन्न स्थानों पर की जा रही राखड़ की डंपिंग को अवैध बताते हुए दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने न्याय मित्रों की समिति बनाई है। रायपुर के वीरेंद्र पांडे ने अधिवक्ता पलाश तिवारी के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि एसडीएम की अनुमति से कोरबा के करीब दर्जन भर गांवों में नियमों के विपरीत पावर प्लांट्स से राखड़ की डंपिंग की जा रही है। इससे उडऩे वाली धूल से प्रदूषण फैल रहा है तथा फसलों को नुकसान हो रहा है। साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। कोरबा एवं बिलासपुर जिले में राखड़ के निष्पादन के लिए डैम बनाए गए हैं लेकिन उनमें प्रदूषण से बचाने मापदंडों के अनुसार व्यवस्था नहीं की गई है।
याचिका में कहा गया है कि इस तरह डंपिंग की अनुमति देने का अधिकार केवल पर्यावरण संरक्षण मंडल को है, जबकि कोरबा में एसडीएम की अनुमति से ही राखड़ डंप किए जा रहे हैं। ऐसी अनुमति देना एसडीएम के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक चीफ जस्टिस गौतम भादुड़ी ने अधिवक्ता प्रतीक शर्मा, सौरभ डांगी और सिद्धार्थ दुबे को न्याय मित्र बनाया है और उन्हें प्रभावित गांवों की वीडियोग्राफी के साथ रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। वे अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपेंगे। इसके अलावा राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है कि किस आधार पर एसडीएम राखड़ डंप करने की अनुमति दे रहे हैं। मई महीने के पहले सप्ताह में मामले की अगली सुनवाई होगी।