छत्तीसगढ़

शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है, जिस डाल में बैठे हो वो टूट भी सकता है...

Nilmani Pal
17 May 2024 4:18 AM GMT
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है, जिस डाल में बैठे हो वो टूट भी सकता है...
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

रायपुर की समस्या का समाधान प्रधानमंत्री भी हल नहीं कर सकते वाले बयान देकर महापौर ने अपनी किरकिरी करा ली। भाजपा नेताओं ने महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महापौर ने पिछले पांच साल में कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया, जिसे अपनी उपलब्धि बता सके।

खुद कांग्रेसी भी कहते है उनके रहते निगम में सिर्फ कमीशन का ही काम हुआ। अपनी जेब भरो अभियान के प्रणेता बने रहे। पिछले चार साल से शारदा चौक के जाम में फंसे राहगीरों की सुध नहीं ली, अब उपमुख्यमंत्री साव की घुडक़ी को बाद शारदा चौक चौड़ीकरण की याद आ रही है, जनता की समस्या नजर आ रही, वास्तव में यह जनता की समस्या नही,ं उनकी खुद की समस्या नजर आ रही है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि समय पर जनता के हक में काम कर लिए होते तो ये दिन नहीं देखना पड़ता। अब पछतावे का होत है जब चिडिय़ा चुग गई खेत। इसी बात पर मशहूर शायर डा. बशीर बद्र साहब ने ठीक ही कहा है कि शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है, जिस डाल डाल में बैठे हो वो टूट भी सकता है।

सांय-सांय अब शुरू होगा

पिछले कुछ दिनों से जब से आचार संहिता लागू हुआ है सांय-सांय थोड़ा मंद गति से चल रहा है। जून में जब आचार संहिता हट जायेगा तो फिर से सांय-सांय काम चालू होगा। फिलहाल पड़ोसी राज्यों में चुनाव है ऐसे में सारे नेता अलग-अलग प्रदेशों में चुनाव प्रचार के लिए निकल चुके है खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी पड़ोसी राज्य उड़ीसा में सायं-सायं प्रचार कर रहे हैं। लोग यह बोलने लगे हैं कि आचार संहिता हटते तक चुनाव प्रचार सांय-सांय हो रहा है आचार संहिता हटने के बाद अपने प्रदेश का काम भी सांय सांय होगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सीएम साय हर सभा में यही कहते रहे है कि हमारी सरकार सायं-सायं काम कर रही है, जबकि आचार संहिता में कोई जनहित का काम ही नहीं होता है।

रायबरेली के राजा, भूपेश के बाजा

रायबरेली में राहुल गांधी के मुख्य चुनाव समन्वयक भूपेश बघेल रायबरेली के राजा राहुल के लिए बाजा बजा रहे हंै। अपने भाषण के दौरान यही राग अलाप रहे हैं कि यह लोकसभा प्रधानमंत्री चुनती है, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, लाल बहादुर शास्त्री इस लोकसभा से चुनकर गए और प्रधानमंत्री बने । भूपेश बघेल भी लोगों से कह रहे है कि आप भी एक प्रधानमंत्री चुन रहे हैं। इसलिए पंजे पर मुहर लगाकर अपने वोट का उपयोग प्रधानमंत्री चुनने में करें। नहीं तो आपका वोट खराब हो जाएगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि इंडिया एलाइंस में तो प्रधानमंत्री मोदी पांच प्रधानमंत्री की घोषणा कर चुके है, तो यहां से चुने जाने वाले कौन से नंबर के प्रधानमत्री होंगे, जरा इसका भी खुलासा कर देते तो रायबरेली वालों को तत्काल लाभ जाता।

एक अनार सौ बीमार

प्रदेश के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और चुनाव परिणाम भी किसी से छुपा नहीं है , फिलहाल वे राजनीति के अपराजेय योद्धा के रूप में जाने जाते हैं। उनके चुनाव लडऩे की कला के उनके पार्टी ही नहीं विपक्ष के लोग भी कायल हैं। बहरहाल चुनाव परिणाम जब आएगा तब आएगा साथ ही परिणाम क्या आएगा सब जानते हैं। उनके विधान सभा सीट छोडऩे के साथ मंत्री पद भी खाली होगा स्वाभाविक है विधायक और संगठन के लोग आशा भरी निगाहों से आलाकमान की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं कि किसे मंत्री पद मिलेगा और किसे विधानसभा की टिकट। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अभी एक अनार और सौ बीमार वाली स्थिति हो गई है।

जिम जाना भी खतरे से खाली नहीं

पिछले दिनों शहर के एक जिम में एक्सरसाइज करते युवक की मौत हो गई थी। इसी तरह मुंबई में भी एक्टर की भी इसी प्रकार मौत हो गई थी साथ ही पिछले साल ही एक आईपीएस अधिकारी भी जिम में वर्कआउट करते समय तबीयत खराब हो गई थी अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी हालत में सुधर आई थी। लोगों का ध्यान फिर से कोरोना के दौरान लगाए गए वेक्सीन की तरफ गया। कहीं उसी का असर तो नहीं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जिम संचालक अब परेशान है कि उसके जिम में हादसा हुआ है कहीं लेने के देने न पड़ जाये।

तू डाल-डाल मैं पांत-पांत

दिल है कि मानता नहीं के तर्ज पर सटोरिये हैं कि मानते नहीं। रोजाना पुलिस वाले मीटिंग पर मीटिंग ले रहे हैं और सटोरियों की धरपकड़ भी जारी है लेकिन सटोरिये मानते ही नहीं। रायपुर के आईजी सहित एसएसपी मीटिंग करके आईपीएल सट्टा खेलने और खिलाने वालों और इस कारोबार में लिप्त लोगों की जानकारी लेकर आवश्यक कार्रवाई करने के साथ क्रिकेट सट्टा कारोबार पर अंकुश लगाने निर्देश पर निर्देश दे रहे हैं लेकिन सटोरिये भी अपना जलवा दिखाना बंद ही नहीं कर रहे हैं। जनता में खुसुर फुसुर है कि कुछ हद तक थाने के निचले स्टाफ पर भी पैनी नजर रखनी होगी, जिनका हाथ किसके ऊपर है, और उसके सिर पर किसका हाथ है यह देखना होगा।

अब किसकी बारी है संगवारी

विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने ओपी चौधरी के प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि ओपी चौधरी को जितवाइये मैं इनको बड़ा आदमी बनाऊंगा। इसी तरह उन्होंने जांजगीर से लोकसभा प्रत्याशी सरोज पांडेय के लिए कहा कि इनको आप लोग जितवाइये इनको भी बड़ा बनाऊंगा। विधानसभा चुनाव के बाद चौधरी जी को मंत्री बनाकर बड़ा आदमी बना दिया। अब लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद सरोज पाण्डये को भी मंत्री पद मिलना तय है। वैसे इस बार छत्तीसगढ़ से केंद्र में दो मंत्री बनने की उम्मीद की जा रही है एक बृजमोहन अग्रवाल और दूसरे सरोज पांडेय। जनता में खुसुर फुसुर है कि अगर दोनों को मौका मिलता है तो निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ की तरक्की काफी होगी। मगर पार्टी में शीर्ष नेतृत्व ने विजय बघेल के बारे में कुछ सोच रखा होगा तो कौन क्या कर सकता है।

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