छत्तीसगढ़

बरबटी, तोरई और लौकी बेचकर लखपति बना समूह

Nilmani Pal
24 July 2022 11:00 AM GMT
बरबटी, तोरई और लौकी बेचकर लखपति बना समूह
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सफलता की कहानी

कोरिया। शासन की नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना से ग्रामीण परिवेश में जीवन यापन करने वालों को अच्छा लाभ हो रहा है। योजनांतर्गत बाड़ी विकास कार्यक्रम ने कोरिया जिले के किसानों सहित स्वसहायता समूह की महिलाओं को भी आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर करने में महती भूमिका निभायी है। विकासखण्ड भरतपुर के कासीटोला गौठान की लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिलाएं बाड़ी विकास कार्यक्रम से जुड़कर सप्ताह में 5 से 6 हजार रुपए की अतिरिक्त आमदनी कमा रहीं हैं, जिससे अब तक उन्हें कुल 1 लाख रुपए तक की आय हुई है।

समूह की अध्यक्ष श्रीमती बाबी यादव बताती हैं कि पहले समूह की महिलाएं घरेलु आवश्यकता के अनुसार सब्जियों का उत्पादन करतीं थीं, लेकिन जब से हमें शासन की बाड़ी विकास कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिली हमने मिलकर गौठान में सब्जी उत्पादन को आर्थिक गतिविधी के रूप में चुना। सचिव श्रीमती फुलमती यादव ने बताया कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन एवं उद्यानिकी विभाग के सहयोग से बाड़ी में एक एकड़ में ड्रीप इरिगेशन सिस्टम स्थापित किया गया, जिससे तकनीकी रूप से सब्जी उत्पादन किया जा रहा है अभी बाड़ी में बरबटी, तोरई, लौकी लगाए गए हैं। महिलाओं द्वारा स्थानीय साप्ताहिक बाजारों के साथ ही बहरासी के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय तथा छात्रावास में भी विक्रय हेतु सब्जियां भेजी जा रहीं है। अतिरिक्त आर्थिक लाभ प्राप्त होने से समूह की महिलाएं आज बहुत खुश हैं।

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