दूल्हे ने समाज को दिया नया संदेश, रूढ़िवादी परंपरा को किया दरकिनार
कुरुद। सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए भखारा तहसील से एक विधवा मां ने रूड़ीवादी परंपरा को दरकिनार किया और अपने पुत्र के विवाह में मौर सौंपा। परिक्षेत्रीय एवं ग्रामीण साहू समाज कोर्रा की पहल पर पुत्र प्रहलाद साहू ने इसकी पहल की है। गौरतलब हो कि साहू समाज ही नहीं बल्कि राज्य के अन्य कई समाज में एक बहुत पुरानी सामाजिक कुरीति चली आ रही है कि विधवा स्त्री विवाह के समय अपने पुत्र या पुत्री की मौर नही सौंप सकती। काफी लंबे समय से चली आ रही इस सामाजिक बंदिश को तोड़ते हुए ग्राम कोर्रा निवासी प्रह्लाद साहू ने तोड़ा है। उन्होंने अपने विवाह पर अपनी विधवा मां के हाथों मौर लेकर समाज को मातृ शक्ति सम्मान का एक नया संदेश दिया।
प्रह्लाद साहू ने शनिवार को जिला साहू समाज के विशेष आमंत्रित सदस्य भीम देव साहू, नन्दकुमार साहू, तहसील अध्यक्ष कामता साहू, मीडिया प्रभारी यशवंत गंजीर, परिक्षेत्रीय साहू समाज अध्यक्ष नीलमणि साहू, ग्रामीण साहू समाज के तरुण साहू एवं छेदन लाल साहू की पहल पर इसकी शुरुआत की। इस अवसर पर सरपंच चोवाराम साहू, हेमलता साहू, चंद्रिका साहू, दमयंतीन साहू, चमेली साहू, अनिता साहू एवं नाते-रिश्तेदार मौजूद थे।
प्रह्लाद की विधवा मां देवकी साहू ने अपने पुत्र के इस कदम को समाज के लिए मिसाल बताया है। वहीं प्रह्लाद की होने वाली पत्नी धनेश्वरी ने अपने पति के इस कदम को साहसिक बताया। जिलाध्यक्ष अवनेंद्र साहू, महिला प्रकोष्ठ सविता गंजीर ने ग्रामीण साहू समाज कोर्रा की इस पहल पर प्रह्लाद साहू द्वारा किये गए इस नेक कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। समाजिक कुरीतियों व बंदिशों को अंत करने, इस कार्य को क्षेत्र के साथ जिले में एक शुरुआत बताते हुए भविष्य में ऐसे नेक कार्यो पर और अधिक जोर देने की बात भी कही है।