शासन की छवि को धूमिल कर रहे भ्रष्ट अफसर
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश की जनता को चिकनी सड़क देना चाहते है, वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सड़क मरम्मत के नाम पर लीपापोती कर रहे है। जबकि विभागीय समीक्षा बैठक में सीएम ने स्पष्ट कर दिया था कि जल्द से जल्द सड़क सुव्यवस्थित हो, कही भी गड्ढा या उखड़ा हुआ न हो। उसके बाद भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है। आम जनता के आवागमन को सुलभ करने की सीएम की मंशा पर अधिकारी पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे है। विभागीय मंत्री के आदेश की अवहेलना करते-करते अधिकारियों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि सीएम के आदेश को भी रद्दी की टोकरी में फेंक कर मनमानी पर उतर आए है। प्रमुख अभियंता ने भी सभी अधिक्षण अभियंताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए निर्देशित कर दिया था कि सीएम के आदेश की हर हाल में पालन करना है और सड़क को पूरी तरह सुव्यवस्थित करना है उसके बाद भी सड़क की दुर्दशा यथावत बनी हुई है।
लोक निर्माण विभाग के विवादित भ्रष्ट कार्यपालन अभियंता का मनमर्जी
ऐसा लग रहा है कि त्तीसगढ़ शासन लोक निर्माण विभाग के कुछ भ्रष्ट अफसरों द्वारा शासन की छवि को धूमिल करने के लिये दृढ़ संकल्पित है। एक तरफ शासन द्वारा सड़कों के रख-रखाव एवं मरम्मत कार्य के लिये करोड़ों रूपयों का पहले से ही आबंटित कर देने के बावजूद भी लोक निर्माण विभाग के कुछ लोभी अफसरों द्वारा शासन द्वारा आबंटित रकम को हजम करने के लिये पहले से सुनियोजित योजना बनाकर सड़क के पेच रिपेयर का कार्य संतोष जनक स्तर पर नहीं कर रहें है।
यह घटना लोक निर्माण विभाग रायपुर के संभाग क्रमांक 2 के अभियंता द्वारा भ्रष्टाचार के जरिये शासन की महत्वाकांक्षी योजना (सड़क के रख-रखाव एवं मरम्मत कार्य) पेच रिपेयेस के कार्य आदेश तत्काल प्रभाव से जारी नहीं करने के कारण कार्य प्रभावी ढंग से शुरूवात नहीं हो पाया है। शासन की योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिये जब उनके अधिनस्थ अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पत्राचार करने के बाद संबंधित भ्रष्ट कार्यपालन अभियंता द्वारा पेच रिपेयंस के कार्य का आदेश तत्काल प्रभाव से जारी किया। उक्त कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के जरिये सर्वप्रथम उप अभियंता के पद पर नियुक्त हुये थे। इनके नियुक्ति काल से वर्तमान समय तक बहुत ही विवादित रहें।
लोक निर्माण विभाग रायपुर संभाग क्रमांक 2 का अभियंता का मनमर्जी एवं भ्रष्ट आचरण के जानकारी सुचना अधिकार 2005 अधिनियम के तहत मिली, इनके अधिनस्थ कर्मचारिया ने अपने सेवा पुस्तिका का सत्यापिता प्रतिलिपी की मांग की गई थी जवाब में कार्यपालन अभिंयता द्वारा सभी कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखकर कहा गया है कि आपका सेवा पुस्तिका संभागीय कार्यलय से गुम हो चुकी है अत: आप स्वयं अपने अपने पदस्थगी कायलय से जानकारी संलग्न कर इस संभागीय कार्यलय में अनिवार्य रूप से जमा करें इस तरह कार्यपालन अभियंता द्वारा अपराधिक एवं आपत्ती जनक जानकारी देकर कर्मचारियों के सेवा काल क रिकार्ड को शून्य किया गया है एवं साथ ही कर्मचारियों की जिन्दगी से खिलवाड़ की गई है। कार्यपालन अभियंता द्वारा कर्मचारियों को आज दिनांक तक सत्यापित सेवा पुस्तिका नहीं दिया गया है। तत्पश्चात विभाग के पिडित एवं आतंकित कर्मचारियों द्वारा अपने आलाअफसर अधिक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता एवं प्रमुख अभियंता को उपरोक्त घटनाओं का जानकारी देते हुए आवेदन दिय हैं। आश्चर्य की बात है कि लोक निर्माण विभाग मे उचे पदो पर आसीन आलाअफरारो द्वारा आज दिनांक तक कोई भी कार्यवाही न करते हुए भ्रष्ट कार्यपालन अभियंता को अपने गोदो में बिठाये रखें है।
इस तरह गैर जिम्मेदार एवं भ्रष्ट आचरण से ग्रसित कार्यपालन अभियंता द्वारा अपने अधिनस्थ आयुक्त कार्यालय भवन का कार्य एवं सिकल सेल उच्चस्तरीय लैब निर्माण के कार्यों में कई लाखों रूपयों की हेरा-फेरी की गई है, इस घटना में उपयोग में लाये गये अलग से माप पुस्तिका में संबंधित उप अभियंता एवं अनुविभागीय अधिकारी का सत्यापित हस्ताक्षर नहीं है। इसके बावजूद भी कार्यपालन अभियंता द्वारा लाखों रूपयों का बिना कार्य किये भुगतान किया गया है। उपरोक्त प्रकरण की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी द्वारा विभाग के आलाअफसरों को वाट्स एप के माध्यम से अवगत करा चुके हैं। ऐसे भ्रष्ट अफसरों के कारण छ.ग, शासन का सुनहरा सपना हमर छत्तीसगढ़, सुघढ़ छत्तीसगढ़ काजल की कोठरी में कैद हो कर रह जावेगी।
कलेक्टर ने क्कङ्खष्ठ के इंजीनियर्स को लगाई फटकार
दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने निर्माणाधीन पुलगांव बायपास का निरीक्षण किया। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मौजूदगी में उन्होंने वहां के निर्माण में कई खामियां निकाली। उन्होंने इसे ठीक करने के साथ ही पीडब्ल्यूडी इंजीनियर्स को सही मॉनिटरिंग न करने को लेकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि इस निर्माण काम को जल्द से जल्द पूरा करें। साथ ही इसकी तकनीकी परीक्षण रिपोर्ट उनके सामने रखें। कलेक्टर मीणा पुलगांव चौक पहुंचे। उन्होंने निर्माणाधीन सड़क पर पुलिया का निरीक्षण करने के दौरान पीडब्ल्यूडी ईई अशोक श्रीवास और उनके साथ कुछ और अभियंताओं को बुलाया था। इस दौरान सड़क बनाने वाला ठेकेदार भी वहां मौजूद था।