छत्तीसगढ़

पाटे कोहरा नाके में अवैध वसूली से सरकार को करोड़ों का नुकसान

Admin2
13 May 2021 5:53 AM GMT
पाटे कोहरा नाके में अवैध वसूली से सरकार को करोड़ों का नुकसान
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फाइल फोटो 

आरटीओ के काले कारनामे

राज्य के सीमावर्तीय जिलों के नाकों में रोज होती है धनवर्षा

नाकेदारों को पैसा दो और बिना रोक-टोक माल लाओ-ले जाओ

प्रदेश के सभी नाकों में चल रहा अवैध वसूली का खेल

मुखबिर लेता है गाड़ी पार करवाने का ठेका

रायपुर (जसेरि)। राज्य से सीमावर्ती जिलों में जितने भी नाके है वहां सरकारी सिस्टम ही काम नहीं करता। नाकेदार के साथ पूरा चेकिंग स्टाफ अपनी खुद की कानून पर अमल करता है। अवैध वसूली के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाला पाटेकोहरा बोरियर जहां से अन्य प्रांत के वाहनों की इंट्री होती है, वहां पर नाकेदारों का राज है, वो लोग ही वहीं के सरकार है। पैसा लेकर किसी को भी छोड़ देते है और आने देते है। जहां तक मालवाहक वाहनों ट्रक, मिनी ट्रक, छोटे और मझोले मालवाहकों को बिना चेकिंग के ही आगे बढ़ा देते है। माल की बिल्टी हो या न हो नाकेदार की मुंहमांगी रकम देते ही बिना बिल्टी वाला वाहन भी पार हो जाता है। इस तरह राज्य की सभी सीमावर्तीय जिलों के नाके में वाहनों की बिना चेकिंग के छोडऩे का गोरखधंधा बदस्तूर जारी है। जिसके शह में आकर गांजा ौर शराब तस्कर बेखौफ होकर तस्करी को अंजाम दे रहे है। ऐसे नाकों की सरप्राइज चेकिंग के लिए न तो बड़े अफसर जाते है और न ही परिवहन विभाग और जिला पुलिस के अधिकारी बेरियर में हो रहे अवैध आवाजाही के संबंध में सवाल जवाब करते है। जिससे कारण छत्तीसगढ़ गांजा और शराब तस्करों के लिए स्वर्ग बना हुआ है। तस्करों का गिरोह पुलिस के मुखबिरों से सेटिंग कर गाड़ी पार करवाने का ठेका लेते है। मनमाफिक सौदा होने पर गाड़ी पार करवा देते है और सौदा नहीं पटने पर मुखबिरी कर गाड़ी को पकड़वा देते है। इस तरह का तालमेल प्रदेश के सभी जिलों के सीमावर्तीय नाकों में धड़ल्ले से चल रहा है।

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