जहां नाइट पार्टियां, वहां पहुंच ही नहीं पाती पुलिस
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। शहर के कई होटलों में लेट नाइट पार्टियों में एक बार फिर नशे की महफिलें सजने लगी हैं। वीक एंड यानी शनिवार की रात को खास बनाने के लिए होटलों और पबों के बीच होड़ मच रही है। पबों में देर रात पार्टी मनाने वाले युवक-युवतियां कई बार ढाबों में झूमते नजर आते हैं। शनिवार की रात ज्यादा खास आयोजन होते हैं। वीक एंड पर ही अक्सर आधी रात के बाद तक पबों और होटलों से निकलने वाली गाडिय़ों में नशे में धुत्त युवक-युवती नजर आते हैं। ऐसा कपल ढाबों में भोजन के लिए भी रुकते हैं। वीआईपी रोड और अन्य इलाकों के बड़े होटलों-पब और क्लबों में नाइट पार्टियों के आयोजन पर रोक नहीं लग पा रही है। छुटभैय्ये नेताओं के संरक्षण में होटल संचालक आयोजकों से मिलकर बगैर किसी परेशानी के पार्टी आयोजित कर रहे हैं। नाइट पार्टियां प्रशासन द्वारा निर्धारित समय के बाद भी देर रात तक चल रही हैं जिसमें ग्राहकों को शराब और हुक्का के अलावा दिगर नशा भी परोसा जा रहा है। इन आयोजनों के दौरान पुलिस अंदर दाखिल भी नहीं हो पाती, पुलिस वाला अगर कोई पहुंचता भी है तो छुटभैय्ये नेता खुद ही बाहर आकर उनका आवभगत कर सब कुछ सामान्य होने का झूठा भरोसा दिलाकर रवाना कर देते हैं। इसके बाद बाउंसरों की तैनाती के बीच नाइट पार्टी पूरी शबाब में पहुंचती है। ऐसी पार्टियों के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिससे पार्टी के कलेवर को पहचाना जा सकता है। नए साल के आगाज वाली रात भी पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी नाइट पार्टियों को समय पर बंद नहीं करा पाए और दिखावे के लिए आयोजित कैंडल नाइट डिनर के बाद कई होटलों और पबों में देर रात तक पार्टियां चलती रही जिसमें शराब और नशा भी परोसा गया।
बर्थ-डे, कैंडल नाइट पार्टियों में भी नशा
युवाओं में पार्टियों का शौक इस कदर बढ़ गया है कि बर्थ-डे और अन्य अवसरों को भी वह होटलों पबों में पार्टी के तौर पर इंजाय करने लगे हैं। दोस्तों की सीमित संख्या में भी ये लोग होटल में कुछ घंटों का स्लाट बुक कर अपनी मस्ती का सामान जुटा लेते हैं। होटलों पबों में इन अवसरों के साथ कैंडल नाइट डिनर के लिए विशेष पैकेज के साथ तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। पार्टियों का के्रेज इस कदर बढ़ गया है कि युवा हर अवसर को मस्तियों के साथ दोस्तों के साथ इंजाय करने के लिए होटलों में पार्टी आयोजित करते हैं। इन पार्टियों में डीजे, डांस, नशा और इंटरटेनमेंट का पूरा इंतजाम होता है।
रेव पार्टियों में नशे का इस्तेमाल
रेव पार्टियों में नशे का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है। मुंबई से रायपुर लाए गए में एमडीएम के रूप में बेचे जाने वाले टैबलेट का नशे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ड्रग्स लेने वालों को होश नहीं रहता है। कुछ लोग पॉपर्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसे सांस के माध्यम से लिया जाता है। तेज संगीत के बीच नशे का सेवन कर ये लोग नाचते है। लेकिन अधिकतर जगहों पर ऐसे नशे का इस्तेमाल प्रतिबंधित होता है। अधिकांश जगहों पर अवैध रेव पार्टियों में ही जमकर ड्रग्स और मादक पर्दाथों का इस्तेमाल होता है। जिनमें कोकीन, चरस के अलावा एमडीएम, मॉर्फिन और अन्य नशे की गोलियां भी शामिल होती हैं।
बारों में देर रात तक परोसी जा रही शराब
शहर के ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां पर आधी रात के बाद शटर के नीचे से शराब पार्सल की सुविधा और अवैध बिक्री हो रही है। कई बार में भी शराब बेचे जा रहे है। दुकानदार शराब बेचने और खरीदने वाले दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं। इसके अलावा उन थाना क्षेत्र के पेट्रोलिंग टीम और थानेदार को भी ऐसी जगहों की जानकारी होती है। बैखोफ होकर शराब बेच रहे है। जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं। अधिाकंश रात के अंधेरे में शराब का अवैध कारोबार करने वाले कई बार पुलिस के साथ भी दिखते हैं। यही वजह है कि शराब का अवैध कारोबार पूरे राजधानी में चरम पर होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती है।
डांस, ड्रग्स, नशा और एंटरटेनमेंट
महानगरों के होटलों और बड़े शहरों से जुड़े इलाकों के फॉर्म हाउसों में आमतौर पर रेव पार्टियां हुआ करती हैं। जिसमें युवा लोगों की बड़े पैमाने पर शिरकत होती है। आमतौर पर ये बड़े और धनी घरों से ताल्लुक रखने वाले ही होते हैं। एक रात की इस पार्टी में लाखों रुपये बहा दिये जाते हैं। जो युवा यहां आते हैं, वो महंगी गाडिय़ों से आते हैं। लड़कियों की मौजूदगी भी इनमें खूब होती है। देश के सभी बड़े शहरों में इस तरह की पार्टियों का चलन बढ़ गया है। इन पार्टियों में दो खास तरह की ड्रग्स का चलन ज्यादा है। जिसको लेने के बाद युवा छह से आठ घंटे डांस कर सकते हैं। हालांकि ये ड्रग्स बहुत नुकसानदायक भी होती हैं। ये दोनों ड्रग्स गैरकानूनी है। इन्हें ना तो बेच सकते हैं और ना ही इनका सेवन कर सकते हैं, लेकिन रेव पार्टियों में ये आसानी से उपलब्ध रहती हैं। इन ड्रग्स का नाम है एसिड और इक्सटैसी। इसे लेने के बाद युवा आठ घंटे तक लगातार डांस कर सकते हैं। ये ड्रग्स उनमें लगातार नाचने का जुनून पैदा करती हैं। ये काफी महंगे भी होती हैं। जिनके पास पैसे होते हैं वे एसिड व इक्सटेसी जैसी महंगी ड्रग लेते हैं, जिनके पास उतना पैसा नहीं होता वे हशीश या गांजा लेते हैं।
रेव पार्टी शराब, ड्रग्स, म्यूजिक, नाच गाना और सेक्स का कॉकटेल होता है. ये बड़े गुपचुप तरीके से आयोजित की जाती हैं। वाट्सएप के जरिए सीक्रेट ग्रुप बनाकर इसमें लोगों को बुलाया जाता है. जिन्हें बुलाया जाता है वो सर्किल से बाहर के लोगों को भनक भी नहीं लगने देते। इस तरह की पार्टियों में आम लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। बड़े और अमीर घरों के लड़के-लड़कियां रात के अंधेरों में इन पार्टियों में शामिल होकर नशा करते हैं और इंजॉय करते हैं। इस तरह की पार्टियों में लड़के ही नहीं लड़कियां भी खासी संख्या में होती हैं। महानगरों के युवक-युवतियों के बीच ऐसी पार्टियों का क्रेज बढ़ता जा रहा है। रेव पार्टियों में 20 हजार, 30 हजार या 60 हजार वॉट का म्यूजिक भी बजता है, सुपर फास्ट। इस तेज संगीत और नशे के मिश्रण से सारे बंधन टूट जाते हैं. रेव वेन्यू पर हट बनने लगे हैं. जहां युवा नजदीकियां बढ़ा सकते हैं।
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