रायपुर। भाजपा नेता नरेश गुप्ता ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों को जन विरोधी और निहित स्वार्थ आधारित बताते हुए कहा है कि आज राज्य सरकार की मंत्री परिषद की बैठक में जो एंबुलेंस श्रेणी के वाहनों का जीवनकाल का कर उदग्रहण का निर्णय लिया गया है, वह सीधा सीधा किसी एक व्यक्ति या संस्था को लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया निर्णय प्रतीत होता है। क्योंकि आज 108 सेवा में निजी कंपनी के लगभग 900 एंबुलेंस लगे हैं अगर केवल इन्हीं का कर माफ किया जाता है तो वह करोड़ों रुपए का होगा जबकि सीडब्ल्यूसी की गाइडलाइन स्पष्ट कहती है कि यह छूट निविदा शर्तों में होनी चाहिए ताकि सभी कंपनी निष्पक्ष रूप से निविदा भर सकें।
भाजपा नेता नरेश गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार में 108 सेवा निविदा प्रारंभिक काल से ही विवादों में घिरी हुई है। जिस कंपनी को यह एंबुलेंस सेवा कार्य मिला है, उसके खिलाफ विभिन्न मामले जांच हेतु लंबित हैं।
भाजपा नेता नरेश गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार को चिंता इस बात की नहीं है कि राज्य की जनता को निर्बाध एंबुलेंस सेवा उपलब्ध हो। इस सरकार को चिंता यह है कि किस तरह किसी कंपनी को फायदा पहुंचाया जाए और उससे वसूली की जाए। इस सरकार का सारा ध्यान केवल और केवल वसूली पर टिका हुआ है। यह सरकार कोयले के परिवहन में अवैध वसूली किस तरह करवा रही है, यह तो ईडी की जांच में सामने आ ही गया है। अब कैबिनेट में जो एंबुलेंस टैक्स माफी का मामला आया है, वह भी साबित कर रहा है कि सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को भी भ्रष्टाचार का माध्यम बना लिया है। वैसे भी कोरोना काल में जांच किट खरीदी में जो भ्रष्टाचार हुआ है, वह इस सरकार की भ्रष्ट नीतियों की कलाई खुल चुका है। राज्य सरकार बतायें कि इस खेल में कितनी कमीशनबाजी हो रही है और किसके दबाव में यह फैसला लिया गया है। भाजपा नेता नरेश गुप्ता ने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो हम इस मामले की शिकायत सक्षम एजेंसी को करेंगे ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगे।