छत्तीसगढ़

कोयले की टीपी व डंपिंग यार्ड में कोयले में मिलावट का खेल जारी

Shantanu Roy
10 Dec 2022 2:47 PM GMT
कोयले की टीपी व डंपिंग यार्ड में कोयले में मिलावट का खेल जारी
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छग
रायगढ़। जिले में काले हीरे की अवैध परिवहन मामले में भले ही ईडी अपन जांच कर चुकी है लेकिन अभी भी कोल परिवहन में करोड़ो के घोटाले जारी हैं और इनको रोकने के लिये कोई पहल नहीं होनें से बड़े कोल तस्कर अपने कारोबार को लगातार बढ़ाते चल जा रहें हैं। इतना ही नही बुलंद हौसलों के बाद अब ये कोल तस्कर सीधे यहां तक धमकी देते हैं कि उनका बिगाड़ने वाले लोगों का जो हश्र होगा वह किसी ने सपने में नही सोचा होगा। इनका धमकी भरा अंदाज इसलिये ऐसा है चूंकि जिले के कुछ बड़े अधिकारी इन कोल तस्करों को ब्लाइंड सपोर्ट कर रहे हैं।
अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले में एसईसीएल की कोयला खदानों में तो कोयले की ग्रेडिंग को लेकर पहले ही बड़ी अफरा-तफरी का खुलासा हो चुका है और अब वहां से परिवहन होनें वाले कोयले के मामले में भी एक के बाद एक कई बड़ी जानकारी सामने आ रही है। सूत्रों से बताया कि केवल टीपी के माध्यम से ही रोजाना लाखों रूपये का कोयला कोल तस्करों के डंपिंग यार्ड में उतरता है और वहां उतरने वाला कोयला या तो ओडिसा का होता है या फिर किसी दूसरी कंपनी का। इतना ही नहीं टीपी के नियमों का खुला उल्लंघन उस वक्त देखने को मिलता है जब संबंधित कोल ट्रांसपोर्टर स्थानीय लोगों की मदद व बड़े अधिकारियों के संरक्षण से कोयले में मिलावट करके आगे रवाना कर देता है। यह खेल पिछले कई दिनों से जारी है और इसी मिलावट के खेल में कोल तस्कर मालामाल हो रहे हैं।
अधिकारिक सूत्रों ने यह भी बताया कि चाहे कोल डंपिंग पाइंट हो या फिर कोयले की रैक का डंपिंग यार्ड हो वहां बड़ी आसानी से कोयले की टीपी के खेल में बड़ा खेल हो रहा है और साथ ही साथ मिलावट के नाम पर भी कई उद्योगों को घटिया कोयला सप्लाई करके इस मामले में गड़बड़ी की जा रही है। मजे की बात यह है कि कभी छोटे से ट्रांसपोर्ट चलाने वाले आज के बड़े कोल व्यवसायी व कथित उद्योगपति बड़े अधिकारी के पास बैठकर उनकी कलई खोलने वाले लोगों को खुली धमकी देकर यह कहते हैं कि अगर उनकी पोल खोली गई तो अंजाम भुगतने के लिये भी तैयार रहे हैं। बहरहाल देखना यह है कि एक तरफ ईडी ऐसे कोल तस्करों को लगातार बेनाकाब कर रही है, वहीं कुछ बड़े अधिकारी ऐसे कोल तस्करों को संरक्षण देकर कोल माफिया के धंधे को बढावा दे रहे हैं। इन पर कब गाज गिरेगी यह भविष्य के गर्त में है।
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