छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के जंगल और यहां की जैव विविधता हमारी पहचान: भूपेश बघेल
Shantanu Roy
21 March 2023 5:49 PM GMT
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छग
राजनांदगांव। विश्व वानिकी दिवस पर मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में राज्य शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राजनांदगांव विकासखण्ड के ग्राम बिरेझर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के मोबाईल ऐप का शुभारंभ किया। उन्होंने कम्प्यूटर स्क्रीन पर एनटीपीएस योजना का शुभारंभ, कम्प्यूटर के माध्यम से छत्तीसगढ़ शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दुपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना अंतर्गत हितग्राहियों के खाते में राशि का हस्तांतरण किया। मुख्यमंत्री बघेल ने सभी को विश्व वानिकी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के जंगल और यहां की जैव विविधता हमारी पहचान है। यहां की कला, संस्कृति, धर्म, आध्यात्म का जुड़ाव वन से है। छत्तीसगढ़ के वन पूरे देश की धरोहर है। इन वनों से पूरे देश का पर्यावरण जुड़ा हुआ है। हमारी गौरवमय संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षित रहे और खूब फले-फूले। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना से किसानों को आर्थिक लाभ होगा। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर जिले में मुख्यमंत्री ने शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दुपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत हितग्राहियों के खाते में राशि हस्तांतरित की। राजनांदगांव और मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी राजनांदगांव जिला यूनियन अंतर्गत 120 हितग्राहियों को शहीद महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना अंतर्गत 1 करोड़ 74 लाख 90 हजार रूपए का वितरण किया गया।
इस अवसर पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष नवाज खान, राजगामी सम्पदा न्यास के सदस्य रमेश खंडेलवाल, केम्पा के सदस्य पंकज बांधव, कलेक्टर डोमन सिंह, वनमंडलाधिकारी राजनांदगांव सलमा फारूखी, सरपंच श्रीमती पार्वती साहू, कृषक शोभाराम बघेल, सूर्य कुमार, गोपीचंद गायकवाड़ एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर डोमन सिंह एवं अन्य अधिकारियों तथा किसानों ने बांस का पौधा रोपित किया। इस दौरान आनंद राठौर, प्रीतम सिंह, आत्माराम नेताम, किशोर पटेल, तरूण मानिकपुरी, धानूराम साहू, डेरहाराम उइके, आजूराम तुमरेकी ने विभिन्न वाणिज्यिक फसल लगाई। आनंद राठौर ने बांस की फसल अपने खेतों में लगाई है। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में सभी वर्ग के इच्छुक किसानों की पड़त भूमि में वाणिज्यिक वृक्षारोपण होगा। योजना के तहत 33 जिलों के 23 हजार 600 किसानों द्वारा 36 हजार 230 एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा। योजना से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रूपए तक की आय होगी। इसके अलावा कार्बन के्रडिट के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय होगी। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के माध्यम से अगले 5 वर्षों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा। यह योजना हितग्राहियों की आय में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण योजना है। योजना में 5 एकड़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को शतप्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में योजना के तहत इस वर्ष 12 प्रकार की प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाएगा। इनमें क्लोनल यूकलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बम्बू, रक्त चंदन, आंवला, खमार, शीशम तथा महानीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक वन संसाधन अधिकार जारी करने की प्रक्रिया को ट्रेक करने हेतु मोबाइल एप का लोकार्पण भी किया। इस मोबाइल एप के उपयोग से सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया सरलीकृत होगी। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के आवेदन से लेकर अधिकार प्राप्ति तक 12 स्तर की प्रक्रिया है तथा 18 प्रपत्रों में जानकारी भरी जाती है। मोबाइल एप के माध्यम से अधिकार प्राप्त करने की प्रक्रिया का मॉनिटरिंग भी की जा सकती है। मुख्यमंत्री बघेल ने वन विभाग द्वारा वनोपज के परिवहन हेतु तैयार कराए गए नेशनल ट्रांजिट परिमिट सिस्टम को लॉन्च किया। इस सुविधा के अंतर्गत आवेदक ट्रांजिट परमिट के लिए ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं तथा वन विभाग ऑनलाईन ट्रांजिट परमिट जारी करेगा। अंतरराज्यीय सीमा में नये टीपी की आवश्यकता नहीं होगी। मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं जम्मू कश्मीर के बाद छत्तीसगढ़ एनटीपीएस योजना को लागू करने वाला चौथा राज्य बन गया है।
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