छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की उड़ रही धज्जियां...

Admin2
4 Aug 2021 5:23 AM GMT
  • 25 सालों से जमे अधिकारी का खेला, पूरे प्रदेश में बो रहा भ्रष्टाचार
  • गरियाबंद का भ्रष्ट अधिकारी। भाजपा काल में भी और अब कांग्रेस काल में भी अपने आप को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क का सबसे बड़ा अधिकारी बताने गुरेज नहीं करता
  • पूरे प्रदेश में भ्रष्ट ठेकेदार भाजपा काल के वर्तमान में कांग्रेस के शासन में भी अपनी ताकत के साथ जनता के पैसे को भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर निगल रहे
  • बड़े अधिकारी बोल रहे-कहां सड़क बनी मुझे मालूम नहीं कौन सी सड़क में भ्रष्टाचार हुआ मुझे पता नहीं। जबकि सड़क के लिए बजट से ही जारी हुआ
  • विभागीय मंत्री इस भ्रष्टाचार को चुपचाप देख रहे हैं, मंत्री को इसे संज्ञान में लेकर तत्काल भ्रष्ट अधिकारियों की काली कोठरी को तोडऩा चाहिए
  • इन सड़कों की जांच की मांग
      1. गरियाबंद जिले के देवभोग विकासखंड में हाल ही में बने या बन रही इन सड़कों की जांच की मांग पीएमओ, मुख्यमंत्री व संबधित विभाग से की गई है।
      2. बजाड़ी से तेतलखुटी-मेसर्स एम. एस कंस्ट्र्कशन, रायपुर
      3. गोहरापदर से बनवापारा-मेसर्स एम. एस कंस्ट्रकशन, रायपुर
      4. गोहरापदर से सीनापाली-मेसर्स एम. एस कंस्ट्रकशन, रायपुर
      5. मुजबहाल से ढोडरा- मेसर्स पवार कंस्ट्रकशन, कुरूद
      6. घुमरापदर से खोकमा-ठेकेदार मो. फारुख वारसी, रायपुर

रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ में हजारों किलोमाटर की पक्की सड़कें प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाई गई हैं। जिसमें सारे नियम-कायदों को ताक पर रखकर गुणवत्ताहीन सड़कों का निर्माण किया गया है। सड़क निर्माण में न तो ग्रेडिंग किया गया है और न लेबल मिलाया गया है। जिससे नवनिर्मित सड़कें उबड़-खाबड़ हैं और धसने लगी हैं। सड़क निर्माण में अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों ने भारी लापरवाही की है। गरियाबंद जिले में जिस तरह की सड़कों का निर्माण हुआ कमोबेश पूरे राज्य में इस योजना के तहत सड़कों का यही हाल है। सरकार और विभाग ने जहां बजट जारी कर टेंडर की प्रक्रिया के बाद अपनी आंखें मूंद लीं वहीं मैदानी स्तर पर तैनात अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर योजना की राशि की जमकर लूट की और यह बदस्तूर जारी है। गरियाबंद के देवभोग ब्लाक में जिस अधिकारी ने पिछले 25 सालों से अपने पांव जमा रखे हैं उसने ने सिर्फ अपने अधिकार क्षेत्र में अपितु राज्य के दूसरे क्षेत्रों में भी अपना दबदबा बना रखा है उसके संरक्षण में अधिकारी-टेकेदार भ्रष्टाचार का खुला खेल खेल रहे हैं। सरकार-मंत्री से बेखौफ उक्त अधिकारी का जादू उच्चाधिकारियों पर भी ऐसा चलता है कि विभाग में उसने अपना सिक्का जमा लिया है। भ्रष्ट अधिकारी की ताकत देखिए सीएम भूपेश भूपेश बघेल की गांव के विकास योजनाओं की यात्रा को भी निगल रहे और सरकार को बदनाम करने के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं रख रहे।

लाखों की सड़क निर्माण में गड़बड़ी

कांकेर जिले के पखांजूर ब्लाक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत छोटेबेटिया क्षेत्र के मारबेडाटोला से पाकुरकल एवं उराउपारा से जुनवानी तक लाखों रुपये की लागत से सड़क का निर्माण किया गया है। कुछ महीने में ही सड़क के डामर के उपर जीएसबी दिखाई दे रहा है। उखड़ता डामर को देख ठेकेदार ने सीमेंट का घोल बनाकर सड़क पर छिड़काव किया है। ग्रामीणों ने ठेकेदार पर मनमानी का अरोप लगाते हुए घटिया निर्माण का आरोप लगया है। ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं कि विभाग के अधिकारी ठेकेदार का बिलिंग अच्छे से कर लेते है, मगर जांच को क्यों नहीं करते। सुदूर अंचल के ग्रामीण नवीन सड़क बनता देख काफी प्रफुल्लित होते है। मगर ठेकेदार अंदरूनी क्षेत्र का फायदा उठाकर अधिकारी इंजीनियर से मिलीभगत कर भारी भ्रष्टाचार करते है। नतीजा चंद दिनों में सड़क का खस्ताहाल है। बारिश में इन सड़कों का खस्ता हाल है।

कोरिया में सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार

कोरिया जिले के खडग़वां ब्लॉक के पोडीडीह से जरौंधा तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 32.85 किलोमीटर की डामर की पक्की सड़क का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है। निर्माण एजेंसी पर सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत मिल रही है. असंगठित कामगार कांग्रेस ने सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री से सड़क निर्माण में घटिया मटेरियल और मनमानी की शिकायत की गई है. आरोप है कि ठेकेदार जिस मापदंड से सड़क निर्माण होनी चाहिए, वैसा नहीं हो रहा है. ठेकेदार सारे नियम कायदों को दरकिनार कर मनमानी तरीके से घटिया मटेरियल का इस्तेमाल कर रहा है. आरोप है कि एसडीओ और ठेकेदार की अच्छी सांठ-गांठ और मिलीभगत कर घटिया सड़क निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है. सड़क निर्माण कार्य की पारदर्शिता के लिए ठेका कंपनी ने जिस बोर्ड पर निर्माण कार्य और सही मापदंड प्रदर्शित किए हैं वो भी काबिले तारीफ है. जिस तरह से निर्माण कार्य के लिए बोर्ड बनाई गई है. उसी तर्ज पर सड़क निर्माण कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है।

गुणवत्ताविहीन पुल का निर्माण

बालोद जिले में भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भारी अनियमितता बरती जा रही है। निर्माण एजेंसी द्वारा पुल समेत सड़क निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। दरअसल, झींका से घिना गांव तक लगभग साढ़े 7 किमी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग की ओर से सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है. 12 जनवरी 2021 से कार्य शुरू होकर 22 जनवरी 2022 तक पूरा किया जाना है. सड़क निर्माण के लिए 394. 26 लाख रुपये की राशि शासन ने स्वीकृत की है, ताकि सड़क निर्माण होने से लोगों को काफी सुविधा मिल सके. लेकिन नियम कायदों को दरकिनार कर गुणवत्ता में हेरफेर करते हुए निर्माण एजेंसी ने लाखों रुपए की लागत से 6 पुल का निर्माण किया। मीडिया को जानकारी के बाद अधिकारियों को भी इसकी भनक लग गई. जिसके बाद भ्रष्टाचार के कार्यों को दबाने के लिए 6 में से केवल एक पुल को आधा अधूरा तोड़ा गया, जबकि 5 पुलों पर एक इंच की सीमेंट की परत चढ़ाकर भ्रष्टाचार को ढकने का प्रयास किया गया।

ठेकेदार और अधिकारी की मिली भगत

राजनांदगांव के डोंगरगढ़ ब्लॉक के ग्राम सिवनीखुर्द से बाकल तक सवा 5 करोड़ की लागत से बन रहे सड़क निर्माण कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर कलेक्टर को कुछ महीने पहले ज्ञापन सौंपकर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई थी। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि एक वर्ष पूर्व सिवनीखुर्द से बाकल तक पांच करोड़ 25 लाख रूपये की लागत से डामरीकरण सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। लेकिन ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता को दरकिनार करते हुए सड़क

निर्माण में भारी अनियमितता बरती गयी है। जिसके चलते सड़क में दरारें पडऩे लग गयी है और कार्य पूरे होते-होते सड़क धंस गयी है। जिससे ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञापन में बताया गया कि सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार में ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ है, जिस जगह पर सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है, उससे कुछ ही दूरी पर राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त एवं विधायक दलेश्वर साहू का गृहग्राम है। उसके बावजूद सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है।

दारु में बिक जाओगे..तो ऐसी रोड पाओगे, कोरबा में अनोखा प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले खराब सड़कों को लेकर अनोखा प्रदर्शन सामने आया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दरअसल, कोरबा के युवाओं ने खस्ताहाल सड़कों के प्रति जिम्मेदार ध्यान दें, इसके लिए ऐसा तरीका अपनाया जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन रहा है। युवाओं के एक संगठन ने खराब सड़क के किनारे खड़े होकर अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया, जिसमें युवा गाना गा रहे थे। इस गाने के बोल थे- 'दारु में बिक जाओगे, तो ऐसी रोड पाओगे। आम आदमी पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई ने इस प्रदर्शन का वीडियो अपने फ़ेसबुक पेज पर शेयर करते हुए लिखा है कि सस्ते में बिक जाओगे, ऐसी रोड पाओगे। हाथों में बैनर लिए और गाना गाते हुए युवा, आने-जाने वाले लोगों से कह रहे हैं कि ऐसी सड़कों के लिए वे लोग खुद जिम्मेदार हैं, जो ऐसे जन प्रतिनिधियों को चुनते हैं। आप कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, उनमें कुछ नारे भी लिखे थे। एक बैनर में लिखा था, '10 का मुर्गा खाओगे, तो मुर्गा बन जाओगे। दारु में बिक जाओगे तो ऐसी ही सड़क पाओगे।Ó इसी तरह के कई नारे युवा लगा रहे थे।

छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता विशाल केलकर ने कहा कि बारिश में कोरबा जिला किसी टापू की तरह बन चुका है। काफी संघर्ष किया गया, सड़क सुधारने की कोशिश की गई, चक्काजाम करने की कोशिश भी की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसीलिए हमने यह तरीका अपनाया। गौरतलब है कि शहर की ओर पहुंचने वाले कई रास्तो में गड्ढे बन चुके है। हालांकि, प्रशासन इन गड्ढों पर पैचवर्क का काम करा रहा है लेकिन वो नाकाफ़ी ही साबित हो रहा है।

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