बेटे से प्रताड़ित पिता को मिला न्याय, जज के फैसले से खिला चेहरा
बिलासपुर। बेटे से प्रताड़ित 67 साल के बुजुर्ग का मुरझाया चेहरा उस समय खिल गया जब महज पांच घंटे के भीतर ही उन्हें न्याय मिला। इतना ही नहीं अधिकारी बुजुर्ग के घर पहुंचकर उनके बेटे को समझाइश दी और दोबारा तंग न करने कहा। दरअसल, मामले की सुनवाई राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालिक अध्यक्ष व छत्तीसगढ हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी कर रहे थे।
सोमवार को घुरू अमेरी निवासी 67 वर्षीय बुजुर्ग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास शिकायत करने पहुंचे। इस बीच यहां मौजूद अधिकारियों ने उनकी दशा देखकर बुजुर्ग को सीधे हाई कोर्ट ले गए। करीब दोपहर डेढ़ बजे यहां राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालिक अध्यक्ष व छत्तीसगढ हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी अपने चेंबर में बैठे थे। बुजुर्ग ने जस्टिस गौतम भादुड़ी के सामने गुहार लगाई।
अशोक ने जस्टिस भादुड़ी को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उसका बेटा सुरेंद्र श्रीवास उसे लगातार प्रताड़ित करता है। बेटा सरकारी नौकरी में है। इसके बाद भी वह दाने-दाने को मोहताज है। घुरू अमेरी स्थित घर से मारपीट कर बेदखल कर दिया है। घर से बेदखल करने के बाद भी सुरेंद्र की प्रताड़ना कम नहीं हुई है। अशोक ने बताया कि 10 मार्च को उसके ऊपर सुरेंद्र ने प्राणघातक हमला किया। इससे उसके सिर में गंभीर चोट आई है और बायां हाथ टूट गया है।
जिस वक्त अशोक अपनी आपबीती जस्टिस भादुड़ी का बता रहे थे उसके बाएं हाथ में प्लास्टर बंधा हुआ था। यह देखकर जस्टिस भादुड़ी असहज हो गए। अशोक ने बताया कि पुत्र सुरेंद्र की प्रताड़ना से वह दो साल से प्रताड़ित हैं और बेहद परेशान भी हैं। रहने को घर नहीं है। फुटपाथ पर रात गुजरती है। आर्थिक तंगी के कारण भूखे मरने की स्थिति है। सुरेंद्र पिता के साथ ही अपनी मां को भी प्रताड़ित करता है।
बेटे के व्यवहार से परेशान और नाराज पिता अशोक ने जस्टिस भादुड़ी के सामने हाथ जोड़कर सुरेंद्र के खिलाफ अपराध दर्ज करने और उसे उसका घर वापस दिलाने की गुहार लगाई। जस्टिस भादुड़ी ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल को पूरे मामले को संज्ञान में लेने और जरूरी कार्रवाई के निर्देश जारी किए। महज पांच घंटे के भीतर प्राधिकरण के अधिकारियों ने अशोक को उसके घुरू अमेरी स्थित घर पहुंचाया। बेटा उस वक्त घर पर नहीं था। अधिकारियों ने बेटे से मोबाइल पर बात की और पिता के साथ अच्छा व्यवहार करने की हिदायत भी दी।