छत्तीसगढ़

निजी वेब-पोर्टलों का कारनामा, बृहस्पत मामले को बताया झूठा

Admin2
30 July 2021 4:58 PM GMT
निजी वेब-पोर्टलों का कारनामा, बृहस्पत मामले को बताया झूठा
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  • जनता से रिश्ता के हाथ लगा घटना का वीडियो और पुलिस में दर्ज बयान की कापी
  • जनता से रिश्ता ने विगत कई महीनों से फर्जी वेबपोर्टलों के खिलाफ शासन को आगाह कर रहा है
  • ये फर्जी वेबपोर्टल पैसों के लिए राज्य की राजनीतिक फिजां में जहर घोलने से भी बाज नहीं आ रहे.
  • ये वेबपोर्टल चंद पैसों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को अस्थिर करने के मंसूबे भी पाल रखे है
  • चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश के आरोप में इनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाए
  • ये फर्जी वेब पोर्टल वाले एक तरफ चोर को बोल रहे है चोरी करो और दूसरी तरफ कोतवाल को बोल रहे है जागते रहो
  • क्या आदिवासी बहुल प्रदेश में आदिवासी MLA पर दुर्घटना या वारदात को राजनीती पैतरे बाजी के रूप क्यों देखा जा रहा है, जबकि वास्तविकता सभी के कथन और बयान से सामने आई

रायपुर। कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह और राज्य सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच का विवाद थमते नहीं दिख रहा है। हालाकि विधानसभा में बृहस्पत सिंह के खेद व्यक्त करने के बाद मामला खत्म समझा जा रहा था लेकिन कुछ न्यूज पोर्टल नए खुलासों के नाम पर नई-नई खबरें फैला रहे है और मामले को तूल दे रहे हैं। मामले में कई नये दावे किये जा रहे हैं। कहीं तिल को ताड़ बताया जा रहा है तो कहीं ताड़ को तिल दर्शाया जा रहा है।

हाल ही में कुछ वेब पोर्टलों पर इस आशय की खबर आयी थी कि बृहस्पत सिंह की जिस गाड़ी पर 24 जुलाई को हमला किया गया था उसके ड्रायवर ने कहा है कि गाड़ी ओवरटेक करने को लेकर टी-एस-सिंहदेव के रिश्तेदार से विवाद हुआ था, उसने कोई मारपीट नहीं की. सिर्फ चाबी से गाड़ी का कांच फोड़ दिया था। रिश्तेदार ने न तो विधायक बृहस्पति सिंह के बारे में पूछा और न ही उनको कुछ कहा-वहीं बृहस्पत सिंह के सुरक्षा कर्मी पीएसओ ने भी गाड़ी ओवरटेक को ही विवाद बताया। इसे लेकर यह हवा बन रही है कि टी.एस.बाबा के खिलाफ बड़ी साजिश चल रही थी।

जनता से रिश्ता ने इस मामले में तथ्यात्मक जानकारी जुटाई जिसमें घटना की सच्चाई सामने आई और घटना का वीडियो भी हाथ लगा, इतना ही नहीं वाहन चालक और सुरक्षा कर्मियों के बयानों की प्रति भी हमारे संवाददाता के हाथ लगी है जिन्हें देखकर मीडिया में चल रहे दावों की हवा निकल जाती है।

वास्तविकता यह है कि घटना के तुरंत बाद मीडिया कर्मियों द्वारा लिये गये बयान में ड्रायवर एवं सुरक्षा कर्मी दोनों ने यह स्पष्ट तौर पर बयान दिया था कि उनके साथ गाली गलौच की गई और गाड़ी को नुकसान पहुंचाया गया। सुरक्षा कर्मी द्वारा आरोपियों को जानकारी दे दी गई थी कि ये विधायक जी की गाड़ी है जिस पर आरोपियों ने तुम्हारा विधायक कहॉं है कहकर उन्हें भी गाली दी गई। इसी प्रकार का बयान भी उनके द्वारा पुलिस को दिया गया है। इस प्रकार कुछ वेब पोर्टलों द्वारा गलत खबरें फैलाई जा रही हैं जो तथ्यहीन हैं और मीडिया के तटस्थता के उसूलों के खिलाफ है।

फर्जी वेबपोर्टलों का नया कारनामा

प्रदेश में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए वेबपोर्टल अब राजनीतिक गतिविधियों और घटनाक्रम को भी तोड़-मरोड़ कर पेश करने लगे हैं। एक दूसरे गुट को चंद रुपए लेकर आपस में भिड़ाकर अपने आर्थिक हित भी साधने लगे हैं। जनता से रिश्ता ने पहले ही इस बात की आशंका जताई थी कि फर्जी वेब पोर्टल लगातार छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी दखल देने के लिए किसी भी हद तक जा रहे हैं। इसके लिए वे कुछ भी स्टोरी बनाकर उसे वेबसाइट पर प्रसारित करने में पीछे नहीं रहना चाहते हैं। वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर भी ये वेबपोर्टल वाले हजार-2000 लेकर मनपसंद विपक्षी नेताओं की बात को तोड़ मरोड़ कर पेश करने लगे हैं। जनता से रिश्ता ने लगातार फर्जी वेब पोर्टलों के कारनामे उजागर किए थे उसके उपरांत भी सरकार ने फर्जी वेब पोर्टलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसका परिणाम आज यह हो रहा कि सरकार के हर काम में ब्लैक मेलिंग करने और दखल देने के लिए आतुर हो गए और विपक्ष नेताओं से हजार-2000 लेकर अनाप-शनाप मनपसंद कहानियां गढऩे लगे हैं जिसका परिणाम यह हो रहा है कांग्रेस पार्टी की मजबूत सरकार और कांग्रेस पार्टी की जय-वीरू की दोस्ती पर अब आंच आने लगी है और दोनों को आपस में लड़ाने के लिए फर्जी निजी वेब पोर्टल पैसे लेकर खेल कर रहे हैं।

सच्चाई के पक्के सबूत देखिए....













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