डॉन के इलाके में आने-जाने वालों पर रखी जाती है नजर
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में रवि-आसिफ गैंग ने अपना सट्टा-जुआ, गांजा, अवैध शराब का कारोबार करने के लिए लोक तंत्र के चौथे स्तंभ को भी खरीदने की कोशिश करने लगे है। रवि के गुर्गे कहते है कि पूरी मीडिया बिकी हुई है। सटोरियों की नजर में मीडिया की औकात दो कौड़ी से ज्यादा नहीं है। मुंबई के सबसे बड़े गैंगस्टर रहे वरदान और हाजी मस्तान, करीम लाला की गलियों में जाने से पहले उनकी इजाजत लेनी होती है। ऐसा ही रायपुर के डॉन रवि साहू की गली गलियों में घुसने से पहले लोगों को उनकी इजाजत लेना पड़ता है। शहर भर में सटोरियों के इलाकों में उनके गुर्गों ने अपने-अपने चौकीदार खड़े रहते है। राजधानी में सट्टा कारोबार धडल्ले से चलने लगा है। सट्टा कारोबार चलाने वालों में पुलिस का कोई खौफ तो दिख नहीं रहा है। इन दिनों सट्टे का अवैध कारोबार जोर शोर से चल रहा है।
हर मीडिया का महीना सेट : शहर के डॉन को पुलिस का खौफ तो नहीं है लेकिन मीडिया से डॉन बचने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाने लगा है। डॉन के शागिर्द मीडिया को सेट करने का काम करने में लगे रहते है। हर मीडिया को अपनी जेब में रखने का दावा करने वाला शहर का डॉन ये भूल रहा है कि शहर में ऐसे मीडिया घराने के लोग भी है जो अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते है। डॉन के एक गुर्गे ने कहा कि बड़े-बड़े मीडिया हमारे मीडिया हमसे टकराते नहीं और हमारे खिलाफ खबर नहीं लगाते है और छोटे मीडियाकर्मी हर महीने हमसे अपना मेहनताना लेकर जाते है। जिसकी वजह से मीडिया को शहर का डॉन दो कौड़ी का समझने लगा है। शहर भर के पत्रकार उसकी जेब में है पैसा फेककर हर मीडिया को अपने काले कारोबार में शामिल करने का दम रखता है। आज के समय में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को खरीदकर अपना कारोबार चलाने वाला शहर का डॉन मुंबई की तर्ज पर अपना काम कर रहा है।
जनता से रिश्ता के संवाददाता को मिली धमकी : शहर के डॉन ने जनता से रिश्ता के खबरों को पहले पैसों से खरीदने की कोशिश की लेकिन जब इससे बात नहीं बनी तो डॉन के गुर्गों ने खुलेआम जनता से रिश्ता के संवाददाता को चाकू मारने की धमकी भी दे दी है। अब शहर का डॉन मुंबई की तर्ज पर अपने कामों को करने लगा है।
डॉन ने तैयार की अपनी गैंग
रायपुर में सटोरिए और बाहर से आये बुकी एक संगठित गिरोह के रूप में काम कर रहे हैं। सट्टा खिलाने वालों की एक अजीबो-गरीब भाषा है। यानी कोर्डवर्ड हैं। महज एक फोन पर दांव लग जाता है और ऐसे ही रद्द भी हो जाता है। हार-जीत की राशि का बकायदा अगले दिन किसी जनरल स्टोर, मोबाइल शॉप या पान की दुकान से भुगतान कर दिया जाता है। खेलने वालों को भी एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है।
सट्टा ओपन-क्लॉस, क्रिकेट में भी चल रहा
रायपुर में सट्टे के भाव को रवि के गुर्गे खुद की निगरानी में चलाते है। सट्टा क्रिक्रेट का हो या ओपन क्लॉस का रवि साहू के इलाके में हर तरह का सट्टा खिलाया जाता है। क्रिकेट में अगर 20 ओवर का मैच हो तो 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। क्रिकेट का सट्टा मुंबई जैसे बड़े शहरों के बुकी ही फिक्स करते है। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है रायपुर में भी बड़े बुकी होटल बुक करके सट्टा खेलते है। शहर में सट्टा खिलाने सावधानी इतनी होती है कि एक बार कोई नंबर उपयोग हो गया तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता।
डॉन बना शहर का सबसे बड़ा खाईवाल
रायपुर के सदर बाजार, आज़ाद चौक, पंडरी बस स्टैंड, नेशनल हाइवे, नया बस टर्मिनल और चौक चौराहे में स्थित कई जनरल स्टोर्स, नाई व पान दुकानों में सट्टे लिखवाने वालों भीड़ देखी जा सकती है। रवि डॉन के चक्रव्यूह में लोग इस कदर फंस चुके हैं की इससे उबर नहींं पा रहे हैं। शहर में एक दो नही बल्कि चार खाईवाल लंबे समय से सट्टा संचालित कर रहे हैं और इन सबका डॉन बना गया है रवि साहू। जो पुलिस की गिरफ्तर से बाहर है। छुटभैय्या नेताओं और खाईवालों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार शहर सहित आस-पास के आउटर इलाकों में पुरी तरह से अपनी जड़े जमा चूका है।
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