4 गांव की प्यास बुझाने वाला लाल बांधा तालाब का अस्तित्व खतरे में
अर्जुनी। ग्राम अर्जुनी के लगभग 100 साल पुराने लाल बांधा तालाब के देखरेख एवं सफाई के अभाव में तालाब गंदगी और जलकुंभी के कारण अपना अस्तित्व खोने लगा है। तालाब में चारों तरफ जलकुंभी फैला हुआ है। जिसके कारण लोगों को निस्तार के लिए काफी सुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यह तालाब आसपास के लोगों के लिए निस्तारी मुख्य साधन माना जाता है साथ ही आसपास के 8 से 10 गांव के लोग पानी पीने के लिए इसके पानी का उपयोग कर चुके हैं पूर्व में कुएं ,बोरवेल,या हैंड पंप की सुविधा गांव में नहीं होती थी तब वहां के लोग पीने के लिए बैलगाड़ी से ड्रम में भरकर यहां से पानी ले जाया करते थे और पीने के लिए इसका उपयोग किया करते थे । इस तालाब का पानी काफी स्वच्छ हुआ करता था । इसमें का पानी इतना साफ हुआ करता था कि पानी में अगर सिक्का डाल दिया जाए तो वह गलत गहराई तक जाने के बाद भी साफ़ साफ़ दिखाई देता था । इस तालाब से अर्जुनी, खैरतल, मूढहीपार, मलदी , करमनडीह तक के लोग पेयजल के लिए उसके पानी का उपयोग करते थे।परंतु जलकुंभी के कारण पानी गंदा हो गया है पानी से जलकुंभी के सडन से बदबू आने लगी है। फल स्वरुप लोगों को इस तालाब में निस्तार करने में काफी सुविधा का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण जहां नहाने से भी कतरा रहे हैं तालाब में चारों तरफ जलकुंभी फैली हुई है जिसके चलते यह तालाब, तालाब कम क्रिकेट मैदान ज्यादा लगने लगा है देखने में यहां एक समतल मैदान जैसे दिखाई देता है। ग्रामीणों ने बताया कि नहाते वक्त पानी से असरानी गंध आ रही है इसको चलते लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है पानी जलकुंभी से अडा पड़ा हुआ है जलकुंभी पानी में चढ़ कर तालाब के निचले स्तर में बैठ रहा है जिस तालाब फटने लगा है तालाब में पानी काम जलकुंभी ज्यादा दिखाई देने लगे हैं यह तालाब आसपास के लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।
इसके अलावा इस तालाब से सैकड़ों एकड़ जमीन को सिंचाई किया जाता है यह किसानों के लिए जीवन दयानी तालाब के रूप में भी देखा जाता है इस तालाब में 12 माह तक पानी उपलब्ध रहता है यह गर्मी के दिनों में निस्तारित का मुख्य साधन माना जाता है।
इस्लाम का इतिहास इस तालाब का इतिहास लगभग सैकड़ो वर्ष पुराना है यह तालाब दाऊ कल्याण सिंह से जुड़ा है यह तालाब दाऊ कल्याण सिंह के द्वारा अर्जुनी के ग्रामीणों को दान में दिया गया है या तालाब लगभग 50 से 55 एकड़ में फैला हुआ है यह तालाब आसपास के सबसे बड़े तालाब के रूप में जाना जाता है इस तालाब के एक छोर पर राम जानकी मंदिर स्थित है यह मंदिर काफी वर्ष पुराना होने के साथ-साथ काफी दर्शनीय भी है के अलावा यहां पर शिव मंदिर भी उपस्थित हैं। लोगों का गंदगी के कारण यहां आना-जाना भी मुश्किल हो गया है । दाउ कल्याण सिंह द्वारा 5 एकड़ जमीन राम जानकी मंदिर के नाम में दान दिया गया है जिसमें मंदिर के नाम से कृषि किया जाता है।