छत्तीसगढ़
कृषि विभाग द्वारा दलहन-तिलहन की फसलें लेने पर दिया जा रहा जोर
jantaserishta.com
22 Dec 2021 10:58 AM GMT

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जिले के जलाशयों से नहरों में नहीं छोड़ा जाएगा ग्रीष्मकालीन धान के लिए पानी।
धमतरी: जिले में रबी सीजन वर्ष 2021-22 में धान के बदले दलहन, तिलहन, गेहूं और ग्रीष्मकालीन मक्का, मूंग उड़द की फसल के लिए जोर दिया जा रहा है, साथ ही किसानों से लगातार अपील भी की जा रही है। उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में दलहन-तिलहन की उतेरा फसलों के लिए 60 हजार 360 हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य रखा गया है जिसमें गत वर्ष के ग्रीष्मकालीन 45 हजार 830 हेक्टेयर क्षेत्र को भी दलहन, तिलहन में परिवर्तित किया जाना है।
उन्होंने बताया कि रबी में विभिन्न फसलों के 2840 क्विंटल बीज के वितरण का लक्ष्य है जिसके विरूद्ध 1732.32 क्विंटल का भण्डारण कर 1498.91 क्विंटल बीज का वितरण किया जा चुका है। इसके पहले भी जिले के किसानों से जनचौपाल, मुनादी एवं अन्य माध्यमों से अपील की गई थी कि किसान ग्रीष्मकालीन (रबी) धान के बदले कम पानी वाली दलहन, तिलहन, गेहूं, चना फसलों के अलावा रबी का मक्का, मूंग, उड़द की फसलें ली जाएं ताकि पानी की बचत की जा सके। उप संचालक कृषि ने बताया कि शासन द्वारा जलाशयों से ग्रीष्मकालीन धान के लिए नहरों में पानी नहीं दिया जा रहा है, ऐसी स्थिति में पेयजल के लिए नलकूप का पानी संरक्षित किया जाना अतिआवश्यक है। उन्होंने पुनः किसानों से अपील करते हुए कहा है कि किसान किसी भी स्थिति में ग्रीष्मकालीन धान की बोनी नहीं करें तथा जल संरक्षण में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करें।
उल्लेखनीय है कि एक दैनिक समाचार पत्र के स्थानीय संस्करण में 'रबी फसल के लिए खेतों में तैयार कर रहे नर्सरी' शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ है जिसमें जिले के किसानों के द्वारा 40 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लेने की बात कही गई है। इस संबंध में उप संचालक ने बताया कि जिले में चालू रबी सीजन में धान की फसल के स्थान पर दलहन-तिलहन लेने पर बल दिया जा रहा है। ग्रीष्मकालीन धान के लिए विभाग द्वारा किसी प्रकार का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है।

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