जनता से रिश्ता की खबर का असर, दोनों मेले के संचालकों को जिला प्रशासन ने जारी किया नोटिस
रायपुर। मेला के नाम पर राजधानी में लूट मचा हुआ है। इस लूट का खुलासा करते हुए जनता से रिश्ता ने आज अपने समाचार पत्र में मेले में हो रही लूट की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जनता से रिश्ता की खबर का असर हुआ जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है और रायपुर शहर में संचालित हो रहे दोनों मेला के संचालकों को एडीएम ने नोटिस जारी किया है।
सरकारी करों की चोरी कर करोड़ों का चूना लगा रहे है। वहीं मेला स्थल में सुरक्षा को दरकिनार कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। मेला में सरकारी नियम के तहत दर्शकों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए थर्ड पार्टी इंश्योंरेंस अनिवार्य है, साथ ही मेला में दर्शकों के लिए जो टिकट दिया जाता है उस पर भी मूल्य अंकित होना चाहिए। राजधानी में चल रहे मेले में सिर्फ काउंटर पर 50 रूपए लिखा गया है और टिकट दिया जा रहा है उसमें किसी भी तरह की राशि का उल्लेख नहीं किया जा रहा है।
वहीं दर्शकों के टिकट को गेट में खड़े गेटकीपर तुरंत फाड़ कर फेंक देते है। जनता से रिस्ता के रिपोर्टरों की टीम ने व्यक्तिगत मेले में पार्किंग से लेकर हर प्रकार के झूले की टिकट खरीदी और पूरा मेले का निरीक्षण करने के बाद इस तरीके का अव्यवस्थता तथा सरकारी नियमों के विपरीत मापदंड और जीएसटी और अन्य प्रकार के टैक्सों की चोरी की जा रही है। आबकारी मनोरंजन कर के तहत नियम से आधा टिकट दर्शक को देना होता, जिससे मेला मेें किसी तरह की दुर्घटना हो तो वह मुआवजा के लिए क्लेम कर सकता है।
लेकिन राजधानी में चल रहे मेले में कानून-कायदे को दर किनार कर मनमानी की जा रही है। दर्शकों की सुरक्षा के लिए कोई भी ठोस उपाय मेला स्थल पर नहीं नजर आता है। फायर सिस्टम सिक्यूरिटी, सरकारी नियम के अनुसार झूला घर, चिडिय़ा घर, सर्कस या किसी भी प्रकार के लाइव कंसर्ट के लिए जहां पर जनता का आवागमन अधिक रहता है थर्ड पार्टी इंस्योरेंश नियम के तहत किया जाना चाङिए था। लेकिन यह जानकारी आई है कि किसी बी पार्टी का थर्ड पार्टी का इंश्योरेंश नहीं बताया जा रहा है। जबकि आकस्मिक दुर्घटना होने पर दुर्घटना ग्रस्त लोगों को मुआवजा और इलाज के लिए खर्चा दोनों ही वहन करने में सरकार कैसे पूरा करेगी।
जबकि सार्वजनिक स्थान पर नागरिक सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पूरे परिसर का सुरक्षा बीमा किया जाता है और जनता के आवागमन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंश भी अनिवार्य है। अधिकांश ऐसे दुर्घटनाओं में पीडि़त को जान गंवाने और शरीर गंवाने के उपरांत भी मुआवजे के लिए तरसना पड़ता है और मुआवजा नहीं मिलता है। मेले के आर्गनाइजरों की गैरजिम्मेदारी से मुआवजे की राशि का बोझ जबरन सरकार के गले पड़ता है। जबकि मेला के आर्गनाइजर लोग जनता के पैसे से जनता को सुविधा देने से मुकर जाते है और मेले से मुनाफा अपने जेब में डालते है।
मेले के रास्ते को सकरा किया गया जिससे भगदड़ या किसी आपदा की स्थिति में दर्शकों को सुरक्षित निकाला जा सके। यहां मेला संचालकों ने दोहरी कमाई के चक्कर में दर्शकों की सुरक्षा को ताक पर रख दिया है। राजधानी इन दिनों मनोरंजन मेला से सराबोर है। राजधानी वासियों को मनोरंजन का नया साधन मिल गया है। लेकिन मनोरंजन के नाम से राजधानी के युवाओं को नशा और अश्लीलता परोसने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं। पार्किंग स्थल पर कमोबेश वहीं लड़के काम करते है जो लगातार जुआ और सट्टा-गांजे के मोहल्ले के एजेंट होते है इसलिए वे अपने काम को सुरक्षित स्थल मान कर मेला स्थल पर भी बखूबी बेफिक्री से इस्तेमाल करते है।