बालोद। शहर के व्यापारी व समाजसेवी राजेश बाफना (54) का निधन हो गया। महावीर गली से अंतिम यात्रा निकालने के बाद उनके शरीर को परिजनों ने एंबुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज पेंड्री राजनांदगांव भिजवाया। बाफना ने 7 साल पहले परिवार के सदस्यों के साथ देहदान की घोषणा की थी। इस वजह से निधन के बाद परिजनों ने वादा निभाकर मिसाल पेश की।
बाफना की आंखों से आने वाले समय में दृष्टिहीन दुनिया देख सकेंगे। वहीं उनका शरीर प्रायोगिक के लिए मेडिकल स्टूडेंट्स के काम आएगा। अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ सुबह से दोपहर तक उमड़ती रही। अरूण बाफना ने बताया कि वर्ष 2015 में एक सामाजिक कार्यक्रम में परिवार के सभी सदस्यों के साथ राजेश बाफना ने भी देहदान करने का निर्णय लिया था। बालोद शहर में बाफना परिवार के किसी सदस्य का देहदान करने का यह पहला मामला है।
एक दिसंबर 2015 को आदमाबाद झलमला में हुए मिलन समारोह में बाफना परिवार के 32 सदस्यों ने देहदान और लगभग 20 सदस्यों ने नेत्रदान की घोषणा की थी। यह देहदान व नेत्रदान की घोषणा बाफना परिवार अन्य समाज के लोगों के लिए आदर्श बना। बाफना परिवार ने मिसाल पेश की है। वैसे तो देहदान व नेत्रदान की घोषणा कई लोग कर चुके हैं, लेकिन बाफना परिवार के सभी सदस्यों ने एक-दूसरे से स्वप्रेरित होकर नेत्रदान व देहदान करने का निर्णय लिया था। जिसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग, पुरुष, महिलाएं शामिल थीं।