कब्र में दफन लाश ने खोला मौत का राज, हत्यारों ने रची थी ऐसी साज़िश
गरियाबंद। 6 जनवरी की रात को उरमाल के बाइक मैकेनिक 26 वर्षीय वाहिद अली अपने दुकान को खुला छोड़कर लापता हो गया था. खुली दुकान और बिखरे सामान को देख छोटे भाई शामीद अली की सूचना पर देवभोग पुलिस 7 जनवरी को अपहरण का मामला दर्ज कर मामले की जांच में जुटी. परिजनों को वाहिद के दोस्तों पर झगड़ा करने का अंदेशा था. शुरुआती जांच में संदिग्धों ने पुलिस को जमकर गुमराह किया. मामले की गम्भीरता को देखते हुए. पुलिस ने 9 जनवरी की सुबह संदिग्धों को हिरासत में लेकर दोबारा पूछताछ की.
पुलिस की पूछताछ के सामने आरोपी ज्यादा देर टिक नहीं सके. आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. दफनाए गए स्थल को दिखाया. जन्हा कार्यपालिक मजिस्ट्रेड की मौजूदगी में पुलिस ने खनन कर खून से लथपथ वाहिद के शव को बाहर निकाला. थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में अपराध पंजीबद्व कर आरोपी किशन हरपाल 27 वर्ष निवासी सर्गिगुड़ा,जय प्रकाश मरकाम 20 वर्ष मूंनगापदर,कौशल पावड़े 22 वर्ष निवासी,बृजलाल मांझी 22 वर्ष दोनों निवासी उरमाल,भवानी शंकर हरपाल उम्र 18 वर्ष निवासी सरगिगुड़ा,उमाशंकर सोनवानी उम्र 19 वर्ष निवासी मटिया को गिरफ्तार कर जेल न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया.
मिली जानकारी के अनुसार 6 जनवरी को जय प्रकाश व भोज अपनी बाइक बनाने वाहिद के पास आए थे. मैकेनिक चार्ज मांगा, तो दोस्तों को नगावार गुजरा. पहले तो दोस्ती का हवाला दे रहे थे, फ़िर पैसे नहीं देने की बात को लेकर मैकेनिक के साथ विवाद हो गया. इसी विवाद के बाद जय प्रकाश ने अपने अन्य 5 दोस्तों के साथ दो बाइक में देर रात वाहिद के दुकान पहुंचा. दुकान में मारपीट करने के बाद उसे 3 किमी दूर सरगीगुड़ा के खंडहर स्कूल में ले गए. जहां हत्या कर दी.
जय प्रकाश लगभग 12 इंच वजनी चाकू ऑनलाइन मंगाया था,पकड़े गए आरोपियों में से उमाशंकर सोनवानी ओडिशा में युवक के गले रेतने के मामले के वारदात में शामिल था. वाहिद को अपहरण करने के बाद उसे फिल्मी स्टाइल से पहले गला रेता गया. फिर एक के बाद एक 10 से भी ज्यादा वार पेट और सीने में कर उसे मौत के घाट उतार दिया. अपहरण की रात 6 जनवरी को ही वाहिद की हत्या कर दी गई थी. उसे पास के एक श्मशान में डेढ़ फीट गढ्ढ़े खोद आरोपियों ने दफना भी दिया था.
वाहिद के लापता होते ही परिजनो का शक उसके नशेड़ी दोस्तों पर गया. वारदात के बाद सभी आरोपी अपने अपने गांव में अलग अलग हो गए. अपहरण की पड़ताल हुई तो वाहिद को रात में बाइक पर बिठाकर ले जाने वाले आरोपी किशन से पूछताछ में आधे रास्ते मे छोड़ना बता दिया.गुमराह करने इलाके के एक अन्य बदमाश का नाम जोड़ रहे थे. यंहा तक कुछ आरोपी ने तरभा जाना बता रहे थे. जांच में पहुंचे पुलिस ने सभी दोस्तों को हिरासत में ले लिया. उनसे भवनात्मक जुड़ाव और मनोवैज्ञानिक ट्रिक का इस्तेमाल किया, फिर आरोपियों ने हत्या का राज खोला.