घोटुल की संस्कृति ने बस्तर को देश-विदेश में पहचान दिलायी: भूपेश बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां विधानसभा ऑडिटोरियम में बस्तर के 50 से अधिक घोटुलों से आये मांझी एवं सदस्यों को संबोधित किया। घोटुल सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को अंतागढ़ के अमाकडा में 8 अप्रैल को आयोजित झलमलको लायोर गोटूल रच्चा उत्सव में आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने आमंत्रण सहर्ष स्वीकारते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान बस्तर से है, वहां की संस्कृति से है।
बस्तर की हमेशा अलग पहचान रही है चाहे घोटुल हो, देवगुड़ी , मुर्गा लड़ाई , या दशहरा उत्सव, इन सभी ने बस्तर को देश विदेश में पहचान दिलायी है। वहां की विभिन्न बोलियां, संस्कृति एवं खानपान से बस्तर की अलग पहचान है । घोटुल की पहचान उसकी संस्कृति के कारण देश-विदेश में बनी हुई थी और देश-विदेश से पत्रकार यहां आकर इसकी पहचान बताते थे । घोटुल संस्कृति शिक्षण केंद्र हैं जहां पर शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति की जानकारी प्रदान की जाती है ।