भगवान बालाजी के दर्शन के लिए उमड़ रही भीड़, अनजान थे गांव वाले
कांकेर. जिले के देवरी बालाजी गांव में सालों से भगवान बालाजी विराजमान हैं. हैरानी की बात ये है कि गांव वालों को इस चमत्कारी मंदिर के बारे में पता ही नहीं था. पिछले दिनों सिर्फ दो मंगलवार पूजा करने पर ही जब श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होने लगी तो अब दूर दूर से श्रद्धालु बालाजी के दर्शन करने गांव पहुंच रहे हैं.
यूं तो दुनियां में हजारों प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर हैं. सभी की अपनी अपनी अनोखी कहानियां भी हैं. ऐसा ही एक मंदिर कांकेर जिले के एक छोटे से गांव देवरी बालाजी में महानदी के किनारे स्थापित है. जिसकी कहानी भी बेहद अद्भुत है. मंदिर के नाम से ही गांव का नाम भी पड़ा है. लेकिन यहां के लोग अभी तक भगवान बालाजी की दिव्यता से अनजान थे. अब जब लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो रही है तो लोग यहां पहुंचकर अपनी अर्जी लगाकर मन्नतें मांग रहे हैं.
भगवान बालाजी यहां कब से विराजमान हैं. इसके बारे में किसी को पता ही नहीं था. पुजारी मनोहर नेताम बताते हैं कि उनके पूर्वज यहां आसपास स्थापित मूर्तियों की पूजा अर्चना किया करते थे. भगवान बालाजी पहले एक पेड़ के नीचे स्थापित थे. जिन्हें एक छोटे से मंदिर में स्थापित किया गया. भगवान बालाजी की मूर्ति भी अद्भुत और आश्चर्यचकित करने वाली है. यहां भगवान बालाजी के एक रूप नहीं बल्कि एक ही शिला में दो रूप आगे और पीछे बने हुए हैं. यह स्वयंभू है या इसका निर्माण किया गया है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है. भगवान बालाजी के दर्शन आगे और पीछे दोनों ओर से किया जा सकता है. बालाजी के अलावा यहां भगवान जगन्नाथ, भगवान गणेश, भगवान शिव, नंदी भी स्थापित है.