- होटलों में इवेंट के नाम बेरोक टोक जारी है अश्लील व नशे की पार्टियां
- वाट्सअप पर प्रचार, शौकीनों को दो दिन की महामस्ती का आमंत्रण देकर कर रहे जमकर वसूली
- आमंत्रितों को सोशल मीडिया में मॉडल डांसर का फोटो के साथ किया जाता है पोस्ट
- राजधानी के होटलों में मची है विकेंड पार्टी की धूम, रायपुरियंस उठा रहे जमकर लुत्फ
- इन पार्टियों में शामिल होने वाले अधिकतर युवा युवतियां कॉलेज के
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी के होटलों में विकेंड पार्टी का सिलसिला बदस्तूर जारी है। शहर के नामचीन स्टार होटलों में इवेंट के नाम पर कमाई का नया तरीका खोज निकाला है जिसे लोग विकेंड पार्टी के नाम से जानते है। राज्य सरकार ने जब से सरकारी कार्यालयों में 6 दिवसीय कार्य प्रणली लागू की है होटलों में शनिवार और रविवार को जमकर धनवर्षा हो रही है।शनिवार देर रात शुरू होने वाले पार्टी में डांस और मस्ती का धमाल का लुत्फ उठाने वाले शौकीनों को बड़े आत्मीय आमंत्रण देकर बुलाया जाता है। खाने पीने की मीनू के साथ डांस की अदाकारा का नाम भी आमंत्रण में उल्लेख कर शौकीनों को दो दिवसीय विकेंड पार्टी में फुल इंजाय के लिए जमकर इंट्री फीस वसूल कर होटले मालिक पिछले दो साल की मंदी का भरपाई कर रहे है। राजधानी की होटलों में अब रातें रंगीन होने लगी है। खासकर शनिवार और रविवार को विकेंड पार्टी में तो शराब और शबाब फ्लोर पर छलकता है।जहां देर रात तक रासरंग की महफिल जम रही है। और यही महफिल होटलों में धनवर्षा कर रही है। होटलों में शनिवार और रविवार को होने वाले पार्टियों की जानकारी पुलिस के मुखबिर तंत्र से मिलने के बाद भी पुलिस प्रशासन विकेंड पार्टी के नाम पर होने वाले नंगा नाच पर प्रतिबंध नहीं लगा पा रही है। जानकारों की मानें तो इस तरह की पार्टी के आयोजक राजनीतिक रसूख वाले छुटभैया है। जिनसे संरक्षण और न्योछावर गारंटी पर होटलों में दो दिन धमाल मचता है। । राजधानी के वीआईपी रोड स्थित होटल, रेस्टोरेंट में धड़ल्ले से नाईट पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। वीआईपी रोड की हर होटलों में हुक्का पार्टी चल रहा है। वीआईपी रोड में हर रात ड्रग्स, हुक्का, शराब की पार्टी आम बात हो गई है, मीडिया में लगातार खबरें आने बावजूद राजधानी के बड़े होटलों और पब्स में खुलेआम अवैध नाइट पार्टियां का सिलसिला जारी है, प्रशासन की बिना अनुमति के छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण में होटल, क्लब संचालक बेखौफ इन पार्टियों का आयोजन कर रहे है। जिसमें समय सीमा खत्म होने के बाद भी शराब और गुपचुप तरीके से हुक्के भी परोसे जाते है। पार्टी के आयोजनकर्ताओं और होटलों के संचालकों को इलाके के छुटभैय्या नेताओं से ही संरक्षण मिल रहा है। इसका पुख्ता सुबूत जनता से रिश्ता के पास मौजूद है। वीआईपी रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में शनिवार की रात एक नाईट पार्टी आयोजित थी। जिसमें रात 12 बजे के बाद भी शराब और हुक्के परोसे जा रहे थे। क्या उक्त रेस्टोरेंट का शराब का लाइसेंस और नशे की पार्टी करने का लाइसेंस शासन के द्वारा दिया गया है। ये अब संबंधित थाने की पुलिस को एवं जिला कलेक्टर और जिला आबकारी अधिकारी को जांच कर पता लगाए कि इस तरह के आयोजनों की अनुमति लाइसेंस है या नहीं। अगर लाइसेंस नहीं है,. उक्त रेस्टोरेंट के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत उचित कानूनी कार्रवाई करने का दायित्व है।
विकेंड की रात भी पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी नाइट पार्टियों को समय पर बंद नहीं करा पाए और दिखावे के लिए आयोजित कैंडल नाइट डिनर के बाद कई होटलों और पबों में देर रात तक पार्टियां चलती रहती है, जिसमें शराब और शबाब भी परोसा जा रहा है। छुटभैय्या नेताओं की मौजूदगी में रात में वीआईपी रोड धुएं में तब्दील हो जाता है। जिधर देखो उधर सुट्टा का धुआं तो कहीं हुक्का का धुआं वीआईपी रोड को गमकाते रहता है। पुलिस की पहरेदारी में हो रहे इस तरह की नशे की पार्टी कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है। जिसका जीता जागता उदाहरण कैफे और क्लब है, जहां पार्टी के लिए बहाना ढूंढा जाता था, जिसका हश्र लीज निरस्त तक पहुंच गया है। उसके बाद भी वीआईपी रोड पर स्थित होटलों और ढाबों वालों ने सबक नहीं लिया बल्कि नशे के कारोबार को और तेजी से बढ़ाने के लिए होटल मालिकों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई।
विकेंड पार्टी में जाम छलकाते युवा
ये विकेंड पार्टी यूं ही चलेगी, धूम मचा ले, गेट ऑन द डांस फ्लोर, तमंचे पे डिस्को। जी हां, विकेंड की पार्टी के जश्न के मौके पर हर तरफ इसी तरह के गीत फ्लोर पर गूंजते रहते है और डांस बालाएं अपने जौहार दिखाती है । होटल या रेस्तरां की पार्टी हो या फि र घर की पार्टी, हर जगह युवा थिरकते हुए नजर आते है। जश्न के रंग को बेरंग होने से बचाने के लिए पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के नाम पर फ्री कर दिया । कोई होटलों और रेस्टोरेंटों में आयोजित पार्टियों में अवैध शराब पहुंचाया जाता है। शाम होते-होते अपने कामों को निपटा कर लोग सड़कों पर, फार्म हाउस, रेस्तरां, पब में जुटने लग जाते है। वीआईपी रोड की होटलों में विकेंड जश्न का दौर तेजी से फैलता जा रहा है।
विकेंड में वीआईपी रोड रंगीन
वीआईपी रोड के होटलों और क्लबों में विकेंड और संडे पार्टी हमेशा सुर्खियों में रहा है। जहां पुलिस वाले भी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर आयोजकों के साथ पार्टी में शामिल होकर होटलों में रात की पार्टियों को रंगीन कर रहे है। ड्रग पैडलरों और ड्रग सप्लायरों ने राजधानी को नशे की गर्त में ढकेल दिया है। तेलीबांधा क्षेत्र के आसपास और वीआईपी रोड के होटलों और ढाबों, कैफों और क्लबों में विकेंड और संडे की सुबह तक रंगीन मिजाज लोगों को पार्टी आबाद होती रही। ढाबों के बाहर खुलेआम दारू पिलाई जाती है। और कैफे में युवाओं को हुक्का परोसा जाता है। वीआईपी रोड के आसपास पुलिस की गश्त भी बाकायदा होती रही। रात भर चली नशे की पार्टी में शामिल होने वालों ने और आयोजकों ने महामारी अधिनियम की धज्जियां उड़ा कर रख दिया।
नशा प्रेस्टीज सिंबाल
नशा ना करना आज के दौर में मॉर्डन युवा पीढ़ी की नजरों में बैकवर्ड समझा जाता है। जो पार्टी या क्लब या ब्याह-शादी, बर्थडे वगैरह में ड्रिंक नहीं लेता वह गंवार होता है। कभी ऐसा भी होता है कि इस तरह के आयोजनों में यदि कोई लड़की या महिला शामिल होकर आउट हो जाए यानी ज्यादा ड्रिंक कर ले तो काफ ी दुव्र्यवहार भी हो जाती है। विकेंड यानी नशाखोरी की पुल आजादी मान लिया जाता है। युवा पीढ़ी पर नशीले पदार्थों की पकड़ इतनी मजबूत हो गई है कि वो बिना नशे के एक कदम भी नहीं चल पाता। युवतियों में भी ड्रग्स स्टेटस सिंबल बन जाने से इस बुराई की समाप्ति और भी मुश्किल होती जा रही है। स्कूल-कॉलेज भी नशे से अछूते नहीं है। स्कूल-कॉलेजों में नशा करने वाले 15 से 25 वर्ष आयु वर्ग के लड़के-लड़कियां है जो दोनों नशे के आदि है।
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