धर्मांतरण किए शख्स की हुई मौत, गांव वालों ने नहीं दिया अंतिम संस्कार करने
कांकेर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के बाद अक्सर ऐसे मामले सामने आते है जिसमें धर्म बदलने वाले परिवार में किसी की मौत के बाद शव दफनाने को लेकर विवाद होता है. ऐसा ही एक मामला भानुप्रतापपुर विकासखंड के हर्राठेमा गांव में सामने आया, जहां ईसाई धर्म अपना चुके एक परिवार को शव दफनाने से रोका गया. ग्रामीणों ने परिवार के ईसाई धर्म अपनाने पर ऐतराज जताया है. गांव वालों ने परिवार को शव नहीं दफनाने दिया.
मृतक मरहाराम कड़ियां के पुत्र राजेंद्र कड़ियाम ने बताया कि ''मेरे पापा की तबियत खराब रहने के कारण जिला अस्पताल कांकेर में भर्ती कराया गया था .जिनकी मृत्यु 2 जून को जिला अस्पताल में हुई. जब मैं अपने गांव की खुद की जमीन में शव दफनाने शव लाया तो गांव वालों ने रोक दिया. वहीं कोरर थाना में शिकायत दर्ज कराने पंहुचे परिजनों को पुलिस ने दूसरी जगह अंतिम संस्कार करने को कहा. जिसके बाद भानुप्रतापपुर में शव का अंतिम संस्कार कराया गया. लगातार इस तरह परेशान करने से ईसाई समाज में आक्रोश है.''
इस मामले में कोरर टीआई ने चाणक्य नाग ने बताया कि ''गांव मे विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी. किसी तरीके से अशान्ति न फैले उसे देखकर भानुप्रतापपुर में शव दफनाने का परिजनों को आग्रह किया था.परिजनों ने भानुप्रतापपुर में शव को दफना दिया है.'' पूरे मामले में गांव परिवार वालों के साथ आपसी सामंजस्यता बैठक की जा रही है.