कोंडागांव। केशकाल घाट बस्तर का प्रवेश द्वार है. 12 मोड़ों की इस सर्पीली घाटी को फूलों की घाटी के नाम से भी जाना जाता है. खूबसूरत टाटामारी पर्यटन केंद्र व 9 से अधिक जलप्रपात से घिरे केशकाल घाट पर अब जाम होना आम बात हो गई है. आपको बता दें कि केशकाल बाईपास को लेकर युद्ध स्तर पर काम प्रारंभ किया गया, लेकिन 8 वर्षों से काम अधूरा ही पड़ा है.
भारी वाहनों के लगातार आवागमन के साथ ही घाट के मोड़ पर वाहनों के पलटने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता है, जिसके चलते मुसाफिरों को घंटों घाट पर रुकना पड़ रहा है. केशकाल बाईपास को लेकर युद्ध स्तर पर काम प्रारंभ किया गया, लेकिन 8 वर्षों से काम अधूरा ही पड़ा है.
नारायणपुर जिले में गिट्टी के नए खदान के चलते ट्रकाें की भारी आवाजाही बढ़ चुकी है, जिसके चलते रात्रि में सफर कर रहे वाहन ओवरटेक के चलते जाम की स्थिति निर्मित कर देते हैं. यातायात को बहाल करने पुलिस बल घंटों मशक्कत करते नजर आते हैं.