राजनीति का रंंग भी बड़ा अजीब होता है, वही दुश्मन बनता है जो सबसे करीब होता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क
जाकिर घुसनेा कैलाश यादव
रायपुर। फिल्म और राजनीति का चोलीदामन का संबंध है। चुनाव प्रचार से लेकर मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक पहुंचाने में नेता और अभिनेता अहम भूमिका निभाते है। हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान सीएम भूपेश बघेल और सोनू सूद की मुलाकात ने दिल्ली की राजनीतिक हवा को तूफानी ताकत देे दी है। मुख्यमंत्री भूपेश ने अभिनेता सोनू सूद को सलाह दी है कि अब आप विलेन नहीं, असल जिंदगी में हीरो बन गए है इसलिए विलेन का रोल नहीं करें। इस पर सोनू सूद ने सीएम भूपेश की बात का समर्थन करते हुए कहाकि आप ठीक कहते है, अब मुझे हीरो का रोल आफर आने लगे है। भूपेश बघेल को देश के नंबर-वन मुख्यमंत्री का खिताब मिलने के बाद वे पूरी तरह चुनाव मेकर बन गए है। कांग्रेस हाईकमान ने भूपेश बघेल की काबलियत को देखते हुए यूपी चुनाव का मुख्य आब्र्जवर नियुक्त करते ही यूपी की राजनीतिक हवा को कांग्रेसमय करने पूरी तीकत झोंक दी है। छत्तीसगढ़ में 2018 में अकेले दम पर 67 सीट जीत हासिल कर कांग्रेस को देश की अग्रिम पंक्ति में खड़े कर दिया है। भूपेश और सूद की मुलाकात देर सबेर अपना असर जरूर दिखाएगी। क्योंकि सूद की बहन मालविका सूद मोगा विधानसभा से राजनीति में पदार्पण करने वाली है। हालांकि पार्टी अभी तय नहीं है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जब दो नायक कोई बात करते है तो इसका असर दूरगामी माने जाते है। सूद को देर सबेर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने पाले में ला सकते है। जिस तरह से केंद्रीय राजनीति में भूपेश बघेल का कद बढ़ रहा है, उससे तो यही लगता है कि अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में मालविका सूद को टिकट दिलवा सकते है। सिद्धू सीएम भूपेश की बात को काट नहीं सकेंगे। लेकिन राजनीति के बारे में किसी ने ठीक ही कहा है राजनीति का रंंग भी बड़ा अजीब होता है, वही दुश्मन बनता है जो सबसे करीब होता है
मोदी जी की पीड़ा, क्या से क्या हो गया?
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और कर्ताधर्ता अपनी मांगों को मनवाने में संकल्पित नजर आ रहे है। किसान आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि मोदी जी सोचते होंगे कि क्या सोच कर कृषि बिल वापस लिया था, क्या होना था और क्या हो गया, समझ में नहीं आ रहा है। किसान संगठन की बैठक में निकले निष्कर्ष को प्रस्ताव बनाकर पीएम को भेजने के बाद ही आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। वहीं मोदी जी किसान नेताओं को कह चुके है कि हमारी तपस्या में कमी रह गई, इसलिए क्षमा मांगते है उसके बाद भी किसान एमएसपी को लेकर अपने अनुसार कानून चाहते है। तो मोदी जी के कानून में क्या कमी थी, ये तो बताएं किसान नेता। मोदी जी फिर से तपस्या करने लग जाएंगे।
यूपी में आ रही पाकिस्तान की प्रदूषित हवा
सुप्रीम कोर्ट लगातार देश में प्रदूषण को लेकर राज्यों के साथ दिल्ली में फैले प्रदूषण की सुनवाई कर रही है। यूपी सरकार ने सुप्रीमकोर्ट को बताया कि यूपी में बहने वाली हवा के दबाव को देखे तो यूपी नीचे है। यहां हवा पाकिस्तान से आ रही है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि क्या पाकिस्तान से आने वाली प्रदूषित हवा को रोकने के लिए चीन जैसे दीवार बनानी पड़ेगी। इस पर जस्टिस रमन्ना ने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या आप लोग पाकिस्तान के उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना चाहते है।
अऊ कका बन गे वकील...
मुख्यमंत्री भूपेश भूपेश बघेल राहुल गांधी के देश में सबसे बड़े पैरोकार के रूप में सामने आए है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश की जनभावनाओं को स्वीकारते हुए फिर से कांग्रेस की कमान संभाले, मैं सबसे पहले उनके वकील बनकर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के लिए पैरवी करूंगा। मैं हमेशा से राहुल गांधी के साथ खड़ा हूं। 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करें। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कांग्रेस को भूपेश बघेल केंद्र की सत्ता में लाकर ही दम लेने वाले है। जिस तरह से भूपेश बघेल राहुल गांधी की पैरवी कर रहे है उसका असर पूरे देश में दिखाई देने वाला है। क्योंकि भूूपेश बघेल को प्रशासनिक दक्षता और गुणवत्ता पूर्ण सरकार चलाने के लिए देश का नंबर वन मुख्यमंत्री का खिताब देश की जनता के साथ प्रबुद्धवर्ग ने दिया है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ को रोजगार से लेकर महिला सशक्तिकरण, युवाओं को प्रोत्साहित करने के साथ दिब्यांगों के कल्याण के लिए देश के अन्य राज्यों से ज्यादा पुरस्कार मिल चुका है। जिसके चलते भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ को देश-दुनिया में नई पहचान सामने ला रहे है।
भूमिपूजन में नेता नारियल की जगह टमाटर फोडेंगे
हाल ही में यूपी में एक महिला विधायक ने सडक़ निर्माण के भूमिपूजन करने के लिए नारियल फोड़ पहुंची। वहां मजेदार वाकया यह हुआ कि नारियल तो नहीं फूटा लेकिन सडक़ जरूर टूट गया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सरकारी कामकाज में अब नेता नारियल नहीं फोड़ेंगे बल्कि उसकी जगह विकल्प के रूप में टमाटर फोड़ेंगे। क्योंकि जिस सरकार के कार्यकाल में सडक़ का निर्माण हुआ होगा उस समय मटेरियल की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया होगा ऐसा माना जा रहा है। अब पोल खुलने से बचने के लिए नेताओं ने वर्चुअल भूमिपूजन करने के साथ कार्यकर्ता टमाटर फोड़ कर कार्य का शुभारंभ करेंगे। जिससे इज्जत भी बच जाए और काम भी हो जाए। नहीं तो विकास कार्यों के भूमिपूजन के दौरान रोज फजिते होते रहेंगे।
सिंडिकेट तो पुरातन परंपरा
बिरगांव नगर निगम की सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियां अपना पूरा दम लगा रही हैं, क्योंकि निगम चुनाव आगामी विधानसभा चुनाव के लिए काफी मायने रखता है। भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिरगांव में परंपरागत कांग्रेसियों को छोडकऱ पिता पुत्र सिंडिकेट चला रहे हैं और अपने करीबियों को ही टिकट का वितरण किया है। स्थानीय कांग्रेस विधायक अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के पद चिह्नों पर ही अग्रसर है और परिवार वाद की राजनीति को हवा दे रहे हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भाजपा वालों को सत्ता जाने के बाद परिवारवाद याद आ रहा है। जबकि भाजपा शासनकाल में परिवार का सिंडिकेट भाजपा वाले ही चलाते रहे है। मनरेगा में रेडी टू इट, स्कूलों में भोजन की व्यवस्था, पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी,लोक सेवा केंद्र परिावर वालों को आवंटित किया, जमीन दलालों को बिल्डर बना दिया़, सरकारी जमीनों की धड़ाधड़ बिक्री भाजपाइयों को फायदे पहुंचाने के लिए किए गए।