छत्तीसगढ़

कलेक्टर की पहल से महिला के जीवन में आएगी उजियारा

Nilmani Pal
11 July 2022 11:57 AM GMT
कलेक्टर की पहल से महिला के जीवन में आएगी उजियारा
x

जाजंगीर-चांपा। पति के जीवित रहते सुख बाई की जिंदगी में कभी कोई कमी न थी। परिवार में खुशियां ही खुशियां थी। एक दिन कोरोना ने पति को हमेशा के लिए उससे छीन लिया। पति के मौत के बाद तो जैसे सुख बाई के जीवन में दुःखों का पहाड़ ही टूट पड़ा। पति ने अपनी मौत के एक साल पहले ही बिटिया की शादी के लिए खेत भी गिरवी रखे थे। घर में बेटे के पास भी कोई रोजगार न था। जब तक पति जीवित थे, सबको उम्मीद थी कि जीवन की हर कठिनाई दूर हो जाएगी। पति के कोरोना बीमारी में चल बसने के बाद सुखबाई के जीवन में जैसे अंधियारा ही छा गया था। आज जब सुख बाई कलेक्टर जनदर्शन में आई तो वह अपनी समस्या को भी ठीक से बता नहीं पा रही थी। ऐसे में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने उनकी समस्या को विस्तार से जाना। समस्या का पता लगते ही कलेक्टर ने उसे सुलझाने देर नहीं की। अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सुखबाई को तत्काल ही कोविड-19 अंतर्गत दी जाने वाली 50 हजार की राशि हाथों में दिलवाई। जनदर्शन में कलेक्टर की इस पहल से मानों सुख बाई के जीवन में छाया अंधियारा, उजियारे में तब्दील हो गया।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज से कलेक्टोरेट में जनदर्शन के माध्यम से आमनागरिकों से प्रत्यक्ष मुलाकात कर उनकी समस्याओं को निराकृत करने की पहल की है। राज्य शासन के मंशानुरूप लोगों के परेशानियों को सुनकर उनकी समस्याओं को सुलझाया जा रहा है। पहले दिन आज जनदर्शन में 86 आवेदन आए। इसी जनदर्शन में ग्राम मुरलीडीह,अकलतरा की सुख बाई गोयल भी अपनी फरियाद लेकर पहुँची। उसने बताया कि गत वर्ष कोरोना बीमारी से उनके पति मनोहर लाल का आकस्मिक निधन हो गया। वह हाजिरी मजदूरी कर घर परिवार का खर्च उठाते थे। उनके मौत के बाद जैसे-तैसे उनका बेटा घर का खर्च चला रहा है। सुखबाई ने बताया कि उन्हें पति के मौत के बाद कोरोना से मृत आश्रित परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 50 हजार भी प्राप्त नहीं हुई है। सुखबाई की यह व्यथा सुनते ही कलेक्टर श्री सिन्हा अधिकारियों पर नाराज हो गए और अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए कहा कि इस वृद्ध महिला को यहां तक आने की जरूरत नहीं थी। शासन द्वारा जब राशि स्वीकृत कर भेज दी गई है तो पीडित और पात्र हितग्राही को देने में विलंब कैसे हो गया ? कलेक्टर ने तत्काल ही अधिकारियों को निर्देशित कर सुख बाई के हाथों में राशि दिलाने में बड़ी पहल की। बेवा सुखबाई ने बताया कि उनके पति ने बेटी की शादी के समय अपनी एक एकड़ खेत 35 हजार में गिरवी रखी थी। अब अनुग्रह राशि 50 हजार की राशि मिलने पर वह कर्ज चुकाकर खेत वापस ले पाएगी। खेत वापस मिलने से फसल बोएगी और परिवार का पालन पोषण ठीक से कर पाएगी। अनुग्रह राशि के लिए भटक रही सुखबाई ने जनदर्शन में अपनी फरियाद पूरी होने पर शासन और कलेक्टर सिन्हा के प्रति आभार भी जताया।

Next Story