छत्तीसगढ़

छाता लेकर पहाड़ी कोरवा बस्ती पहुंचे कलेक्टर

Shantanu Roy
30 July 2022 4:13 PM GMT
छाता लेकर पहाड़ी कोरवा बस्ती पहुंचे कलेक्टर
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छग

शंकरगढ़। पहाड़ी कोरवा परिवार अपने घर के दरवाजे पर पहली बार कलेक्टर को देख आश्चर्य में पड़ गए। इतनी दूरस्थ बस्ती में कलेक्टर बरसते पानी में छाता लेकर उनका हाल-चाल पूछने लगे। कलेक्टर की आत्मयीयता देख ग्रामीण भी जल्द ही घुलमिल गए। हम बात कर रहे हैं बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम के. की। कलेक्टर पहाड़ी कोरवाओं से मिलने दूरस्थ पहाड़ी कोरवा बहुल ग्राम रकैया पहुंचे। झमाझम बारिश के बीच कलेक्टर पैदल छाता लेकर घर-घर जाकर वहां पर लोगों से मुलाकात की। वहां पर बैठी बुजुर्ग महिला के घर जाकर उनका स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और स्वास्थ्य विभाग को जल्दी यहां कैंप लगाकर इलाज की सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर पहाड़ी कोरवा हाट बाजार पहुंचे और वहां से पहाड़ी कोरवा बच्चों के लिए कापियां और चाकलेट खरीदी। बच्चों को बिस्किट और मिठाइयां भी बांटी।

कलेक्टर विजय दयाराम पहाड़ी कोरवा ग्राम रकैया ने पैदल भ्‌रमण कर गांव में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया। पहाड़ी कोरवा ग्रामीण चमरू के बुलावे पर उसके घर पहुंचे कलेक्टर ने चमरू के स्वजनों से परिचय प्राप्त कर उनका हालचाल जाना तथा विषेष पिछड़ी जनजाति के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बारिश के सीजन में सर्दी-जुकाम व बुखार से ग्रसित होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर अपना इलाज कराएं। जिले में अल्प वर्षा को देखते हुए कृषकों से अल्प अवधि में तैयार होने वाली फसल लगाने को कहा। इस अवसर पर जिला पंचायत सीइओ रीता यादव, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शशि चौधरी, तहसीलदार सुरेश राय, सीइओ जनपद पंचायत संजय दुबे, खण्ड चिकित्सा अधिकारी डा. आफताब अंसारी उपस्थित थे।
गुणवत्ता परखने खुद किया भोजन
विकासखण्ड शंकरगढ़ के बालक आश्रम रकैया पहुंच बच्चों के साथ काफी समय बिताया और उनके साथ खूब मस्ती भी की। कलेक्टर को अपने बीच पाकर बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। एक छोटे बच्चे को कलेक्टर ने गोद में उठाकर बिस्किट भी दी। उन्होंने आश्रम में बच्चों को दी जाने वाली भोजन की गुणवत्ता को परखने हेतु बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन किया।कलेक्टर ने आश्रम में निवासरत स्कूली बच्चों से चर्चा कर उनकी पढ़ाई के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने बच्चों को आश्वस्त किया कि उन्हें पढ़ाई में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। आश्रम अधीक्षक से बच्चों की दर्ज संख्या के संबंध में जानकारी लेते हुए बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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