विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो बहुल चरचरी-लखारपारा पहुंचे कलेक्टर, समुदाय के लोगों से आत्मीयता से की मुलाकात
बलरामपुर। विशेष पिछड़ी पहाड़ी कोरवा व पण्डो जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने, जीवन शैली व व्यवहार परिवर्तन, स्वच्छता व स्वास्थ्य तथा मुलभूत जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से प्रशासन वृहद कार्ययोजना बनाकर कार्य कर रही है। कलेक्टर श्री इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने स्वास्थ्य शिविरों का निरीक्षण करने तथा सुदूर वनांचलों में रहने वाले पिछड़ी जनजाति परिवारों से मिलने के लिए विकासखण्ड वाड्रफनगर के चरचरी व लखारपारा पहुंचे। उन्होंने समुदाय के सदस्यों से बड़ी आत्मीयता से मुलाकात कर उनकी बातों को सुना तथा मूलभूत जरूरतों को पूरा करने की दिशा में कार्य करने की बात कही। लखारपारा में आयोजित हुए स्वास्थ्य शिविर के बारे में उन्होंने अधिकारियों से जानकारी ली तथा लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया। विकासखण्ड वाड्रफनगर के लखारपारा में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में कुल 35 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गयी, जिसमें बुखार व खांसी के 12, स्केबीज के 12, कमर दर्द के 07 व अन्य बीमारियों के 06 मरीज शामिल थे। मरीजों को चिकित्सकों द्वारा जांच उपरांत निःशुल्क दवाईयां भी दी गयी। स्वास्थ्य और समाधान शिविर में प्राथमिकता के साथ विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के समस्याओं का किया जा रहा निराकरण, लगाये जा रहे हैं कोविड के टीके
विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम बरदर व लिलौटी में विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मनरेगा जॉब कार्ड के आवेदन, पेंशन योजना के आवेदन पत्र की स्वीकृति, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहिन न्याय योजना का आवेदन प्राप्त किया गया।
वन अधिकार मान्यता पत्र, खाद्य विभाग अंतर्गत शिविर में नवीन राशन कार्ड बनाने व इससे जुड़े अन्य समस्याओं का निराकरण किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पण्डो बहुल बसाहटों में नवीन हैण्डपम्प के लिए आवेदन तथा पुराने हैण्डपम्प के मरम्मत की जानकारी ली गयी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर में 30 पण्डो परिवारों के सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा 21 व्यक्तियों को कोविड के टीके लगवाएं गये। शिविर स्थल में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बलरामपुर द्वारा 24 व्यक्तियों का आयुष्मान कार्ड पंजीयन किया गया। इसी प्रकार क्रमशः विकासखण्ड कुसमी, शंकरगढ़, रामचन्द्रपुर व राजपुर में भी स्वास्थ्य व समाधान शिविर का आयोजन कर पहाड़ी कोरवा और पण्डो परिवारों की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।