छत्तीसगढ़

‘रूप नहीं गुण को देखो‘ अभियान का कलेक्टर ने किया शुभारम्भ

Shantanu Roy
31 Jan 2025 2:10 PM GMT
‘रूप नहीं गुण को देखो‘ अभियान का कलेक्टर ने किया शुभारम्भ
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छग
Jashpur. जशपुर। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के मंत्रणा सभाकक्ष में कलेक्टर रोहित व्यास, छत्तीसगढ़ यूनिसेफ एसबीसी स्पेशलिस्ट अभिषेक सिंह के द्वारा जिले में जिला प्रशासन, समग्र शिक्षा, यूनिसेफ एवं अलायंस फॉर बिहेवियर चेंज के द्वारा संचालित ‘रूप नहीं गुण को देखो‘, ‘पढ़ाई का कोना‘ और ‘आज क्या सीखा‘ अभियानों का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम जशपुर जिले की अभिनव पहल है, जिसके माध्यम से अभिभावकों में शिक्षा के प्रति व्यवहार की समझ बढ़ाने में सहायता मिलेगी ताकि शिक्षा में व्यापक और सतत परिवर्तन की नींव पड़ सके। सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन के सिद्धांत से सुसज्जित इन कार्यक्रमों में समाज के सभी प्रभावशाली वर्गों को समाहित किया जायेगा। जिसमें समाज प्रमुख, सीएसओ, महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं, एनएसएस, एनवाईकेएस, माई भारत युवा स्वयंसेवक आदि स्थानीय स्कूलों के साथ मिलकर अभिभावकों की सहभागिता सुनिश्चित कराएंगे।
इस अवसर पर कलेक्टर रोहित व्यास ने कहा कि किशोरों की उम्र संवेदनशील होती है, उनमें शारीरिक बनावट को लेकर आने वाली हीन भावना उनके आत्मविश्वास को कम करती है। बच्चों का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब उनका पूर्ण मानसिक विकास हो। प्रथम चरण में जिले के 200 ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम का संचालन किया जायेगा। परिणाम के आधार पर जिले के अन्य ग्राम पंचायतों में भी इसका विस्तार किया जायेगा। जशपुर एसएसपी शशिमोहन सिंह ने कहा कि रूप की अपेक्षा गुण का विकास किशोरों के समग्र विकास में क्रांति ला सकता है।
बेहतर शिक्षा परिणाम के लिए अभिभावक की सहभागिता के संवेदनशील विषय पर विचार रखते हुए छत्तीसगढ़ यूनिसेफ एसबीसी स्पेशलिस्ट अभिषेक सिंह ने कहा कि हर बच्चा अद्वितीय होता है, उसकी पहचान इसी से होनी चाहिए। उन्होंने रूप नहीं गुण पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि लिंग भेद, मोटा-पतला, काला-गोरा आदि से प्रभावित हुए बिना गुण का विकास करना प्राथमिकता होना चाहिए। समग्र शिक्षा परियोजना के डीएमसी गणेश सिन्हा ने कहा कि विद्यालयों के शिक्षक समुदाय से मिलकर एक बेहतर माहौल तैयार करेंगे।
इस प्रशिक्षण में अपने बच्चों की पढ़ाई को रुचिकर बनाने और सहभागी होने के लिए अभिभावकों द्वारा उनसे आज क्या सीखा प्रश्न करने के महत्व पर भी प्रशिक्षित किया। वहीं किशोर बालक-बालिकाओं में अपने शारीरिक बनावट के प्रति उदासीनता और उससे गिरते आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के निराकरण के लिए राज्य कॉर्डिनेटर सर्वत नकवी ने प्रशिक्षित किया। उन्होंने बताया कि माता-पिता का समर्थन बच्चों में अपने शरीर के प्रति सकारात्मक छवि और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद कर सकता है। तकनीकी पहलू का अभ्यास करवाकर किशोरों में अपने गुण को विकसित करने को कहा।
इस अवसर पर जिला समन्वयक तेजराम सारथी विकासखंड समन्वयक शालिनी गुप्ता समग्र शिक्षा के जिला अधिकारी गणेश सिन्हा, एनआरएलएम के डीपीएम विजय शरण प्रसाद, चेयरमैन और अलायंस फॉर बिहेवियर चेंज के स्टेट नोडल मनीष कश्यप सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और जय हो स्वयंसेवक गुरु देव प्रसाद, नेहा एक्का, रिन्टा गुप्ता उपस्थित रहे। रूप नहीं गुण को देखो कार्यक्रम जिला प्रशासन, समग्र शिक्षा एवं यूनिसेफ़ की एक अभिनव पहल है जिसके माध्यम से 7 से 18 वर्ष के बच्चों एवं किशोरों के लिए माता-पिता, अभिभावकों को एक सहायक और गैर-न्यायिक वातावरण बनाने के लिए उत्साहित किया जा रहा है। इससे किशोरावस्था से जुड़ी लैंगिक और शारीरिक बनावट संबंधित रुढियों और असुरक्षा की भावना को संबोधित करना लक्षित किया गया है। ‘पढ़ाई का कोना‘ में एक सुव्यवस्थित और आरामदायक पढ़ने का स्थान बना कर बच्चों की सीखने की दक्षता को बढ़ावा देने के साथ ही पढ़ने हेतु साकारात्मक मानसिकता का विकास करने का प्रयास किया जा रहा है। आज क्या सीखा के द्वारा अभिभावकों और उनके पढ़ने वाले बच्चों के परस्पर सहभागिता को बढ़ाते हुए स्कूल जानेवाले बच्चों से अभिभावक यह जानें कि वे रोज स्कूल में क्या सीख रहे हैं।
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