छत्तीसगढ़

शहर को हादसे का है इंतजार...?

Nilmani Pal
28 July 2022 5:22 AM GMT
शहर को हादसे का है इंतजार...?
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  1. नागरिक सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा जिम्मेदारों ने आखें मूंदीं
  2. राजनीतिक दलों को जान-माल की सुरक्षा की परवाह नहीं
  3. मानवाधिकार आयोग सामाजिक संगठन भी नहीं ले रहे संज्ञान
  4. जन संघर्ष समिति और बार एशोसिएशन भी खामोश
  5. जिला प्रशासन और म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ने उडाई नियम कायदों की धज्जियां
  6. यातायात पुलिस भी दुर्घटनाओं के मद्देनजर नियम विपरीत लगे होर्डिंग्स की कर रही अनदेखी

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। शहर में विज्ञापन नियमावली की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मानकों के विपरीत यूनीपोल व होर्डिंग लगाकर हादसों को तो न्योता दिया ही जा रहा है, साथ ही अवैध कमाई का भी खेल खेला जा रहा है। प्रदेश में लागू विज्ञापन नियमावली के अनुसार यूनीपोल या होर्डिंग ऐसी जगह पर नहीं लगाए जा सकते, जिससे वह यातायात में बाधक या फिर दुर्घटना का कारण बने। लेकिन नियमों मापदंडों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। शहर में दो एजेंसियों को यूनीपोल, होर्डिंग लगाने के काम सौंपे गए हैं। ये एजेंसियां खुले तौर पर मानकों की धज्जियां उड़ाई रही हैं। इसके बावजूद अधिकारी मापदंडों के तहत यूनीपोल लगाने का हवाला दे रहे हैं। चौराहे व उसके आसपास होर्डिंग नहीं लगाए जा सकते, मगर पांच रास्ते वाले जगहों पर शोभायमान बड़े-बड़े होर्डिंग यूनीपोल निगम प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

नियम-कानून के विपरीत लगे होर्डिंग, नागरिक सुरक्षा से कर रहे खिलवाड़

क्या निगम ने एड एजेंसी के द्वारा चिन्हित किए गए स्थल को बिना सर्वे करवाया या बिना देखे ही फायनल किया था

रोड डिवाइडर पर भी नियमो का उलंघन किया गया है

300 मीटर दूरी में एक होर्डिंग ही होना चाहिए उसमे भी साइज का निर्धारण यातायात बाधित नहीं हो को ध्यान रखते हुए

रायपुर में अवैध होर्डिंग की संख्या कम से कम 600 की है

मकान मालिक कभी भवन मजबूती का कोई प्रमाण पत्र किसी स्ट्रेचर इंजीनियर से नही करवाता है और न ही निगम के अधिकारी कभी जांच करते है

पूरी होर्डिंग जो छत पर लगी हुई है उसका टैक्स वो छत मालिक के नाम से पटवा देता है कम रेट पर

छत पर लगी होर्डिंग को वायर से कर्व्ड करने का प्रावधान है तथा हर 5 फिट में होर्डिंग को हवा पास करने के लिए गोल छेद करना जरूरी है पर न तो वायर से कर्व्ड किया जाता है ना ही छेद किया जाता है

कई बार फ्लैक्स आंधी में फट जाते है और हाई टेंशन बिजली के तारों में लिपट जाते है जिससे आग जनि हो जाती है जिसकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं

देखा जाए तो छत वाली होर्डिंग में लगी बिजली लाइन जिसमे हिलोजन लगाया गया है वो भी हाई टेंशन लाइन से लि जाती होगी उस पर भी किसी का ध्यान नहीं जाता है

जो एजेंसी या छत मालिक टैक्स देता है बस उतने की ही जानकारी देते हैं

निगम द्वारा संचालित कमेटी को भी कितनी अवैध होर्डिंग है की जानकारी नहीं है

निगम की होर्डिंग गाइडलाइन को सार्वजनिक किया जाना जरूरी है

देखने में ये भी आता है की छत मालिक से एक साल टैक्स पटवा लेते हैं अगले साल एजेंसी खुद मालिक को बोल देती है की अब से हम टैक्स भरवा देगे और किराए से टैक्स का पैसा काट लेगे और मालिक कभी उनसे टैक्स की रसीद नही मांगता है और सेटिंग से खेल हो जाता है

टैक्स का निर्धारण कैसे होता है उसके बारे में कोई गाईड लाइन है क्या आज तक ऐसा कोई विज्ञापन निगम ने कभी सार्वजनिक नही किया

छत पर लगी दो होर्डिंग को एक होर्डिंग बना कर दुकानदारी की जा रही है

जेल रोड देवेंद्र नगर चौक में एक ही होर्डिंग का टैक्स पटाया जाता है और एक ही होर्डिंग को दोनो तरफ से फ्लैक्स लगा कर डबल कमाई की जाती है

10 साल में कितनी अवेध होर्डिंग पर कार्यवाही हुई

अवैध होर्डिंग पर किस आधार पर बिजली विभाग परमिशन देता है

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