छत्तीसगढ़

छग अल्पसंख्यक आयोग में चेयरमेन मुस्लिम हो

Nilmani Pal
24 Nov 2021 5:18 AM GMT
छग अल्पसंख्यक आयोग में चेयरमेन मुस्लिम हो
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  1. मुस्लिम समाज का प्रतिनिधि-मंडल सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और भूपेश बघेल से मिलने की कर रहे हैं तैयारी
  2. कांग्रेस की सरकार बनने पर आशा की लहर एक लहर दौड़ी थी कि आयोग के जरिए समाज को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा
  3. क्या कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को बदल दिया जाएगा?
  4. मुस्लिमों की आपसी सहमति से किसी सुन्नी मुस्लिम को ही अध्यक्ष बनाने राजी
  5. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मुस्लिमों को अपने पाले में करने जी जान लगा रही है तो छत्तीसगढ़ में उपेक्षा क्यों?
  6. एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने की तैयारी कर रहा
  7. उत्तरप्रदेश में मुस्लिम नेता मुख्तार अंसारी और पिछड़े वर्ग के नेता भी कांग्रेस को समर्थन देने आतुर
  8. प्रभारी महामंत्री खुद मुस्लिम बहुल क्षेत्र बाराबंकी से चुनाव लड़ते हैं
  9. मुस्लिम समाज का प्रतिनिधिमंडल प्रियंका गांधी से लखनऊ जाकर मिलेगा - जिस तरीके से उत्तरप्रदेश में चुनाव से पहले राजनीतिक उठापटक तेज होते जा रही है, वहीं मुस्लिम समाज को अपने पाले में डालने के लिए प्रियंका गांधी स्वयं मानिटरिंग कर रही है। उत्तरप्रदेश के बड़े मुस्लिम नेता मुख्तार अंसारी सहित कई लोग कांग्रेस की मदद करने आतुर दिख रहे है। इन सब घटनाक्रम के देखते हुए रायपुर के एक मुस्लिम नेता ने बताया कि वे शीघ्र ही प्रतिनिधिमंडल लेकर लखनऊ जाएंगे, जहां प्रियंका गांधी से मुलाकात कर छग अल्पसंख्यक आयोग में किसी सुन्नी मुस्लिम को अध्यक्ष पद देने हेतु गुहार लगाएंगे एवं इन्य पदों पर भी शीघ्र नियुक्ति करवाने के लिए निवेदन करेंगे।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुस्लिम समाज के लोगों ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर समाज के व्यक्ति को नियुक्त करने की मांग की है। मुस्लिम समाज ने इस सम्बन्ध में तर्क देते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय प्रारम्भ से ही कांग्रेस का समर्थक रहा है और अल्पसंख्यक आयोग जैसे महत्वपूर्ण और गरिमामय पद पर कांग्रेस मुस्लिमों को ही सुशोभित कराते आयी है। इस संबंध में मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों प्रभारी महामंत्री से स्टेट गेस्ट हॉउस पहुना में मुलाकात कर किसी मुस्लिम नेता को इस पद पर बिठाने की गुजारिश की थी लेकिन प्रभारी महामंत्री का कहना था कि उन्हें इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है तथा उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वे जल्द ही इस बारे में हाईकमान चर्चा कर जल्द ही नियुक्तियां करवाएंगे। गौर तलब है कि प्रभारी महामंत्री खुद उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल एरिया बाराबंकी से चुनाव लड़ते हैं। सूत्रों ने जानकारी दी कि मुस्लिम समाज का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही लखनऊ जाकर प्रियंका गांधी से भी मिलकर नियुक्ति हेतु आग्रह करेगा। वर्तमान में आयोग का अध्यक्ष गैर मुस्लिम समाज से है। मुस्लिम समाज के लोगों ने कांग्रेस हाईकमान और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर समाज के व्यक्ति को आयोग में मुस्लिम समाज से ही किसी को चेयरमेन नियुक्त करने की मांग की है। मुस्लिम समाज कांग्रेस पार्टी के समर्थक होने के बावजूद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी समाज को अल्प संख्यक आयोग में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। इससे समाज के लोगों में मायूसी है। कांग्रेस के प्रति वफादार रहने वाले समाज के प्रतिनिधियों ने सोनिया गांधी और भूपेश बघेल से मांग की है कि समाज को मुस्लिम कल्याण के लिए बनाए गए आयोग में प्रतिनिधित्व दिया जाए जिससे मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी समस्याओं का समाधान निकालते हुए समाज के कल्याण के लिए कार्य कर सकें। समाज के लोगों ने कहा कि अल्पसंख्यकों में सर्वाधिक संख्या मुस्लिम समाज के लोगों की है इसके बाद भी अल्पसंख्यक आयोग में मुस्लिम को अध्यक्ष नहीं बनाया गया है। जबकि पडोसी राज्य मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद अल्पसंख्यक आयोग में भाजपा समर्थक मुस्लिम को ही अध्यक्ष पद पर बिठाया है। साथ ही केंद्र की मोदी सरकार ने भी अपने पिछले बजट 4700 करोड़ में इजाफा करते हुए 5029 करोड़ का बजट अल्पसंख्यकों के तरक्की के लिए दिया है। समाज के लोगों ने इस पर सोनिया गांधी से हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए राज्य सरकार को निर्देशित कर आयोग में मुस्लिम चेयरमेन की नियुक्ति कर समाज में बढ़ रही नाराजगी को दूर करने की मांग की है। अभी आने वाले कुछ महीनों में उत्तरप्रदेश जैसे सबसे बड़े राज्य में विधानसभा चुनाव होना है जहां प्रियंका गांधी खुद मोर्चा संभाले हुई हैं तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए मुख्य आब्जर्बर भी बनाई हैं। भूपेश बघेल की उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्य भूमिका रहेगी। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संज्ञान में लेकर तत्काल इस पर कार्य करना चाहिए, क्योकि उत्तरप्रदेश स्थित किछोछा शरीफ, बरेली शरीफ, देवा शरीफ, मकनपुर शरीफ और अन्य प्रमुख दरगाह और खानकाह के अनुयायी शतप्रतिशत सुन्नी मुस्लिम हैं जहां उनका आमदरफ्त पूरे साल बना रहता है। और एक दूसरे से आपसी संपर्क भी बना रहता है। जिससे छत्तीसगढ़ की राजनीतिक हालात से उत्तरप्रदेश के लोग वाकिफ भी रहते हैं। इसका सीधा असर उत्तरप्रदेश चुनाव में देखने को मिल सकता है।

भाजपा ने अपने शासन काल में पहले मुस्लिम को ही अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया था। दूसरे कार्यकाल में गैर मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को चेयरमेन बनाया था और उसी तर्ज पर कांग्रेस सरकार ने भी एक गैर मुस्लिम को आयोग का अध्यक्ष बनाकर मुस्लिम समाज की उपेक्षा की है। ऐसे में मुस्लिमो का समर्थन कांग्रेस को मिलता रहे इसके लिए सरकार के आयोग में समाज को अधिकाधिक प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ में राज्य निर्माण के बाद पहली सरकार में कांग्रेस की बनी थी। भाजपा शासन काल के कुछ वर्षों तक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को ही अल्पसंख्यक आयोग का प्रतिनिधित्व सौपने के बाद क्रिश्चन और सिख समुदाय के व्यक्तियों को आयोग का चेयरमेन बनाया गया था। कांग्रेस की ये परंपरा रही है कि मुस्लिम समुदाय में सर्वाधिक संख्या वाले सुन्नी मुसलमानों को ही आयोग का चेयरमेन का पद दिया जाता रहा है। चेयरमेन का पद कैबिनेट दर्जा प्रप्त होता है इससे समाज को सरकार में प्रतिनिधित्व मिलने का भान होता है और वे इसके माध्यम से ही अपनी समस्याों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करता है। इस नियुक्ति के आधार पर ही मुसलमानों का बड़ा वर्ग कांग्रेस को अपना समर्थन देते आ रहा है। लेकिन कांग्रेस सरकार में गैर मुस्लिम समुदाय से आयोग का चेररमेन बनाए जाने और सुन्नी मुसलमान समुदाय को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से समुदाय के लोगों का दर्द उभर आया है। अपनी इसी पीड़ा से समाज के लोगों और मुस्लिम कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधि मंडल शीघ्र ही सोनिया गांधी, प्रियंका गाँधी व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर अपनी बात रखने का विचार कर रहा है।

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