सर्विस लेन से सटे मकान वालों ने आवाजाही के लिए दर्जनों रास्ते खोले
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। एक्सप्रेस-वे पर करीब 40 जगहों पर मौत के द्वार खुले हैं। बिल्डरों ने नियम-कायदों को ताक पर रखकर कालोनियों के मुख्य द्वार एक्सप्रेस-वे की तरफ और सर्विस लेन से सटे मकान वालों ने सर्विस लेन की ओर द्वार खोल दिए हैं। छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीजीआरडीसी) के अधिकारियों ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो एक्सप्रेस-वे पर खुले ये द्वार मौत के द्वार में तब्दील हो जाएंगे, क्योंकि इनके चलते आए दिन सड़क हादसे होंगे। अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे का काम चल रहा है, काम पूरा होते ही दोनों तरफ ग्रिल लगा दी जाएगी, जिससे लोगों का आना-जाना बंद हो जाएगा। गौरतलब है कि रायपुर- धमतरी छोटी लाइन पर 295.87 करोड़ की लागत से एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है। वर्तमान में ओवरब्रिज पर स्ट्रीट लाइट लगाने और फिनिशिंग का काम चल रहा है, लेकिन ट्रायल के लिए इसे खोल दिया गया है। एक्सप्रेस-वे से वाहन फार्राटे भरने लगे हैं। एक्सप्रेस-वे की पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। देवेंद्र नगर से अमलीडीह तक 40 जगहों पर कालोनियों और मकानों के दरवाजे एक्सप्रेस-वे की तरफ खुले मिले। कुछ जगहों पर नई कालोनी बसाने के लिए प्लाटिंग की जा रही है, उनके भी द्वार एक्सप्रेस-वे की तरफ हैं। पंडरी और अमलीडीह के बीच में सबसे ज्यादा द्वार खुले हैं। गोल्डन स्काई नामक कालोनी के गेट का निर्माण एक्सप्रेस-वे की तरफ किया जा रहा है। लास विस्टा कालोनी का गेट खोलकर एक्सप्रेस-वे की तरफ से आना-जाना शुरू कर दिया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार एक्सप्रेस-वे का निर्माण इसलिए किया गया है कि शहर के भीतर की सड़कों पर दवाब कम हो। लोग बिना जाम में फंसे सीधे रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पहुंच सकें। वर्तमान में एयरपोर्ट से स्टेशन आने-जाने के लिए शहर के भीतरी भीड़भाड़ वाले इलाकों फाफाडीह चौक, आंबेडकर चौक, शास्त्री चौक से होकर गुजरना पड़ता है।
एक्सप्रेस-वे का काम चल रहा है। कालोनीवासी गेट खोल रहे हैं। एक्सप्रेस-वे का काम पूरा होते ही दोनों तरफ ग्रील लगा दी जाएगी। इससे खुद-ब-खुद एक्सप्रेस-वे की तरफ से सबका आना जाना बंद हो जाएगा।
-धनश्याम कश्यप, एडिशनल एमडी सीजीआरडीसी रायपुर