आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी दवाओं की आपूर्ति ठप का मामला, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश
बिलासपुर। प्रदेश में आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी दवाओं की आपूर्ति ठप होने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, स्वास्थ्य सचिव तथा सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
विधायक व पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन पर प्रदेश में आयुर्वेदिक, यूनानी तथा होम्योपैथिक दवाओं की आपूर्ति की जिम्मेदारी है। आपूर्ति के लिए सन् 2018 में टेंडर निकाला गया था, जिसकी अवधि दिसंबर 2020 में पूरी हो गई। इसके बाद से कोई टेंडर फाइनल नहीं हुआ। कार्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. प्रीतम सिंह ने प्रबंध संचालक से आग्रह किया था कि जब तक नया टेंडर फाइनल नहीं होता है, पुराने के आधार पर सप्लाई जारी रखी जाए। इसके बावजूद न तो नया टेंडर निकाला गया है और न ही दवाओं की सप्लाई की जा रही है। इसके चलते विगत दो वर्षों से मरीज पेरशान हैं। सीजीएमएससी ने अपने अध्यक्ष के ही प्रस्ताव को नहीं माना है। याचिकाकर्ता ने इस मामले को मार्च 2022 में विधानसभा में भी उठाया था। आयुष विभाग ने भी सीजीएमएससी को दवा सप्लाई शुरू करने का अनुरोध किया था। इसके बाद भी अब तक कोई पहल नही की गई।
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को तय की है।